• March 19, 2016

विधानसभा में:खनन प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन करने की घोषणा:- मंत्री श्री राजकुमार रिणवा

विधानसभा में:खनन प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन करने की घोषणा:- मंत्री श्री राजकुमार रिणवा

जयपुर — खान राज्य  ने  विधानसभा में कहा कि प्रदेश में खनन प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे पूरी तरह से पारदर्शिता रहे। उन्होंने घोषणा की कि अप्रधान खनिजों के आवंटन में अनुसूचित जाति, जनजाति व विशेष योग्यजन को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि नवीन खनिज नीति के तहत राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली को भी संशोधित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

श्री रिणवा ने कहा कि खनिज बाहुल्य क्षेत्रों में खराब हालत के मद्देनजर 150 करोड़ रुपए के बजट से लगभग 110 किलोमीटर सड़कों का सुदृढ़ीकरण, नवीनीकरण एवं नई सड़काें का निर्माण करवाया जायेगा। खान राज्य मंत्री सदन में मांग संख्या-43 खनिज पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। बहस के बाद सदन ने खनिज की 5 अरब  42 करोड़ 49 लाख 93 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं।

श्री रिणवा ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि मांग के संबंध में जो 201 कटौती प्रस्ताव सदन में आए हैं, उनका अध्ययन कराकर जवाब भिजवाया जाएगा। श्री रिणवा ने कहा कि खनिज उपलब्धता की दृष्टि से राजस्थान राज्य, झारखण्ड के बाद सबसे अधिक खनिज सम्पदा वाला प्रदेश है ।

उन्होंने कहा कि देश के कुल तेल उत्पादन में प्रदेश से 30 प्रतिशत का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के जैसलमेर बेसिन से प्राकृतिक गैस के भण्डार खोजे जा चुके हैं तथा 22 लाख घन मीटर गैस का उत्पादन प्रतिदिन प्रदेश में किया जा रहा है।

श्री रिणवा ने बताया कि रिफाइनरी की स्थापना के लिये गत सरकार द्वारा ऎसी कार्ययोजना बनाई गई थी, जिससे रिफाइनरी की स्थापना से प्रदेश को कोई फायदा नहीं पहुंच रहा था। इसीलिये रिफाइनरी स्थापना में रखे गये वित्तीय प्रावधानों की समीक्षा करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि रिसर्जेन्ट राजस्थान-2015 में खनन क्षेत्र में 45,607 करोड़ रुपये के 16 एमओयू तथा पेट्रोलियम क्षेत्र में 30,530 करोड़ रुपये के एमओयू साइन किये गये।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार सिलिकोसिस बीमारी की रोकथाम एवं पुनर्वास के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है, तथा इसके लिए व्यापक कदम उठाए गए हैंं।  खान राज्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के खान विभाग द्वारा पांच हजार करोड़ रू. के आय लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 3,334 करोड़ रुपये का लक्ष्य प्राप्त किया है।  श्री रिणवा ने बताया कि पिछली सरकार द्वारा वर्ष 2011 में खनिज नीति का प्रकाशन किया गया था, जो खनन क्षेत्र को बढ़ावा देने में विफल रही है। वर्तमान में राज्य में खनन विकास को गति देने के लिए नई खनिज नीति  जारी की गई, जिसमें कई लाभकारी प्रावधान सम्मिलित किये गये।

खान राज्य मंत्री ने कहा कि खनन पट्टा स्वीकृति में अनियमितताओं की सूचना मिलने पर 1 नवम्बर, 2014 से 12 जनवरी, 2015 तक अवधि में जारी खनन पट्टा स्वीकृति हेतु जारी 548 मंशापत्र (एल.ओ.आई.) एंव 53 पूर्वेक्षण अनुज्ञापत्रों की स्वीकृति को निरस्त किया गया। वर्तमान में प्रकरण लोकायुक्त के स्तर पर जांच हेतु विचाराधीन है।

खान राज्य मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने उनके 5 वर्षों के कार्यकाल में 13,687 प्रकरण अवैध खनन, निर्गमन एवं भण्ड़ारण के पकड़े थे, जबकि वर्तमान सरकार द्वारा लगभग सवा दो वर्षों में 9,052 प्रकरण पकड़ कार्यवाही की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने खनिज बजरी की दर पर भी प्रभावी नियंत्रण किया है।

नवीन खोजों के बारे में श्री रिणवा ने कहा कि खनिज लाइमस्टोन एवं लिग्नाइट के प्रदेश में कई नवीन क्षेत्र खोजे गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा एम.एम.डी.आर. (संशोधन) अधिनियम, 2015 की पालना में राज्य में प्रथम स्तर पर कुल 11 ब्लॉक खनन पट्टों एवं पूर्वेक्षण सह खनन पट्टा हेतु नीलामी के लिये चिन्हित किये गये हैं।

खान राज्य मंत्री द्वारा सदन में की गई घोषणाएंः

1.   जिप्सम खनन हेतु खातेदारी भूमि में खातेदार को विशेष परमिट जारी करने पर विचार।

2.   सभी प्रकार के खनन पट्टा आवेदन ऑनलाइन ही स्वीकार किये जायेंगे।

3.   खानों एवं खनन गतिविधियों के बेहतर नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण हेतु विभागीय पुर्नगठन के तहत बीकानेर में अतिरिक्त निदेशक (खान) का कार्यालय एवं सीकर, सिरोही व बांसवाड़ा में अधीक्षण खनि अभियंता के कार्यालय खोले जाएंगे।

4.   अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में खनिजों की खोज को बढ़ावा देने हेतु विभागीय पुर्नगठन के तहत अधीक्षण भू-वैज्ञानिक का कार्यालय बांसवाड़ा में खोला जाएगा।

5.   सभी जिला मुख्यालयों पर खनि अभियंता स्तर के कार्यालय खोलने के क्रम में विभागीय पुर्नगठन के तहत जिला मुख्यालय, टोंक एवं झालावाड़ पर खान विभाग के कार्यालयों को खनि अभियंता के पद पर क्रमोन्नत किया जायेगा।

6.   भारत सरकार से नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट के द्वारा पूर्वेक्षण कार्य हेतु राशि आवंटित करवाकर खनिज पोटाश की खोज का कार्य किया जायेगा।

7.   प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत सभी जिलों में डिस्ट्रक्ट मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट (डी.एम.एफ.टी.) का गठन कर खान मालिकों द्वारा दी गई अंशराशि से खनन क्षेत्रों में पर्यावरण, स्वास्थ्य एवं यातायात व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने का कार्य किया जायेगा।

8.   अप्रधान खनिजों के आवंटन में अनुसूचित जाति, जनजाति व विशेष योग्यजन को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा।

9.   प्रत्येक जिले में सभी नियमों का पालन कर वैधानिक तरीके से खनन कार्य करने वाली आदर्श खान का चयन कर खनन पट्टाधारी को पुरस्कृत किया जायेगा।

10.  खान श्रमिकों का सिलिकोसिस बीमारी से बचाव के लिए रिहेब बजट से पचास लाख रुपये के डस्ट मास्क वितरित किए जा चुके हैं और आगे भी वितरण जारी रहेगा।

11.  राज्य में खनिजों की खोज के कार्य हेतु अधिक गहराई तक ड्रिलिंग करने हेतु उन्नत मशीनें आरएसएमएम लि. के मार्फत उपलब्ध कराई जाकर खनिजों के खोज के कार्य को गति दी जायेगी।

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