ध्वनि प्रदूषण :: ‘रोशनी एक प्रयास‘‘:- जिला कलेक्टर की तीरछी नजरें

ध्वनि प्रदूषण   :: ‘रोशनी एक प्रयास‘‘:-  जिला कलेक्टर की तीरछी नजरें

कवर्धा (छत्तीसगढ) *********************जिला कलेक्टर श्री धनंजय देवांगन एवं पुलिस अधीक्षक श्री राहुल भगत ने यहां जिला कार्यालय में जिले के डीजे ऑपरेटर्स एवं मैरिज हॉल के मालिको की संयुक्त बैठक लेकर ध्वनि प्रदूषण(नियमन तथा नियंत्रण) 2000 नियम के प्रावधानों के कड़ाई से पालन कराने के लिये आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री आर.डी.दीवान, एडीशनल एसपी श्री प्रशांत ठाकुर, सभी अनुविभागीय अधिकारीगण जनपद पंचायत के सीईओ एवं नगरीय निकायों के सीएमओ उपस्थित थे। जिला कलेक्टर ने कहा कि इस नियम के प्रावधानों में विहित प्राधिकारी को किसी लाउडस्पीकर पब्लिक एड्रेस सिस्टम, हार्न, निर्माण उपकरणों एवं अन्य ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरणों को प्रतिबंधित करने की शक्तियां प्रदान की गई है।

इस संबंध में राज्य शासन के ध्यान में यह आया है कि ध्वनि विस्तारक उपकरणों के बढ़ते उपयोग के कारण परिवेशीय वायु में निर्धारित ध्वनि स्तर मानकों का उल्लघंन हो रहा है एवं बढ़ता ध्वनि प्रदूषण जनसाधारण के लिये विभिन्न प्रकार की समस्याओं का कारण भी बन रहा है। इसके लिये राज्य शासन ने प्रदेश की परिवेशीय वायु में निर्धारित ध्वनि स्तर मानकों का पालन सुनिश्चित करने हेतु ध्वनि प्रदूषण(नियमन तथा नियंत्रण) नियम 2000 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिये निर्देश दिये है।

इस संबंध में जिला कलेक्टर ने सभी डीजे ऑपरेटरर्स एवं मैरिज हॉल मालिकों को प्रावधानों के सभी नियमों से अवगत कराते हुए कहा कि इनका पालन कड़ाई से सुनिश्चित करें अन्यथा पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी।

जिला कलेक्टर श्री धनंजय देवांगन ध्वनि प्रदूषण(नियमन तथा नियंत्रण) नियम 2000 नियम के प्रावधानों के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि जिले में परिवेशीय वायु में ध्वनि स्तर मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिये हर स्तर पर प्रयास किया जायेगा। इसके लिये आप सभी का सहयोग आवश्यक है।

उन्होंने बताया कि इस नियम के 5 के उपनियम 1 एवं 2 के प्रावधानों के अनुसार लाउडस्पीकर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग बिना जिला दंडाधिकारी या अन्य सक्षम अधिकारी के लिखित अनुमति के बिना नहीं किया जायेगा। रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच खुले में लाउडस्पीकर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरण, म्यूजिकल इंस्टुमेंट, ध्वनि विस्तारक यंत्र या ड्रम या टॉम-टॉम या ट्रमपैट पीटने या ध्वनि उत्पन्न करने वाले किसी भी उपकरण की अनुमति नहीं दी जायेगी।

उन्होंने बताया कि इन प्रावधानों के अनुसार यह सुनिश्चित किया जायेगा कि जिस सार्वजनिक स्थल पर लाउडस्पीकर पब्लिक एड्रेस सिस्टम अथवा अन्य ध्वनि उत्पन्न करने वाले स्त्रोत का उपयोग हो रहा हो, तो उसकी सीमा पर ध्वनि स्तर उस क्षेत्र हेतु निर्धारित परिवेशीय ध्वनि स्तर की सीमा से 10 डेसीबल(ए) अथवा 75डेसीबल(ए) जो भी कम हो अधिक नहीं होना चाहिये। इसके अलावा इस नियम के प्रावधानों के अनुसार यह सुनिश्चित किया जायेगा कि निजी क्षेत्र में साउंड सिस्टम या अन्य ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरण के उपयोग के कारण उस निजी क्षेत्र की सीमा पर ध्वनि स्तर उस क्षेत्र हेतु निर्धारित परिवेशीय ध्वनि स्तर की सीमा से 5 डेसीबल(ए) से अधिक नहीं हो।

बैठक में जिला कलेक्टर ने आगे बताया कि इस नियम के उपनियम के प्रावधानों के अनुसार शांत क्षेत्र में या रात्रिकाल में रहवासी क्षेत्र में हार्न का उपयोग आपातकालीन स्थितियों के अनुसार ही किया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।

