शासक नहीं सेवक मानता हूँ : मुख्यमंत्री श्री चौहान

शासक नहीं सेवक मानता हूँ : मुख्यमंत्री श्री चौहान

संदीप कपूर/हितेन्द्र भदौरिया————————– मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान उज्जैन में जूना पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर आचार्य स्वामी अवधेशानन्द गिरि के आश्रम में भागवत कथा सुनी। श्री चौहान ने श्रद्धालुओं को भजन भी सुनाया। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं को शासक नहीं सेवक मानता हूँ।

सदा यह प्रार्थना करता हूँ कि सदमार्ग पर चलता रहूँ और सदबुद्धि बनी रहे। उन्होंने गुरू के मार्गदर्शन को हितकर बताया। इस मौके पर राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया, महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह और पूर्व मंत्री श्री ध्यानेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान निनोरा के बाद श्री गिरि के शिविर में गये, जहाँ उन्होंने भागवत कथा सुनी। उनके साथ धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह भी थीं। श्री चौहान ने इस मौके पर ‘राम भजन सुखदायी’ भजन उपस्थित श्रद्धालुओं को सुनाया।

अरूणाचल प्रदेश से आये लोक कलाकारों ने आश्रम में संपूर्ण भारत के श्रद्धालुओं के बीच जब गुजरात के गरबा नृत्य पर भावपूर्ण प्रस्तुति दी, तो पंडाल में संपूर्ण भारत एकाकार हो गया ।

किसी कुंभ में श्रद्धालुओं की इतनी सहभागिता नहीं देखी

स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने कहा कि आध्यात्मिक अंत:करण से जब शासन चलाया जाता है, तो वह शासन सर्वथा हितकारी रहता है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान इसी सोच के साथ शासन व्यवस्था चला रहे हैं। स्वामी जी ने विचार कुम्भ के सफल आयोजन पर मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा भारत में संपन्न हुए किसी कुम्भ में इतने अधिक श्रद्धालुओं की सहभागिता देखने को नहीं मिली, जितनी उज्जैन सिंहस्थ में दृश्यमान है। स्वामी जी ने कहा कि सौम्य, शिष्ट, शालीन और आध्यात्मिक वृत्ति के मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा शासन संचालन राज्य के लिए हितकारी है।

Related post

तीसरे चरण : 11 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में  – रात 8 बजे तक 61.45% मतदान

तीसरे चरण : 11 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में – रात 8 बजे तक 61.45% मतदान

आम चुनाव के तीसरे चरण में 11 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में शांतिपूर्ण मतदान मतदान प्रतिशत – रात…
विश्व अस्थमा दिवस 07 मई : : अस्थमा की रोकथाम के लिए बचाव और सतर्कता है जरूरी : विनिता झा

विश्व अस्थमा दिवस 07 मई : : अस्थमा की रोकथाम के लिए बचाव और सतर्कता है जरूरी…

आकांक्षा प्रिया———   निया भर के लोगों में अस्थमा सांस से जुड़ी हुई एक गंभीर समस्या बनी…
पुस्तक समीक्षा : लेखिका एवं व्यंग्यकार रिंकल शर्मा रचित “बुरे फंसे” पुस्तक

पुस्तक समीक्षा : लेखिका एवं व्यंग्यकार रिंकल शर्मा रचित “बुरे फंसे” पुस्तक

आकांक्षा प्रिया————– पिछले दिनों मेरे द्वारा पढ़ी जाने वाली पुस्तक रही “बुरे फंसे”, जो कि एक हास्य…

Leave a Reply