राजकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल का शिलान्यास

राजकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल का शिलान्यास

पटना——-:- मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने नालंदा जिला के रहुई प्रखण्ड के पैठना में राजकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल का षिलान्यास किया।

इस अवसर पर उन्होंने 400 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले इस डेंटल काॅलेज के साथ- साथ लगभग 633 करोड़ रूपये की लागत की 33 योजनाओं का षिलान्यास एवं 17 करोड़ रूपये की लागत की चार योजनाओं का उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री ने अपने राजनैतिक जीवन में रहुई के स्थानीय आवाम के सहयोग को याद करते हुए कहा कि आपके प्रेम एवं सहयोग को मैं कभी भूल नहीं सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पटना के बाद यह दूसरा डेंटल कॉलेज एवं अस्पताल होगा।

यह अस्पताल देश के श्रेष्ठतम डेंटल कॉलेज अस्पताल में से एक होगा। यह पूर्ण रूप से आवासीय कॉलेज एवं अस्पताल होगा, जहां सभी चिकित्सक, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ एवं छात्र-छात्राएं एक ही परिसर में रहेंगे। यह अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा तथा इसके निर्माण में अत्याधुनिक भूकंपरोधी तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दांत और आंख की समस्या एक सामान्य समस्या हो गई है इसलिए दांत के इलाज के लिए लोग यहां राज्य के किसी भी कोने से आसानी से पहुंच कर इलाज करा सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए हर स्तर पर कार्य किये जा रहे हैं। हम गांव को पक्की सड़कों से जोड़ रहे हैं। टोलों-मुहल्लों को भी मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के माध्यम से जोड़ रहे हैं। ग्रामीण पथों के निर्माण के साथ-साथ उनके रख-रखाव के लिए भी ग्रामीण कार्य विभाग ने प्रावधान कर दिया है, जिससे निर्माण के बाद ग्रामीण पथों के मेंटेनेंस में सहूलियत होगी।

मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण देने वाला बिहार देश का प्रथम राज्य है। महिलाओं के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना चलायी जा रही है। बाल विवाह तथा दहेज प्रथा उन्मूलन की दिशा में भी सामाजिक सुधार कार्यक्रम लगातार चलाए जा रहे हैं।

महिला सशक्तिकरण का प्रत्यक्ष उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आज मंच पर उपस्थित बिहारशरीफ नगर निगम की महापौर, उपमहापौर एवं प्रखंड प्रमुख सभी महिलाएं ही हैं। यह महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करता है। मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंदिरा

आवास के तहत जिन लोगों ने 1996 से पहले अपना घर बनाया था और यदि उनका घर जर्जर हो चुका है तो उन्हें मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत गृह निर्माण हेतु 1 लाख 20 हजार रुपये की राषि राज्य सरकार द्वारा दिये जाने का प्रावधान किया गया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत गृह निर्माण हेतु वास भूमि रहित परिवारों को जमीन के क्रय हेतु 60 हजार रुपए भी राज्य सरकार द्वारा दियेे जाने का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना, सतत् जीविकोपार्जन योजना, मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना सहित अन्य योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के जरूरतमंद लोगों को राज्य सरकार द्वारा हरसंभव सहायता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सड़क एवं बिजली के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किये गये हंै। अब हर घर में बिजली आने से भूत भाग गया है तथा लालटेन की आवश्यकता नहीं रह गयी है। उन्होंने सभी लोगों को अपने बच्चे-बच्चियों को उच्च शिक्षा देने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य षिक्षा वित्त निगम के माध्यम से उच्च षिक्षा के लिये चार लाख रूपये के ऋण की व्यवस्था की है। इस योजना के तहत 4 प्रतिशत के साधारण ब्याज पर छात्रों को जबकि लड़कियों, दिव्यांगों एवं ट्रांसजेंडरों को एक प्रतिशत के ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जो पढ़ेगा वही आगे बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा की धरती ज्ञान की धरती है, इसका इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है। हमें इसी गौरव को फिर से प्राप्त करना है इसलिए हम सबको सामाजिक सौहार्द्र बनाए रखना होगा।

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