• March 3, 2015

प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ सीएचसी एवं पीएचसी केन्द्र पुरस्कृत

प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ सीएचसी एवं पीएचसी केन्द्र पुरस्कृत

जयपुर -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिसम्बर माह में संचालित सघन निरीक्षण अभियान के दौरान उच्च प्राथमिकता वाले दस जिलों में सर्वश्रेष्ठ चुने गये 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं 10 उपस्वास्थ्य केन्द्रों को श्रेष्ठ सेवाओं के आधार पर पुरस्कृत किया गया है। निर्धारित मापदण्डों के अनुसार प्रत्येक तिमाही में सर्वश्रेष्ठ 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं 10 उपस्वास्थ्य केन्द्रों को नियमित रूप से पुरस्कृत किया जायेगा।

प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री मुकेश शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित बैठक में सघन निरीक्षण अभियान के दौरान पायी गयी कमियों को दूर करने के लिये की गयी कार्यवाही की विस्तार से समीक्षा की गयी एवं सभी कमियों को यथाशीघ्र दूर करने के निर्देश दिये गये। समीक्षा बैठक में विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों, मुख्यमंत्री नि:शुल्क व जांच योजना सहित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की भी समीक्षा की गयी एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।

श्री शर्मा ने प्रदेश में स्वाइन फ्लू के रोकथाम एवं उपचार के लिये किये जा रहे कार्यों की जानकारी ली एवं नियमित रूप से प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को स्वाइन फ्लू के लक्षण प्रतीत होते ही जांच कराने एवं उपचार प्रारम्भ करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू के संबंध में प्रदेश में संचालित स्क्रीनिंग अभियान को निरन्तर जारी रखा जाये एवं स्वाइन फ्लू के बारे में जनचेतना जाग्रत करने के लिये की जा रही आईईसी गतिविधियों को भी नियमित रूप से जारी रखा जाये।

प्रमुख शासन सचिव ने चयनित स्वास्थ्य केन्द्रों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को उनके जिले में सर्वश्रेष्ठ सीएचसी, पीएचसी एवं उपस्वास्थ्य केन्द्र के पुरस्कार प्रदान किये। दिसम्बर माह में संचालित किये गये सघन निरीक्षण अभियान के दौरान स्वास्थ्य केन्द्रों का चयन उपलब्ध करवायी जा रही चिकित्सीय सेवाओं व प्रबंधन के आधार पर किया गया। उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर हुये संस्थागत प्रसवों  के आधार पर उपस्वास्थ्य केन्द्रों को पुरस्कृत किया गया है। त्रैमासिक निरीक्षण अभियान संचालित करके सर्वश्रेष्ठ सीएचसी को 2 लाख, पीएचसी को 1 लाख व उप स्वास्थ्य केन्द्रों को 20 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि पुरस्कार के रूप में दी जायेगी। पुरस्कृत राशि का उपयोग चिकित्सा केन्द्र की साफ-सफाई एवं सुदृढ़ीकरण कार्यों के लिये किया जायेगा।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक श्री नवीन जैन ने बताया कि दिसम्बर 2014 में संचालित सघन निरीक्षण अभियान में बांसवाड़ा में सीएचसी-कुशलगढ़ व पीएचसी-छोटी सरवा, बाड़मेर में सीएचसी-कल्याणपुर व पीएचसी-मोलासर, बूंदी में सीएचसी-नैनवा व पीएचसी-तलवास, धौलुपर में सीएचसी-सरमाथुरा व पीएचसी-आंगी, डूंगरपुर में सीएचसी-गालियाकोट व पीएचसी-वासी, जैसलमेर के सीएचसी-नाचना व पीएचसी-देवीकोट, जालौर में सीएचसी-अगोर व पीएचसी-बोरडा, करौली में सीएचसी-सपोटरा व पीएचसी-कैलादेवी, राजसंमद में सीएचसी-अमेट व पीएचसी-कुनवरिया एवं उदयपुर जिले की सीएचसी-बडग़ांव व पीएचसी-सयारा को पुरस्कृत किया गया है। इन उच्च प्राथमिकता वाले 10 जिलों में एक-एक उपस्वास्थ्य केन्द्र को भी कुशल संचालन के लिए पुरस्कार दिया गया है।

