डीजल की तस्करी से बिहार के पेट्रोल पंप मालिकों का कारोबार बर्बाद

डीजल की तस्करी से  बिहार के पेट्रोल पंप मालिकों का कारोबार बर्बाद

हिंदुस्तान —- उत्तर प्रदेश सीमा से लगे बिहार के जिलों में लाखों लीटर डीजल की तस्करी से हो रही है, जिससे बिहार के पेट्रोल पंप मालिकों का कारोबार बर्बाद हो रहा है। राज्य सरकार को भी डीजल के अवैध कारोबार से करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। बिहार में डीजल यूपी से 6 से 7 रुपए महंगा है। वजह है नीतीश सरकार द्वारा 2016 में पेट्रोल और डीजल पर बहुत ज्यादा वैट और सरचार्ज लगाना, जिससे शराबबंदी के बाद बिहार सरकार शराब से होने वाली कमाई की भरपाई कर सके। अकेले भभुआ जिला में हर महीने 80 लाख डीजल बिकता था जो घटकर 32 लाख लीटर रह गया है।

मामले पर नजर रखने वाले लोग बताते हैं कि सड़क, रेल और अन्य परियोजनाओं के लिए बिहार में काम कर रहीं कंपनियां उत्तर प्रदेश से डीजल खरीद कर अवैध रूप से छोटे टैंकरों में बिहार ला रही हैं। इस कारण बिहार सरकार को करोड़ों रुपए के वैल्यू ऐडेड टैक्स (वैट) का नुकसान हो रहा है। वहीं दूर-दराज के इलाकों में खुदरा बिक्री और किसानों के इस्तेमाल के लिए भी उत्तर प्रदेश से डीजल लाकर बेचा जा रहा है।

तस्करी के लिए इस्तेमाल हो रहे टैकर सुरक्षा की दृष्टि से भी खतरनाक हैं। बिना लाइसेंस के टैंकरों से कभी भी गुर्घटना घट सकती है। पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) द्वारा लाइसेंस प्राप्त टैंकरों को ही केवल डीजल की आवाजाही के लिए अनुमति है। उत्तर प्रदेश से बिहार में अवैध टैंकरों से तस्करी हो रही है। पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के संभागीय अध्यक्ष पीयूष शुक्ला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को भभुआ के जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की। डीएम और एसपी ने तस्करी को रोकने के और अवैध टैकरों के खतरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।

एसोसिएशन के जिला संगठन प्रभारी चंद्र प्रकाश आर्य ने कहा कि यूपी सीमा से सटे तीन पेट्रोल पंप पहले ही बंद हो चुके हैं। अभी कई और पेट्रोल पंप उत्तर प्रदेश से हो रही तस्करी के कारण काफी नुकसान में चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले में 38 पेट्रोल पंप हैं। उसमें से 15 एनएच-2 पर स्थित हैं। पहले हर महीने 80 लाख लीटर डीजल की बिक्री होती थी, लेकिन अब मात्र 32 लाख लीटर की हो रही है। उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे अन्य जिलों में भी यही स्थिति है।

पीयूष शुक्ला ने बताया कि 2016 के बाद से स्थिति और बदतर हो गई है। शराबबंदी से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए बिहार सरकार ने ईंधन पर लगने वाले वैट और सरचार्ज को काफी बढ़ा दिया था। इसस कारण बिहार में तेल के दाम काफी बढ़ गए। फिलहाल बिहार में डीजल और पेट्रोल उत्तर प्रदेश से करीब 7 रुपए महंगा है। पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद भभुआ जिला अधिकारी नवल किशोर चौधरी ने कहा कि डीजल तस्करों के खिलाफसख्त कार्रवाई करने और नियमित निगरानी के लिए जिला आपूर्ति अधिकारियों और उप-मंडल अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है।

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