परिवहन विभाग को न्यायालय की चेतावनी

परिवहन विभाग को न्यायालय की चेतावनी
भोपाल ( विजय सिंह )- उच्च न्यायालय जबलपुर ने बहुचर्चित हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट, हेलमेट व सीट बेल्ट की अनिवार्यता के प्रकरण में सख्ती बरतते हुए प्रदेश के परिवहन आयुक्त व एडीजीपी ट्रैफिक के विरुद्ध अवमानना कार्रवाई की चेतावनी दी है।
मंगलवार को अवमानना प्रकरण दर्ज किया जाना लगभग तय था किंतु इसी बीच राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत रूपराह ने जवाब पेश करने एक दिन की मोहलत ले ली।
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने मांग मंजूर करते हुए अगली सुनवाई 15 फरवरी को निर्धारित कर दी। इससे पूर्व कारण बताओ नोटिस के संबंध में परिवहन आयुक्त व एडीजीपी ट्रैफिक की ओर से पेश किए गए जवाब पर असंतोष जताया गया।
दरअसल, हाई कोर्ट ने 17 जनवरी को सख्ती दिखाते हुये कहा था कि अधिकारियों ने जो अंडरटेकिंग दी थी उसका पालन नहीं किया।
कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना का प्रकरण दर्ज किया जाये। मंगलवार को भी सुनवाई के दौरान ओपन टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि क्या सरकार अक्षम अधिकारियों के भरोसे बढ़ेगी। कोर्ट ने दोनों अधिकारियों के विरुद्ध कंटेम्प्ट केस दर्ज करने की नए सिरे से चेतावनी दी।
कोर्ट मित्र के रूप में अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय उपस्थित थे।
 जुलाई 2023  में सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने अंडरटेकिंग दी थी कि आगामी छह माह के भीतर प्रदेश के प्रत्येक वाहन में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लग जायेगी। इसी तरह प्रत्येक दोपहिया वाहन चालक के सिर पर हेलमेट होगा और कार चालक सीट बेल्ट पहनेगा।
सरकार ने अंडरटेकिंग दी थी कि 15 जनवरी 2024 के बाद यदि एक भी वाहन चालक उक्त नियमों का उल्लंघन करता है तो परिवहन आयुक्त और एडीजीपी अवमानना की कार्रवाई के लिये जिम्मेदार होंगे।

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