वैज्ञानिक विधि से ही खनन संक्रियाओं के संचालन के निर्देश

वैज्ञानिक विधि से ही खनन संक्रियाओं के संचालन के  निर्देश

देहरादून (रवि बिजारनिया)———–मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा अवैध खनन पर पूरी तरह से अंकुश लगाने तथा वैज्ञानिक विधि से ही खनन संक्रियाओं के संचालन के स्पष्ट निर्देश दिये हैं। विदित है कि राज्य में खनिजों के परिवहन हेतु प्रयुक्त होने वाले मैनुअल रवन्ना के स्थान पर षासन द्वारा लागू ईरवन्ना की व्यवस्था पूरे राज्य के समस्त जनपदों में प्रभावी रूप से लागू हैं।

सचिव, खनन श्री शैलेश बगोली ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में खनन क्षेत्रों के आसपास इन्टरनेट सुविधा उपलब्ध ना होने की समस्या का भी विशेष ध्यान रखते हुए षासन द्वारा यह व्यवस्था दी गयी हैं कि खनन व्यवसायी जहाॅ कही भी इन्टरनेट उपलब्ध वहाॅ से ही ईरवन्ना जारी कर सकते हैं तथा ईरवन्ना जारी होते ही एक एस0एम0एस0 उस वाहन चालक के मोबाईल पर पहुॅच जाता हैं, जिसे खनिज सामग्री ले जाने की अनुमति खनन व्यवसायी देना चाह रहा हों। उक्त एस0एम0एस0 मैसेज में ईरवन्ना की समस्त वांछनीय जानकारी उपलब्ध होती हैं।

एस0एम0एस0 प्राप्त होते ही वाहन चालक अपने गन्तव्य के ओर प्रस्थान कर सकता हैं तथा मार्ग में जाॅच दलों को ईरवन्ना के रूप में उक्त एस0एम0एस0 दिखा सकता हैं। उन्होंने बताया कि वे लगातार ईरवन्ना व्यवस्था की माॅनिटर कर रहे हैं तथा साॅफ्टवेयर को अधिकाधिक व्यवहारिक एवं परिणाम प्रेरक बनाने पर जोर दे रहे हैं।

खनन संक्रियाओं के संचालन में अधिकाधिक आधुनिक तकनीक के समावेश की बागडोर संभाल रहे हैं। शासन द्वारा ईरवन्ना व्यवस्था के अन्तर्गत खनन उद्यमियों की सुविधा एवं उनकी परेशानियों के निस्तारण के लिए एक कन्ट्रोल रूम भी देहरादून में खोला हुआ हैं, जिसका अस्थायी कार्यालय होटल द्रौण के अन्तर्गत हैं।

उक्त कन्ट्रोल रूम के हेल्पलाईन नम्बर 8192802345 एवं 8192802320 हैं तथा ईमेल आई0डी0 हैं। शासन के प्रयत्न के वजह से विगत वर्ष 201617 में खनिजों से राजस्व प्राप्ति का आॅकडा 335 करोड पहुॅच गया हैं। इस प्रकार विगत वर्ष के सापेक्ष लगभग 25 प्रतिशत अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई हैं।

वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए शासन ने 550 करोड के आॅकडें को पार करने का लक्ष्य निर्धारित किया हैं। सचिव, श्री बगोली ने बताया कि ईरवन्ना को लेकर समय समय पर स्कैन ईरवन्ने, डुप्लीकेट रवन्ने की शिकायते भी शासन को प्राप्त होती रहती हैं, जिसके समाधान के लिये डपदपदह ळनंतक के नाम से एक एन्ड्रोइड मोबाईल एप्लीकेशन तैयार कर ली गयी हैं, जिसे गूगल प्ले स्टोर में स्थापित कर दिया गया हैं। कोई भी अधिकारी, कर्मचारी अथवा आम व्यक्ति इसे डाउनलोड कर सकता हैं।

उन्होंने बताया कि इस आॅनलाईन मोबाईल एप्लीकेशन में वाहन सॅख्या अंकित करने पर यदि उस वाहन के पास उस समय विशेष के लिये कोई ईरवन्ना निर्गत हो रखा होगा तो उस ईरवन्ने के सम्पूर्ण सूचना प्राप्त हो जायेगी अन्यथा एक मैसेज आयेगा कि उक्त वाहन सॅख्या के पक्ष में वर्तमान में कोई रवन्ना निर्गत नहीं हैं।

