• September 19, 2018

बुजुर्गों के प्रति सम्मान घुंघट से नहीं ,सोच, व्यवहार व संस्कारों में हो: उपायुक्त

बुजुर्गों के प्रति सम्मान घुंघट से नहीं ,सोच, व्यवहार व संस्कारों में हो: उपायुक्त

बहादुरगढ़—–बुजुर्गों का सम्मान हमारे समाज की समृद्घ परंपरा रही है। महिलाओं को बुजुर्गों का सम्मान पर्दा प्रथा की बजाय अपनी सोच, व्यवहार और संस्कारों में रहकर करना चाहिए। इससे सभी का मान सम्मान भी बढ़ेगा और हमारे समाज से पर्दा प्रथा की कुप्रथा भी खत्म होगी।

पर्दा प्रथा को खत्म करने के लिए बुजुर्ग महिलाओं को भी आगे आना होगा, उनके आशीर्वाद से युवा महिला पर्दा प्रथा जैसी कुप्रथा से जल्द छुटकारा पा सकेगी। उपायुक्त सोनल गोयल ने बुधवार को जाखौदा गांव में आयोजित नारी की चौपाल में महिलाओं के साथ मन की बात करते हुए यह आहवान किया।

उन्होंने कहा कि जिला में महिला सशक्तिकरण को लेकर सोच पे दस्तक कार्यक्रम शुरू किया गया है जिसके तहत बिना दहेज के शादी को बढ़ावा देना, महिला पर्दा प्रथा को खत्म करना और कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध को रोकना है। उपायुक्त ने कार्यक्रम में नवजात बेटियों की माताओं, तीन बेटियों पर परिवार नियोजन अपनाने वाली महिला, अपने बच्चों की बिना दहेज के शादी करने वाली महिला को सम्मानित भी किया।

उपायुक्त श्रीमती गोयल ने कहा कि किसी कार्यक्रम की सफलता के लिए जनभागीदारी जरूरी है। सोच पे दस्तक महिला सशक्तिकरण को लेकर चलाया जा रहा है। इसलिए इस कार्यक्रम की सफलता भी महिलाओं की भागीदारी पर टिका हुआ है। महिलाएं बेटी बचाने व बेटी पढ़ाने, कन्या भ्रूण हत्या रोकने, पर्दा प्रथा को छोडऩे का सकं ल्प लेकर जीवन में आगे बढ़ें। समाज जागरूक है, शिक्षित है, सामाजिक कुरीतियों को पीछे छोड़कर आगे बढऩे को तैयार है। केवल महिलाओं को निर्णय करना है सामाजिक कुरीतियों को पीछे छोड़कर आगे बढऩे का।

आज महिलाएं सभी क्षेत्रों में पुरूषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। सोच पे दस्तक कार्यक्रम महिलाओं को सामाजिक कुरीतियों को छोडऩे के लिए प्रेरित करने के लिए चलाया गया है। आज ऐसा कोई कार्य नहीं है जिसको महिलाएं नहीं कर सकती।

उपायुक्त ने कहा कि शिक्षा सामाजिक सुधार का आधार है। बेटियों को शिक्षित व संस्कारवान बनाइए, बेटियां शिक्षित होंगी तो सामाजिक बदलाव तेजी से होगा। सामाजिक कुरीतियों से भी छुटकारा मिलेगा। उपायुक्त ने कहा कि सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से एक सितंबर से 30 सितंबर तक पोषाहार अभियान चलाया हुआ है। संबंधित विभागों की टीमें शिशु से लेकर गर्भवती माताओं, किशोरियों, महिलाओं को पौष्टिक आहार के बारे में जागरूक कर रही है।

उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं आंगनवाड़ी केंद्रों, स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित किए जा रहे निशुल्क चिकित्सा शिविरों के माध्यम से दी जा रही लाभकारी जानकारी लें।

उपायुक्त ने कहा कि जिला में जरूरत मंदों की जरूरत के लिए सांझी मदद कार्यक्रम शुरू किया गया है। सांझी मदद के तहत हम अपनी जरूरत से ज्यादा का सामान दान कर किसी अन्य जरूरत मंद की जरूरत पूरी कर सकते हैं। सांझी मदद के लिए बहादुरगढ़ व झज्जर में केंद्र बनाए गए हैं।

उपायुक्त ने कार्यक्रम में जाखौदा निवासी तीन बेटियों की माता सुनील देवी को शाल भेंट कर सम्मानित किया। सुनील देवी ने कहा कि वह बेटी व बेटे में अंतर नहीं मानती, उनका ध्येय बेटियों को अच्छी शिक्षा व संस्कार देना है।

सुभ्रदा देवी द्वारा अपने बच्चों की शादी बिना दहेज करने पर उपायुक्त ने सम्मानित किया। सुभ्रदा देवी ने कहा वह बहु को बेटी मानती है फिर दहेेज किस बात का। उन्होंने कहा कि दहेेज जैसी कुरीतियों को छोड़कर हमें अपने बच्चों की शिक्षा व संस्कार पर जोर देना चाहिए।

कार्यक्रम में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं मुहिम के तहत नवजात बेटियों की माताओं को भी प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी नीना खत्री ने गांव मेंं आयोजित नारी की चौपाल कार्यक्रम में पहुंचने पर उपायुक्त का स्वागत किया। साथ ही अपने विभाग की कल्याणकारी नीतियों की जानकारी उपस्थित महिलाओं को दी। वहीं सीडीपीओ डिंपल ने नारी की चौपाल कार्यक्रम के दौरान उपस्थित महिलाओं का धन्यवाद किया।

नारी की चौपाल में पंहुचने पर ग्राम पंचायत जाखौदा ने उपायुक्त सोनल गोयल का पगड़ी बांधकर स्वागत किया। उपायुक्त ने गांव में करीब 18 लाख रूपए की धनराशि से बनने वाली बी सी चौपाल के निर्माण कार्य का भी शुभारंभ किया।

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