श्री जैन ने प्रदेश में संचालित कुपोषण उपचार केन्द्रों के बारे में समीक्षा की एवं इन कुपोषण उपचार केन्द्रों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। उन्होंने आशा-सॉफ्ट, पेन्टावेलेंट वैक्सीन, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, एम्बुलेंस-108, जननी एक्सपे्रस 104 सहित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के तहत हुई प्रगति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने समस्त एम्बुलेंस-108 का भौतिक सत्यापन करवाने के भी निर्देश दिये।

अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम श्री नीरज के. पवन ने विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिये। उन्होंने राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के बारे मेें प्रस्तावित स्वास्थ्य गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ.बी.आर.मीणा, निदेशक आरसीएच डॉ.वी.के.माथुर, जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, स्वास्थ्य योजनाओं के परियोजना निदेशक एवं संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।

स्वाइन फ्लू -निरन्तर सर्तकता जारी रखें

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश के समस्त स्वास्थ्य अधिकारियों को मौसम में हुये बदलाव को ध्यान में रखते हुये स्वाइन फ्लू के संबंध में निरन्तर सर्तकता बरतने के निर्देश दिये। उन्होंने अप्रेल माह तक इस संबंध में विशेष मुस्तैदी बरतने की आवश्यकता प्रतिपादित की है।

श्री राठौड़ ने चिकित्साधिकारियों को स्वाइन फ्लू की स्क्रीनिंग कार्य निरन्तर जारी रखने एवं स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाये गये मरीजों के आस-पास के 50 घरों में चिकित्सा दल भिजवाकर विशेष स्क्रीनिंग करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आउटडोर में आने वाले मरीजों के लिये भी विशेष व्यवस्थायें जारी रखने के निर्देश दिये।

राज्य स्तरीय टॉस्क फोर्स की बैठक-गंभीर मरीजों को तत्काल वेन्टीलेटर पर रखा जाये

राज्य स्तरीय टॉस्क फोर्स अध्यक्ष डॉ. अशोक पनगडिय़ा की अध्यक्षता में सोमवार को सांय स्वास्थ्य भवन में आयोजित राज्य स्तरीय टॉस्क फोर्स की बैठक में प्रदेश की स्वाईन फ्लू की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की गयी एवं गंभीर मरीजों को तत्काल वेन्टीलेटर पर रखकर उपचार करने निर्देश दिये गये हैं।

डॉ.पनगडिय़ा ने कहा कि चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य पैरामीटर्स की नियमित रूप से निगरानी की जाये एवं निर्धारित पैरामीटर्स आने पर तत्काल मरीजों को वेन्टीलेटर पर रखकर उपचार किया जाये। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू के लक्षण आईएलआई (इन्फ्लूएंजा लाइक ईलनेस) प्रतीत होने पर तत्काल चिकित्सकों से परामर्श करना, स्वाइन फ्लू की जांच कराना एवं भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचना उपयोगी है।

प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री मुकेश शर्मा ने स्वाइन फ्लू प्रभावित मरीजों की ईलाज देरी से प्रारम्भ होने के कारण हुयी गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुये आवश्यक जानकारियां जुटाकर देरी से ईलाज प्रारम्भ करने के कारणों को विश्लेषण करने एवं इन कारणों का समाधान करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि देरी से ईलाज प्रारम्भ करने के कारणों के आधार पर आईईसी गतिविधियां संचालित की जायेगी।

एसएमएस आईसीयू में 22 रोगी

प्रमुख शासन सचिव श्री जे.सी.महान्ति ने बताया कि एसएमएस चिकित्सालय में आज कुल 351 रोगियों की स्क्रीनिंग की गई एवं लक्षण प्रतीत होने पर 63 रोगियों के सेम्पल लिये गये। उन्होंने बताया कि अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में कुल 19 व आईसीयू में कुल 22 मरीज भर्ती हैं। इनमें से 4 एनआईवी पर व 9 वेन्टीलेटर पर है।

बैठक में अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम श्री नीरज के पवन, संयुक्त शासन सचिव डॉ. एस.पी.सिंह, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.यू.एस.अग्रवाल व अधीक्षक डॉ. मानप्रकाश शर्मा, अधीक्षक जेकेलॉन डॉ.एस.डी.शर्मा, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. बी. आर. मीणा, सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।

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