पर्यटन उद्योग के लिये प्रतिबद्धः वीरभद्र सिंह

पर्यटन उद्योग  के लिये प्रतिबद्धः वीरभद्र सिंह

मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने रज्जू मार्गों, रिसोर्टज़, मनोरंजन पार्कों , फिल्म सिटी, बडे़ पर्यटक गन्तव्यों, नागरिक उड्डयन, पैराग्लाईडिंग, हैलि-स्कींग व जल क्रीड़ाओं जैसी साहसिक गतिविधियों के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के निवेशकों को आमंत्रित कर प्रदेश में पर्यटन उद्योग को और प्रोत्साहित करने के लिये विभिन्न कदम उठाए हैें।3261

मुख्यमंत्री शुक्रवार सांय यहां हाॅली-डे-होम होटल में हिमाचल ट्रेवल मार्ट का शुभारम्भ करने के उपरांत संबोधित कर रहे थे।

हिमाचल टेªवल मार्ट में जर्मनी, अमेरिका, यूनाईटेड किंगडम, फ्रांस, बुलगारिया, दक्षिण अफ्रीका, यूके्रन, आस्टेªलिया तथा रूस के एजेन्टों के अतिरिक्त, अग्रणी टूअर आॅपरेटरज तथा आॅनलाइन ट्रैवल गाइड जिनमें ईयू-एशियन, जर्मनी से डीई मीडिया यूएसए से लिबर्टी ट्रैवलज और रूस से एडोनिश भाग ले रहे हैं। राजस्थान, गुजरात, मुम्बई, दिल्ली, बेंगलौर पंजाब तथा पश्चिमी बंगाल जैसे मुख्य शहरों के प्रतिनिधि हिमाचल ट्रैवल मार्ट के हिस्सा बने हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नए रज्जू मार्गों की स्थापना के अतिरिक्त कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार का भी प्रस्ताव है जिसके लिए आरम्भिक सर्वेक्षण के आधार पर भूमि अधिग्रहण की आरम्भिक लागत निर्धारित कर ली गई है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार के साथ निरन्तर सम्पर्क में है और नागरिक उड्डयन विभाग को कुछ सरकारी भूमि सौंप दी गई है, जहां भारतीय विमान पतन प्राधिकरण एक डाॅप्लर वीओआर उपकरण स्थापित कर रहा है। यह गग्गल हवाई अड्डे पर विमानों के संचालन तथा दृश्यता की सुधार में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि शिमला जिला में जुब्बड़ हट्टी हवाई पट्टी का भी विस्तार किया गया है तथा सर्वोच्च न्यायालय ने भारत सरकार को शीघ्र शिमला के लिए हवाई सेवाएं आरम्भ करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शीघ्र ही शिमला के लिए हवाई सेवाएं शुरू हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि सरकार वर्तमान हवाई अड्डों के सुदृढ़ीकरण के लिए गंभीरतापूर्वक प्रयास कर रही है।

श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य में पर्यटन की क्षमता के दोहन के लिए सरकार प्रयास कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पर्यटन सम्पदा का दोहन अंधाधुंध तरीके से नहीं किया जाएगा और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य सरकार ने सतत् पर्यटन विकास नीति तैयार की है, जिसके आधार पर वर्तमान एवं भविष्य में पर्यटन से सम्बद्ध गतिविधियों का खाका तैयार किया जाएगा। इसके अलावा, सरकार ने राज्य ग्रेटर धर्मशाला पर्यटन कार्य योजना भी तैयार की है।

उन्होंने कहा कि भ्रमण एवं पर्यटन उत्पादों में व्यावसायिक संभावनाओं को तलाशने के लिए 10 देशों के पंजीकृत कारोबारी इस कार्यक्रम को देश में अपनी तरह की अनोखी पहल बनाने में कारगर सिद्ध होंगे।

श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि भारत की सभ्यता बहुत प्राचीन है और यहां विदेशी सैलानियों के आकर्षण के लिए बहुत कुछ है। हिमाचल एक छोटा पहाड़ी राज्य है, जिसे प्रकृति ने शानदार प्राकृतिक सौंदर्य और स्वच्छ वातावरण प्रदान किया है। हिमाचल में धार्मिक, साहसिक, स्वास्थ्य, पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और सरकार ने दूर-दराज के अनछुए क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियां प्रोत्साहित करने के लिए सड़क सुविधा प्रदान की है। प्रदेश के लोगों की देवी-देवताओं पर अपार श्रद्धा है और इसकी संस्कृति एवं पम्पराएं बहुत समृद्ध हंै। सैलानियों के लिए होम स्टे योजना कारगर सिद्ध हो रही है और सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे इकाइयांे को वर्ष 2018 तक पांच वर्षों के लिए विलासिता कर से छूट दी गई है।

मुख्यमंत्री ने आशा जताई कि हिमाचल टैªवल मार्ट के माध्यम से राज्य में और पर्यटन गंतव्यों एवं आकर्षण जोड़ने के साथ-साथ हितधारकों के बीच हिमाचल प्रदेश पर्यटन ब्रांड को मजबूत बनाने में मदद करेगा। साथ ही यह पर्यटन प्रोत्साहन और आर्थिक वृद्धि के लिए परस्पर संवाद का भी उचित मंच प्रदान करेगा जिससे राज्य में बड़ी संख्या में सैलानियों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

पर्यटन आयुक्त श्री मोहन चैहान ने जानकारी दी कि राज्य में सैलानियों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। जनवरी से दिसम्बर 2015 के बीच 1.75 करोड़ सैलानी यहां आए। इस प्रकार पिछले वर्ष के मुकाबले पर्यटकों की आमद में 7.46 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। राज्य को अभी इसकी पर्यटन क्षमता को पूरी तरह से दोहन करना शेष है और विभाग इस लक्ष्य को हासिल करने में जुटा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1984 से पर्यटन को राज्य में एक उद्योग घोषित किया गया और वर्तमान में पर्यटन राज्य सकल घरेलू उत्पाद में लगभग सवा आठ प्रतिशत का योगदान कर रहा है।

उन्होंने इस अवसर पर राज्य के मुख्य साहसिक एवं धार्मिक पर्यटन गंतव्यों पर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी।

इससे पूर्व, हि.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष मेजर विजय सिंह मनकोटिया, प्रबन्ध निदेशक श्री दिनेश मल्होत्रा ने मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।

विधायक श्री सुरेश भारद्वाज, हि.प्र. सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री हर्ष महाजन, हि.प्र. पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री हरीश जनारथा, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री वी.सी. फारका, होटलियर्ज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सेठ, विभिन्न राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, ट्रैवल एजेंट तथा अन्य विदेशी मेहमान भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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