पहली महिला पंचायत की बहुप्रशंसित लाड़ली लक्ष्मी

पहली महिला पंचायत की बहुप्रशंसित लाड़ली लक्ष्मी

प्रदेश की पहली महिला पंचायत में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की 14 घोषणा पर हुए अमल से महिलाएँ आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से ताकतवर हुई हैं। वर्ष 2006 में हुई महिला पंचायत में मुख्यमंत्री द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना की घोषणा की गयी थी। इस एक योजना से मध्यप्रदेश को न केवल राष्ट्रव्यापी लोकप्रियता मिली, बल्कि सात राज्य ने इसे अपनाया और प्रदेश में बालिकाओं को लेकर सोच में बदलाव आया। यह जानकारी महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने दी।

पंचायत की घोषणा थी बहुप्रशंसित लाड़ली लक्ष्मी

मंत्री श्रीमती सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पहली महिला पंचायत में जो घोषणाएँ की थीं, वह पूरी हो गई हैं और इनके सुखद परिणाम भी सामने आये हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना भी इसी पंचायत की देन है। इस योजना में अभी तक 20 लाख बच्चियाँ लाभान्वित हुई हैं। यही नहीं इस एक योजना से बालिका के जन्म, शिक्षा और विवाह तक की एक आदर्श व्यवस्था सुनिश्चित हुई है। गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाली महिलाओं के नाम पात्रता के आधार पर सूची में जोड़े गये। आँगनवाड़ी पोषण-आहार के वितरण में पारदर्शिता लाने की घोषणा की गई थी। आज पोषण-आहार की पूरी व्यवस्था न केवल पारदर्शी बनायी गयी है, बल्कि उसकी जवाबदेही भी तय की गयी है।

निकायों में 50 फीसदी आरक्षण – आज 1,66,610 निर्वाचित महिला जन-प्रतिनिधि

महिलाओं को राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिये मुख्यमंत्री ने पंचायत में नगरीय निकाय और पंचायतों में 50 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी। आज मध्यप्रदेश में इस घोषणा के अमल होने पर स्थानीय निकायों में 2,870 पंचायत में एक लाख 63 हजार 740 महिलाएँ चुनकर आयी हैं। यह सभी अपने-अपने नगर और गाँवों को सँवारने में सक्रिय हिस्सेदारी कर रही हैं।

25 विभाग में जेंडर बजट – जेंडर बजट की अलग प्रस्तुति

मुख्यमंत्री ने हर विभाग में महिलाओं के लिये अलग से बजट देने की घोषणा की थी। आज प्रदेश में 25 विभाग ने जेण्डर बजट प्रणाली को लागू किया है। मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य है, जो विधानसभा में अलग से जेण्डर बजट प्रस्तुत करता है। बालिका भ्रूण हत्या के मामले में सूचना देने वाले को पुरस्कार देने की घोषणा की गयी थी। राज्य शासन द्वारा इस घोषणा के पालन में सूचना देने वाले को प्रथम चरण में 50 हजार रुपये का पुरस्कार और दोषी व्यक्ति के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही होने के बाद 50 हजार रुपये दिये जाने का प्रावधान किया गया है। इससे प्रदेश में बालिका भ्रूण हत्या पर प्रभावी अंकुश लगाने में मदद मिली है। घोषणा के अनुसार महिलाओं को नि:शुल्क कानूनी सहायता भी उपलब्ध करवाई जा रही है।

पुलिस में 30 प्रतिशत आरक्षण – 141 थानों में महिला डेस्क

महिलाओं को सुरक्षा मिले, उनके विरुद्ध होने वाले अपराधों पर तत्परता से कार्रवाई हो, इस संबंध में भी महिला पंचायत में मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण घोषणाएँ की थीं। पुलिस बल में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने और महिलाओं की शिकायत के लिये प्रदेश के 141 पुलिस थाने में महिला डेस्क की स्थापना की गई।

महिला हेल्प-लाइन 1090 प्रारंभ – विक्टिम सपोर्ट सिस्टम लागू

महिलाएँ निडर होकर अपने विरुद्ध होने वाले अपराधों की शिकायत कर सकें, इसके लिये एक जनवरी, 2013 से राज्य-स्तरीय महिला हेल्प-लाइन 1090 प्रारंभ की गई है। इसके जरिये 24 घंटे के अंदर शिकायत का फॉलोअप किया जाता है। महिलाओं पर होने वाले अपराधों के गवाहों को सुरक्षा देने के लिये विक्टिम सपोर्ट सिस्टम लागू करने के संबंध में सभी संबंधित इकाई को परिपत्र जारी किया गया है।

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