विधानसभा बजट —गरीब आदिवासीयो के लिए सिंचाई एवं पेयजल हेतु आवाज

विधानसभा  बजट —गरीब आदिवासीयो के लिए सिंचाई एवं पेयजल हेतु आवाज

विधानसभा बजट सत्र में विधायक रामलाल जी मीणा ने प्रतापगढ़ क्षेत्र के गरीब आदिवासीयो के लिए सिंचाई एवं पेयजल हेतु आवाज उठाई जिसके जवाब में मंत्री महोदय ने आश्वस्त किया की शीघ्र जाखम बांध के अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण कर जाखम में जल भराव क्षमता को बढ़ाया जायेगा।

जिससे संपूर्ण प्रतापगढ़ विधानसभा क्षेत्र के गांव-गांव तक जल पहुंचाया जा सके एवं जाखम बांध के नजदीक बसने वाले गरीब आदिवासी क्षेत्र बड़ी सादड़ी विधानसभा की ग्राम पंचायतों में पेयजल के साथ सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराया जायेगा ।

विधयक मोहित भावसार ने जानकर देते बाते की इस हेतु प्रतापगढ़ विधायक रामलाल जी विधानसभा क्षेत्र प्रतापगढ़ विभाजन संख्या 147 ने सदन में अपने क्षेत्र की जनता की आवाज को उठाया और विधानसभा में अपनी आवाज को इस प्रकार बताया माननीय अध्यक्ष महोदय प्रतापगढ़ जिला समुद्र तल से औसतन 1610 फिट या 580 मीटर की ऊंचाई पर बसा है।

यह कहा जाता है कि ऊंचाई की दृष्टि से राजस्थान में माउंट आबू उसके बाद सर्वाधिक ऊंचाई वाला यही जिला है भारतीय उपमहाद्वीप की सर्वाधिक प्राचीनतम पर्वतमाला अरावली और मालवा के पठार की संधि पर अवस्थित राजस्थान की जिले में अरावली और मालवा दोनों की भौगोलिक विशेषताएं एक साथ पहचानी जा सकती है।

जिले में औसत वार्षिक वर्षा 856 से 900 मिलीमीटर हर वर्ष है इसमें थोड़े बहुत उतार-चढ़ाव देखे जा सकते हैं उदाहरण के लिए 2010 में जिले की औसत वर्षा का सालाना औसत 700 मिलीमीटर ही रही थी जो सन 1800 यहां 64 इंच रही है यहां भूमि काली मिट्टी होती हुए उपजाऊ जरूर है परंतु पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण बरसात का पानी भर कर चला जाता है।

जल संरक्षण के लिए पूर्व भाजपा सरकार और भाजपा के मंत्री नंदलाल मीणा पिछले 27 वर्षों से पद पर रहे और जब जब भाजपा की सरकार बनी वह मंत्री रहे लेकिन आज की प्रतापगढ़ की जनता उचित बंदोबस्त नहीं होने की वजह से कई किलोमीटर दूर दूर से सिर पर मटकी उठाकर पाली लाना पड़ता है।

वन क्षेत्र में आज भी कुए पर छोटे खंडों से गंदा पानी पीने को आदिवासी मजबूर है यहां की भूमि उपजाऊ होने के बावजूद लगातार विधायक मंत्री रहे भाजपा के नंदलाल जी ने यहां के गरीब आदिवासियों हेतु कोई सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं कराए जिसकी वजह से यहां आज भी गरीबी का आतंक है।

भाजपा सरकार द्वारा वर्ष 2010 में जल संरक्षण के लिए चलाया गया जल स्वावलंबन अभियान पूरी तरह फैल रहा स्वीकृत कार्यों में कई कार्य प्रारंभ ही नहीं हुए कुछ आधे अधूरे तो कुछ कागजों में ही लीपापोती की भेंट चढ़ गए प्रतापगढ़ दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र की विषम परिस्थितियों को समझने में नाकाम रही भाजपा सरकार जिसके कारण भी जल संरक्षण के लिए किए गए सरकारी प्रयास खोखले साबित हुए जिससे सिंचाई तो दूर कई वर्षों से गरीब आदिवासी को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।

