वनाग्नि : हेलीकाप्टर नैनीताल और पौड़ी से :- वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा

वनाग्नि : हेलीकाप्टर  नैनीताल और  पौड़ी से  :- वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा

उत्तराखंड ———————————-    राज्य में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक धन व मानव संसाधन जिलों को उपलब्ध करवा दिए गए हैं। भारतीय वायुसेना के दो हेलीकाप्टर की सेवाएं भी ली गई हैं। इसमें एक हेलीकाप्टर नैनीताल में व दूसरा पौड़ी में उपयोग किया जा रहा है। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने में पूरी संवेदनशीलता से प्रयास किए जाएं। 1

वनाग्नि पर पूरा फोकस किया जाए। पौड़ी, नैनीताल, टिहरी व देहरादून जिलों में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

शनिवार को सचिवालय में राज्यपाल डा.कृष्ण कांत पाल ने राज्य में वनाग्नि की घटनाओं व चारधाम यात्रा की तैयारियों की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करते हुए उक्त निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी जितने भी संसाधन आवश्यक समझते हैं, उन्हें जुटा लें। शासन से धनराशि उपलब्ध करवा दी जाएगी। राज्यपाल ने कहा कि इस प्रकार का सिस्टम बना लिया जाए कि वनाग्नि की सूचनाएं तत्काल मिलें और उन पर तुरंत कार्यवाही भी सुनिश्चित कर ली जाए। आपदा से संबंधित समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों को जिले में इन्सीडेंट रेसपान्स सिस्टम के अनुसार सक्रिय कर दिया जाए।

जिलों में कन्ट्रोल रूम 24 घंटे संचालित हों। जिलाधिकारी सभी विभागों में समन्वय स्थापित करें। जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। ग्राम पंचायतों, युवक मंगल दलों, महिला मंगल दलों व स्थानीय ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। सिस्टम के प्रत्येक कर्मचारी का उपयोग किया जाए। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवान भेजे गए हैं। जिलाधिकारी पुलिस फोर्स, होमगार्ड व पीआरडी का उपयोग करें।

यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि आग की घटनाओं को रोकने के लिए लगाए जाने वाले नए कर्मचारियों को अच्छी तरह से ब्रीफ कर दिया गया हो। जिलाधिकारियों के पास हर प्रकार की संभावित स्थिति से निपटने के लिए फुल प्रूफ प्लान होना चाहिए। जिसे क्रियान्वित करने के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी नही आनी चाहिए।

चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि केदारनाथ में यात्रियों के रात्रि विश्राम के लिए आवासों की संख्या को बढ़ाया जाए। स्वास्थ्य विभाग चारधाम यात्रा मार्ग पर 5 मई तक डाक्टरों की तैनाती कर दे। निर्बाध आवाजाही के लिए भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में आवश्यक इंजीनियर, श्रमिक व उपकरण एडवांस में तैनात कर दिए जाएं। सुनिश्चित कर लिया जाए कि पेयजल दूषित न हो। जगहजगह फस्र्ट एड बाक्स उपलब्ध हों।

राज्यपाल ने प्रदेश में पेयजल व सूखे की स्थिति की भी समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि पिछले एक दिन से वनाग्नि की घटनाओं व प्रभावित क्षेत्रों में कमी आ रही है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें संवेदनशील स्थानों पर तैनात कर दी गई है। पुलिस, वन, फायर सर्विस, पीआरडी, होमगार्ड के साथ ही अन्य विभागों के अधिकारियों को भी जिम्मेवारी दी गई है।

तहसील व ब्लाॅक स्तर पर एसडीएम व बीडीओ आग की घटनाओं को रोकने के लिए संसाधनों को मोबिलाईज कर रहे हैं। आग लगाते हुए पाए जाने पर कुछ व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है। आग की सूचना मिलने पर तत्काल टीमें वहां रवाना की जा रही हैं। बैठक में राज्यपाल के सलाहकार, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, डीजीपी सहित सभी जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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