इस प्रकार दोनों ही स्थिति में वास्तविक आॅकडों के साथ वाहन की जाॅच आसानी से की जा सकती हैं। यही नहीं यदि वाहन चालक कोई प्रिन्टेड रवन्ना प्रस्तुत करता हैं अथवा एस0एम0एस0 प्रस्तुत करता हैं तो उस अभिलेख के आॅकडों की वास्तविकता की जाॅच भी आसानी से की जा सकेगी इसके लिये रवन्ने का तेरह अंको का रवन्ना सॅख्या मोबाईल एप्लीकेशन में भर कर प्रेषित की जानी होगी। सभी सरकारी निर्माण ऐजन्सिया भी ठेकेदारों द्वारा प्रस्तुत किये जा रहे रवन्नो की वास्तविकता की जाॅच भी इस मोबाईल एप्लीकेशन के माध्यम से आसानी से कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि रवन्नों की जाॅच के लिये सूदूर पर्वतीय क्षेत्रों की कठिनाईयों का भी विषेश ध्यान रखते हुए पुल एस0एम0एस0 सुविधा प्रारम्भ कर दी गयी हैं। इस व्यवस्था के अन्तर्गत उपभोक्ता द्वारा अपने मोबाईल के मैसेज बाक्स में जाकर टाईप कर फिर वाहन का पूरा नम्बर जैसे 081234 टाईप कर 166, 51969 अथवा 9223166166 नम्बरों में से किसी एक नम्बर पर एस0एम0एस0 भेजना होगा, यदि उस वाहन के लिये उस समय विशेष में कोई रवन्ना निर्गत हुआ होगा तो तत्काल रवन्ने की समस्त सूचना एस0एम0एस0 के माध्यम से आॅटोमेटिकली प्राप्त हो जायेगीं।

रवन्ने में अंकित फाॅर्म नम्बर को टाइप करने पर भी वास्तविक जानकारी एस0एम0एस0 के माध्यम से प्राप्त की जा सकती हैं। उदाहरण के तौर पर मैसेज बाक्स में जाकर हउ तंअ न्ज्ञ 081234 अथवा 00891000005 टाइप कर उपरोक्त नम्बरों में एस0एम0एस0 भेज सकते हैं। यह व्यवस्था पर्वतीय जनपदों के लिये अत्यन्त कारगर साबित होगीं।

जनता की सहभागिता एवं विभिन्न विभागों के जाॅच दलों द्वारा इन एप्लीकेषनों के अधिकाधिक उपयोग से अवैध परिवहन पर बहुत हद तक नियन्त्रण प्राप्त किया जा सकेगा। ईरवन्ना के नोडल अधिकारी श्री जी0डी0 प्रसाद को जनपदों के जिला मुख्यालयों में राजस्व विभाग, पुलिस विभाग एवं अन्य विभागों के अधिकारियों को ईरवन्ने से सम्बन्धित सभी जानकारियों का प्रशिक्षण देने के लिये भेजा जा रहा हैं।

हरिद्वार में बैठक सम्पन्न कर ली गयी हैं। शीघ्र ही उधमसिंहनगर व नैनीताल में प्रषिक्षण कार्यक्रम आहूत किया जा रहा हैं। खनन उद्यमियों को राॅयल्टी आदि जमा कराने के लिये ट्रैजरी चालान व्यवस्था के साथसाथ आॅनलाईन पैमेन्ट व्यवस्था बहुत शीघ्र प्रारम्भ की जा रहीं हैं, जिस पर अन्तिम चरण का कार्य चल रहा हैं। इससे खनन उद्यमियों को काफी राहत महसूस होगीं। वहीं भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग को खनिजों से प्राप्त राजस्व का रियल टाइम द्वारा उपलब्ध हो सकेगा।

बिक्रीकर एवं ट्रैजरी के देहउपरान्त परिवहन विभाग एवं आयकर विभाग से भी सहचर्य कर आॅनलाईन डाटा शेयरिंग की योजना भी बनायी जा रही हैं। श्री बगोली ने बताया कि खनिजों के वैज्ञानिक विदौहन एवं अवैध खनन, अवैध भण्डारण तथा अवैध परिवहन पर प्रभावी नियन्त्रण हेतु षासन द्वारा ’’जियो इंफार्मेटिक सेल‘‘ का गठन किया जा रहा हैं, जिसके अन्तर्गत समस्त खनन क्षेत्रों के जी0आई0एस0 मानचित्र तैयार कराये जा रहे हैं।

सरकारी निगमों को आवंटित खनन क्षेत्रों के जी0आई0एस0 मानचित्र तैयार करने का कार्य पूर्ण कर लिया गया हैं। निजी खनन पट्टों के काॅर्डिनेटस एकत्र किये जा रहे हैं, जिनके जी0आई0एस0 मानचित्र षीघ्र तैयार किये जा रहे हैं। सभी खनन क्षेत्रों एवं खनिज आधारित उद्योगों, जाॅच चैकियों आदि को जी0आई0एस0 मानचित्र पर अंकित कर लिया जायेगा।

इस योजना के अन्तर्गत सभी वाहनों पर जी0पी0एस0 एवं आर0एफ0आई0डी0 सिस्टम लगाये जायेंगे। एक रवन्नें के एक से अधिक बार उपयोग करने को दृश्टिगत रखते हुए खनिजों के परिवहन की आॅनलाईन रियल टाइम माॅनेटिरिंग की जायेगी। अवैध खनन पर माइनिंग सर्विलाॅस साफ्टवेयर के माध्यम से प्रभावी नियन्त्रण किया जायेगा। इसके लिये आवष्यक मोबाईल एप्लीकेषन भी तैयार करायी जा रहीं हैं।

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