पूर्व में भी राज्य की कांग्रेस सरकार तो हमेशा गरीब आदिवासियों की हितेषी रही है समय-समय पर कई प्रयास किए पर स्थानीय भाजपा नेताओं द्वारा धरातल पर सार्थक नहीं होने दिया गया इस तरह से विधानसभा क्षेत्र जो वर्षो से उपेक्षित रहा है इसे अन्य जिलों की तरह अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने के लिए विशेष बजट से जल संरक्षण के लिए अधिक प्रयासों की आवश्यकता है जिसके लिए मैं माननीय मुख्यमंत्री महोदय का धन्यवाद ज्ञापित करना चाहूंगा जिन्होंने 6 माह में दो बार प्रतापगढ़ पधारकर प्रतापगढ़ की जनता को आश्वस्त किया कि प्रतापगढ़ के विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे वह प्रतापगढ़ में स्थित उन सभी नदी नालों पर जहां भारी बारिश के बावजूद जल भर कर चला जाता है।

छोटे-छोटे बांध एनीकट बनाकर प्रतापगढ़ की जनता के लिए पेयजल व सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जावेगा प्रतापगढ़ की जनता माननीय मुख्यमंत्री महोदय की तरफ आशा भरी निगाहों से इस बजट पर टोपी की नजर लगातार इंतजार कर रही है यदि भाजपा सरकार छोटे-छोटे कच्चे कामों में व्यर्थ धन राशि बर्बाद नहीं कर के पक्के कार्य किए होते तो आज ही स्थिति नहीं बनती अध्यक्ष महोदय प्रतापगढ़ जिले में जाखम बांध जो राजस्थान का सबसे ऊंचा बांध है।

जाखम बांध की भराव क्षमता 5015 एमसी फिट पानी है जिसमें से 3650 एमसी फिट पानी धरियावद की नज़रों को 81 एमसी फिट प्रतापगढ़ शहर को पेयजल हेतु दिया जाता है 344 एमसी फिट डेड स्टोरेज हेतु रखा जाता है शेष 940एमसीफिट बचता है।

वर्तमान में संपूर्ण प्रतापगढ़ विधानसभा सहित बड़ी सादड़ी विधानसभा को 18 पंचायतों हेतु पेयजल योजना की तैयारी चल रही है जिसके लिए 890 एमसी फिट पानी की आवश्यकता है जो जाखम बांध में डेड स्टोरेज को बचाते हुए 940 m सीफिट में से 890 एमसी फिट पानी खर्च करने के बाद भी 50एमसिफिट शेष बचता है जिससे गरीब आदिवासियों सहित प्रतापगढ़ की सभी जनता को पेयजल समस्या से निजात मिल सकती है।

अध्यक्ष जाखम बांध में पर्याप्त जल के होते हुए भी पेयजल स्कीम 554 गांव की 918. 32 करोड रुपए सिंचाई विभाग द्वारा यह कह कर अटका दिए हैं कि जाखम बांध में जल संरक्षण कम है जबकि इस योजना को पानी देने के बाद भी डेड स्टोरेज सहित 384 फीट पानी शेष बचता है माननीय अध्यक्ष महोदय इस योजना हेतु तो पानी पर्याप्त है।

अगर सरकार की मेहरबानी रही तो प्रतापगढ़ जिले में पेयजल समस्या खत्म हो जाएगी माननीय अध्यक्ष महोदय से आग्रह करना चाहता हूं कि जाखम बांध सिंचाई परियोजना का कार्य अभी भी अधूरा पड़ा है 3 मीटर के गेट लगाकर यदि सिंचाई योजना को पूरा अगर सरकार करती है तो आदिवासी बहुल पंचायतों को सिंचाई हेतु जल भी उपलब्ध हो जाएगा जिससे गरीबी को खत्म कराया जा सकता है।

अध्यक्ष माध्यम से में सरकार को अवगत कराना चाहूंगा कि प्रतापगढ़ जिले की गरीबी हटानी है तो जाखम बांध के गेट सहित उन छोटे छोटे बांधों को इस बजट में स्वीकृत कराना पड़ेगा जिससे प्रतापगढ़ की जनता आपको सदियों तक नहीं भूलेगी

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