• February 12, 2023

राष्ट्रीय लोक अदालत: 97.64 लाख प्रकरणों का निराकरण:17.13 लाख लंबित मामले और लगभग 80.50 लाख पूर्व मुकदमेबाजी मामले शामिल

राष्ट्रीय लोक अदालत: 97.64 लाख प्रकरणों का निराकरण:17.13 लाख लंबित मामले और लगभग 80.50 लाख पूर्व मुकदमेबाजी मामले शामिल

भारत 13.05.2023, 09.09.2023 और 09.12.2023  राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के मार्गदर्शन में और माननीय श्री न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायाधीश, भारत के सर्वोच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष, NALSA के नेतृत्व में देश भर के कानूनी सेवा प्राधिकरणों ने प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया। सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में वर्ष 2023 की अदालत।

नालसा को प्राप्त सूचना के अनुसार दिनांक 11.02.23 को सायं 07.30 बजे तक 97.64 लाख प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। निपटाए गए मामलों में लगभग 17.13 लाख लंबित मामले और लगभग 80.50 लाख पूर्व मुकदमेबाजी मामले शामिल हैं। इन मामलों में कुल निपटान राशि का अनुमानित मूल्य ₹7077.84 करोड़ है। अंतिम बंदोबस्त के आंकड़े और बढ़ेंगे, क्योंकि अभी देश के दूर-दराज के इलाकों से बंदोबस्त के आंकड़ों का इंतजार है। मामलों के इस निपटारे से न केवल न्यायालयों में लंबित मामलों का बोझ कम होगा बल्कि भविष्य में मुकदमेबाजी पर भी नियंत्रण होगा।
इस लोक अदालत में समझौता योग्य अपराध, राजस्व मामले और बैंक वसूली मामले, मोटर दुर्घटना के दावे, वैवाहिक विवाद (तलाक के मामलों को छोड़कर), चेक बाउंस मामले, श्रम विवाद और अन्य नागरिक मामलों से जुड़े मामले लिए गए। वित्तीय संस्थानों, बैंकों, सरकारी निकायों और निजी सेवा प्रदाताओं से संबंधित बड़ी संख्या में वसूली के मामलों को भी प्री-लिटिगेशन मामलों के रूप में लिया गया और उनका निपटारा किया गया।

माननीय श्री न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायाधीश, भारत के सर्वोच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष, नालसा ने लोक अदालत की पूरी प्रक्रिया और प्रगति का अवलोकन किया। लोक अदालतें न केवल निवारण के लिए एक कुशल विकल्प साबित हुई हैं, बल्कि न्यायालयों के बोझ को तेजी से और बहुत ही लागत प्रभावी तरीके से कम करने में काफी मदद की है। लोक अदालतों ने कानूनी व्यवस्था को बहुत पूरक और पूरक बनाया है। नालसा की दृष्टि के अनुरूप, लोक अदालतों की बढ़ती जीवन शक्ति के साथ न्याय की खोज अधिक सुलभ हो गई है। माननीय श्री जस्टिस कौल ने आम आदमी की संस्थागत भागीदारी बढ़ाने के लिए न्याय तक त्वरित और सस्ती पहुंच की आवश्यकता पर बल दिया और आगामी राष्ट्रीय लोक अदालतों के भविष्य के पाठ्यक्रम के लिए नालसा को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए, जो अब पूरे देश में 13.05.2023, 09.09.2023 और 09.12.2023  राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होने वाली हैं।

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