प्राधिकारी को नियमानुसार रिपोर्ट मिलने एवं समाधान हो जाने के पश्चात् ध्वनि प्रदूषण के कारण समीपस्थ लोगों की समस्याओं के निराकरण हेतु किसी लाउडस्पीकर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम या अन्य ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरणों, डीजे सिस्टम एवं समतुल्य ध्वनि विस्तारकों उपकरणों आदि के उपयोग को प्रतिबंधित, नियंत्रित या नियमित करना जरूरी हो तो ऐसी परिस्थिति में ध्वनि प्रदूषण(नियमन तथा नियंत्रण) नियम 2000 के नियम 8 के प्रावधानों के अनुसार तत्काल प्रभाव से कार्यवाही की जायेगी और परिवेशीय वायु में ध्वनि स्तर मानकों का पालन भी सुनिश्चित किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि जिले में ध्वनि प्रदूषण से संबंधित शिकायतों को दर्ज करने के लिये एक शिकायत केन्द्र की स्थापना की जायेगी और इसमें जिम्मेदारी अधिकारी की नियुक्ति भी की जायेगी, जहां ध्वनि प्रदूषण संबंधी शिकायतों को दर्ज किया जाकर उनका त्वरित किया जा सकें। जिले में ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रण हेतु दंडाधिकारी एवं पुलिस और होमगार्ड्स के द्वारा निरंतर मॉनिटरिंग एवं पेट्रोलिंग कर इन प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि ध्वनि प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभावों के संबंध में जनसामान्य को व्यापक जानकारी हेतु जनजागरूकता के लिये भी सभी से आग्रह किया।

 बैठक में जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त रूप से इसके प्रावधानों से अवगत कराने के पश्चात् उन सभी डीजे ऑपरेटर्स एवं मैरिज हॉल मालिकों से आग्रह करते हुए कहा कि वे उनके प्रावधानों के पालन करने में पूरा सहयोग दें। बैठक में विभिन्न प्रकार के सुझाव एवं समस्याएं भी रखी गई, जिनके निदान भी किये गये। जिला कलेक्टर ने यह भी कहा कि जिम्मेदार नागरिक होने के कारण हमें इन प्रावधानों को सहर्ष स्वीकार कर लागू करने में मदद करना चाहिये। उन्होंने मैरिज हॉल मालिकों से यह भी कहा कि वे अपने हॉल के समक्ष बड़े-बड़े डस्टबिन रखें, ताकि वहां किसी प्रकार की गंदगी न फैंले और लोगों को असुविधा न हो। इस संबंध में उन्होंने सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों सहित नगरीय निकायों के सीएमओ को विशेष रूप से निर्देश दिये है। इसे क्रियान्वयन के लिये एसडीएम एवं अन्य राजस्व अधिकारियों को भी निर्देश दिये गये है।

बालोद (छत्तीसगढ)**************************** मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अन्तर्गत विधवा, परित्यकता महिलाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें स्वावलंबी बनाने आज बालोद विकासखण्ड के ग्राम झलमला में ‘‘रोशनी एक प्रयास‘‘ केन्द्र शुरू हुआ। कलेक्टर श्री राजेश सिंह राणा ने इस अवसर पर बताया कि इस केन्द्र में ग्राम झलमला की चौदह, ग्राम देवारभाट की तेरह, ग्राम सिवनी की सात और ग्राम हिरापुर की छह महिलाओें सहित कुल 40 महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें हुनरमंद बनाकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

कलेक्टर श्री राणा ने बताया कि इससे पूर्व ग्राम पीपरछेड़ी में भी ‘‘रोशनी एक प्रयास‘‘ केन्द्र शुरू किया जा चुका है और वहॉ भी विधवा परित्यक्ता महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शासन के निर्देशानुसार विधवा परित्यक्ता महिलाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें स्वरोजगार उपलब्ध कराने जिले में चौदह हजार 984 विधवा परित्यक्ता महिलाएॅ चिन्हांकित की गई है। जिसमें बालोद विकासखण्ड की एक हजार 38 एपीएल महिलाएॅ तथा 492 बीपीएल महिलाएॅ, गुण्डरदेही विकासखण्ड की तीन हजार 607 एपीएल महिलाएॅ तथा एक हजार 235 बीपीएल महिलाएॅ, गुरूर विकासखण्ड की दो हजार 560 एपीएल महिलाएॅ तथा 735 बीपीएल महिलाएॅ, डौण्डी विकासखण्ड की 350 बीपीएल महिलाएॅ तथा 94 एपीएल महिलाएॅ और डौण्डीलोहारा विकासखण्ड की तीन हजार 275 एपीएल महिलाएॅ तथा एक हजार 599 बीपीएल महिलाएॅ शामिल है। कलेक्टर ने बताया कि जिले के सभी विकासखण्डों में ‘‘रोशनी एक प्रयास‘‘ केन्द्र शुरू किया जाएगा।

ग्राम झलमला के राजीव गॉधी सेवा केन्द्र में स्थापित ‘‘रोशनी एक प्रयास‘‘ केन्द्र की सभी 40 महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण कीट वितरण किया गया। आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को निःशुल्क ड्रेस वितरण किया गया। स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा कुपोषण दूर करने जनजागरूकता रैली निकाली गई। इस अवसर पर जनपद पंचायत बालोद के अध्यक्ष श्री दयानंद साहू, नगर पालिका परिषद बालोद के पूर्व अध्यक्ष श्री राकेश यादव, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती पद्मिनी भोई साहू, समाज कल्याण विभाग की प्रभारी उपसंचालक सुश्री भारती चन्द्राकर, सरपंच श्रीमती आशा पालक ठाकुर सहित अन्य पंचायत प्रतिनिधि, अधिकारी कर्मचारी और ग्रामीण मौजूद थे।

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