बिहार में चिलचपट क्यों ? जिम्मेवार तो आप ही हैं :- शैलेश कुमार

बिहार में चिलचपट क्यों ?   जिम्मेवार तो आप ही हैं :- शैलेश कुमार
आज बिहार में जो कुछ हो रहा है उसके लिए वहां के मतदाता जिम्मे्वार हैं ।  उसके बाद बिहार के मीडिया,  जिसने जमकर महागठबंधन का  प्रचार , दिशा निर्देशन ही नहीं किया बल्कि  बीजेपी के हर नारा को उल्टा -पुल्टा  और नकारात्मकरुप से  प्रचार करने में शकुनी को पीछे छोड दिया। 
बिहार में बीजेपी ने टिकटों  का बन्दरीकरण किया। ऐसे- ऐसे बेवकूफों को टिकट दिया जिसे कुत्ते भी नहीं पहचानते।बीजेपी सिर्फ मोदी के नाम पर जीतने वाले  आधारहीन लोगो को टिकट दिया साथ ही  रामविलास पासवान और जीतन राम मांझी काफी हद तक  जिम्मेवार हैं, इन लोगों को बिहार कि राजनीतिपृष्ठभूमि की कोई समझ नहीं है ।  hqdefault
रामविलास पासवान और जीतनराम मांझी औकात से ज्यादा टिकटें लेकर उसका दुरूपयोग किये।  मैने हमेशा केंद्रीय नेतृत्व और नेता , बिहार को ई – पत्र  से आगाह करता रहा ।
राम विलासपासवान को 15- 20 और मांझी को 3-4 टिकटों से ज्यादा नहीं दें। केंद्रीय नेतृत्व  के विरोध के बावजूद पासवान और मांझी जो बगावत का  रास्ता अपनाये  वह दुर्भागयपूर्ण था।
सभी नाटक को देखते हुए अंत में मैंने 8 सितम्बर को एक लेख लिखा जो लेख बीजेपी के लिए निराशाजनक था जिसमें  वर्गवाद को वर्गीकरण किया गया था।  यह भी स्पष्ट लिखा  हुआ था कि इन वर्गों का वोट किसे मिलने वाला है !  तो फिर आज की स्थिति पर चिलचपट क्यों ?
मैंने यह भी लिखा था की उत्तरप्रदेश में सपा नेता रो – रोकर सत्ता में आई । हर सभाओं में नेता जी गलती मानते हुए सत्ता में  आने पर न  दुहराने के लिये विश्वस्त किया ।  लेकिन सत्ता में आने पर श्री अखिलेश यादव का शासन  रक्त रंजीत शासन में बदल गया।
रक्त रंजीत शासन में इसिलिये बदला क्योंकि यादव कि शिक्षा – दीक्षा ऐसे ही वातावरण  में हुआ है। अगर  बिहार के मतदाता सावधान नहीं हुए तो  भुगतने के लिये तैयार रहें  क्योंकि जनता दल यूनाइटेड जिस राजद से हाथ मिला रही है उसका इतिहास रक्त से रंजीत है।
फलतः बिहार के मतदाता बिहार विकास के लिए वोट दें विनाश के लिए नहीं क्योंकि यथार्थ यही है कि वेश्याओं की नगरी में सती भी वेश्या बन जाती है।
हमारी बातें तो बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष को समझ में आई लेकिन बीजेपी गठबंधन को नहीं।

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