जल संकट : जल संरक्षण उपायों की समीक्षा :- कैबिनेट सचिव श्री प्रदीप कुमार सिन्हा

जल संकट  :  जल संरक्षण उपायों की समीक्षा :- कैबिनेट सचिव श्री प्रदीप कुमार सिन्हा

रायपुर ————————-  भारत सरकार के कैबिनेट सचिव श्री प्रदीप कुमार सिन्हा ने आज वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिवों की बैठक लेकर जल संरक्षण उपायों की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने राज्यों में जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों और इसके लिए भावी कार्ययोजनाओं की जानकारी ली। 648_1

छत्तीसगढ़ के अपर मुख्य सचिव श्री अजय सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में कैबिनेट सचिव को बताया कि प्रदेश में पेयजल और निस्तारी के लिए पानी की व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। निस्तार और जल स्रोतों को रिचार्ज करने के लिए पिछले 15 दिनों में प्रदेश में जलाशयों और बांधों से पानी छोड़कर दो हजार 414 गांवों के तीन हजार 862 तालाबों को भरा गया है।

राज्य शासन ने बांधों और जलाशयों से पानी देकर प्रदेश के दो हजार 632 गांवों के चार हजार 312 तालाबों को भरने की कार्ययोजना तैयार की है। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में नई दिल्ली से जल संसाधन मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय एवं भू-संसाधन मंत्रालय के सचिव भी शामिल हुए।

श्री सिंह ने कैबिनेट सचिव को बताया कि प्रदेश में नल-जल योजनाओं और ढाई लाख से अधिक हैंडपंपों के जरिए लोगों को पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। भू-जल स्तर नीचे चले जाने के कारण जिन हैंडपंपों से पानी नहीं आ रहा है, वहां सिंगल फेस पॉवर पंप के जरिए पानी निकाला जा रहा है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि दुर्गम और विद्युतविहीन इलाकों में सोलर पंप स्थापित कर लोगों को नलकूपों से पानी उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश में अभी कहीं भी पेयजल परिवहन की स्थिति निर्मित नहीं हुई है।

उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में जल संरक्षण एवं जल स्रोतों को रिचार्ज करने के लिए छत्तीसगढ़ में खेतों में तालाब निर्माण कार्यों को प्राथमिकता से शामिल किया गया है। निस्तारी और पेयजल के लिए जल स्रोतों को रिचार्ज करने के लिए सामुदायिक तालाबों की खुदाई भी की जाएगी। श्री सिंह ने कैबिनेट सचिव को जानकारी दी कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण के लिए पेयजल संरक्षण अधिनियम कड़ाई से लागू किया गया है।

वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में कैबिनेट सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देशित किया कि जल संरक्षण और संवर्धन कार्यों में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित अलग-अलग योजनाओं को वे आपसी समन्वय से प्रभावी ढंग से लागू करें। उन्होंने पंचायतों तथा नगरीय निकायों के माध्यम से भी जल संरक्षण की कार्ययोजना बनाने कहा।

उन्होंने मानसून आने के पहले रेन-वाटर हॉर्वेस्टिंग, सिंचाई तालाब, सामुदायिक तालाब, स्टॉपडैम, चेकडैम और जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन परियोजनाओं के काम पूर्ण करने कहा, ताकि बारिश के पानी का संचय कर जल स्रोतों को अच्छे से रिचार्ज किया जा सके।

वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में राजस्व विभाग के सचिव श्री के.आर. पिस्दा, कृषि विभाग के संयुक्त सचिव श्री अविनाश चंपावत और श्री पी.के. दवे, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के संयुक्त सचिव श्री यशवंत कुमार, उपसचिव डॉ. एम.एल. अग्रवाल तथा जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता श्री एच.आर. कुटारे सहित पंचाय एवं ग्रामीण विकास और नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

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