• March 17, 2023

ग्रामीण विकास विभाग की 51 अरब 26 करोड़ 48 लाख 62 हजार रूपये एवं पंचायती राज विभाग की 90 अरब 78 करोड़ 47 लाख 86 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित

ग्रामीण विकास विभाग की 51 अरब 26 करोड़ 48 लाख 62 हजार रूपये एवं पंचायती राज विभाग की 90 अरब 78 करोड़ 47 लाख 86 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित

जयपुर——–  ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री रमेश मीणा ने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण स्थानों में रह रहे निर्धन, वंचित वर्ग एवं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके लिए सुगम सुविधाएं विकसित करने के लिए विभाग द्वारा योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है। इन योजनाओं से इन वर्गों का सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्तिकरण हुआ है।

श्री मीणा गुरूवार को विधानसभा में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने ग्रामीण विकास विभाग की 51 अरब 26 करोड़ 48 लाख 62 हजार रूपये एवं पंचायती राज विभाग की 90 अरब 78 करोड़ 47 लाख 86 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।

श्री मीणा ने बताया कि मनरेगा योजना के अंतर्गत ग्रामीणों को और संबल देते हुए 100 दिवस का रोजगार पूर्ण करने पर 25 दिवस का अतिरिक्त रोजगार दिया जा रहा है। इसके लिए 750 करोड़ रूपये का प्रावधान राज्य मद से किया गया है और इस योजना को अब स्थाई भी कर दिया गया है। योजना में अब तक राज्य में 3 लाख 14 हजार परिवारों को 100 दिवस का पूर्ण रोजगार मिल चुका है। वहीं 13 लाख 37 हजार परिवारों को 81 से 89 दिन का रोजगार दिया गया है।

उन्होंने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 62 लाख 16 हजार परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया और 33 करोड़ 43 लाख मानव दिवस सृजित किये गये। इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक 35 करोड़ मानव दिवस सृजित करना लक्षित है। उन्होंने बताया कि मानव दिवस सृजन करने में पिछले वर्ष राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर रहा है और इस वर्ष भी अभी तक प्रथम स्थान पर ही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना के तहत 8 हजार 949 करोड़ 18 लाख रूपये व्यय हुये। उन्होंने बताया कि वित्तिय वर्ष 2022-23 में 98.03 प्रतिशत श्रमिक भुगतान निर्धारित 15 दिवस की समय सीमा में किया गया है।

उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 168 करोड़ 70 लाख मानव दिवस सृजित किये जा चुके है। अब तक 37 हजार 863 करोड़ रूपये का व्यय अब तक हो चुका है। 16 लाख 15 हजार कार्य पूर्ण करवाये जा चुके है। श्री मीणा ने बताया कि श्रमिकों की फर्जी हाजरी रोकने के लिए राज्य की समस्त ग्राम पंचायतों में श्रमिक नियोजन वाले कार्यों में एनएमएमएस एप के माध्यम से निगरानी की जारी रही है। जिसके क्रियान्वयन में राज्य देश में प्रथम स्थान पर है।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में लगभग 3 हजार हैक्टयर भूमि में चारागाह विकास के कार्य करवाये जायेंगे। इन कार्यों पर महात्मा गांधी नरेगा योजना मद से लगभग 600 करोड़ रूपये का व्यय किया जायेगा। योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में 500 आंगनबाडी केन्द्रों का निर्माण कराया जायेगा। इन कार्यों पर लगभग 40 करोड़ रूपये का व्यय होगा।

श्री मीणा ने बताया कि राजीविका योजना में 22 हजार 188 गांवों में 1 लाख 93 हजार स्वयं सहायता समूहों, 15 हजार 87 ग्राम संगठनों, 448 संकुल स्तरीय संगठनों का गठन कर 23 लाख 43 हजार परिवारों को लाभान्वित किया गया है। इनमे से 1 लाख 43 हजार स्वयं सहायता समूहों को 543 करोड़ रूपये की राशि आजीविका संवर्धन एवं रिवॉलविंग फण्ड के रूप में उपलब्ध करवाई गई है। वर्तमान में राजीविका समूहों की बचत लगभग 800 करोड़ रूपये है। राजीविका परियोजना में इन समूहों को 1233 करोड़ रूपये प्रदान किये गये है तथा बैंको से 3166 करोड़ रूपये का ऋण उपलब्ध करवाया गया है। ऋण प्राप्त करने वाली महिलाओं का एनपीए 2 प्रतिशत से भी कम है।

श्री मीणा ने कहा कि राजीविका के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में 800 करोड़ रूपये का ऋण स्वयं सहायता समूहों को बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा। इसके अतिरिक्त 1000 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को उद्यम हेतु व्यक्तिगत ऋण भी दिया जायेगा। महिला निधि के माध्यम से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आगामी वर्ष में 200 करोड़ रूपये का ऋण दिया जायेगा।

श्री मीणा ने बताया कि राज्य सरकार की समस्त फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ गांव के अन्तिम छोर पर बैठे पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने हेतु एक गांव, एक अधिकारी अभियान शुरू किया जायेगा। इस अभियान में विभाग का अधिकारी/कर्मचारी एक गांव को गोद लेगा तथा उस गांव के पात्र परिवार को फ्लैगशिप योजनाओं से लाभान्वित करवाने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की होगी। साथ ही, अब ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि आवंटन एवं आवासीय पट्टा जारी करने में आ रही समस्याओं के मध्यनजर पट्टा आवंटन प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपादित कराने के लिए एक SOP (शिड्यूल ऑफ पॉवर) जारी की जायेगी।

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने बताया कि आगामी वर्ष में राजीव गांधी जल संचय योजना में लगभग 2630 करोड़ रूपये के 2 लाख जल संग्रहण एवं संरक्षण के कार्य करवाये जायेंगे । उन्होंने कहा कि 2 हजार हेक्टेयर बंजर भूमि में चारागाह एवं उद्यानिकी कार्य संपादित कर राज्य के लगभग 5 हजार गाँवो की 20 लाख हेक्टेयर भूमि को उपचारित किया जायेगा। लगभग 73 हजार कृषकों के खेतो में टांके, 17 हजार कृषकों के फार्म पौण्ड तथा लगभग 2 हजार किसानों के खेतों में ड्रिप स्प्रिंकलर पाइपलाइन लगाकर लाभान्वित किया जायेगा । परियोजना क्षेत्र में लगभग 46 हजार एनीकट, पक्का चौक डैम, मिनी परकोलेशन टैंक आदि संरचनाओ का निर्माण कराया जायेगा ।

श्री मीणा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में जहां देश की औसत प्रगति 75.47 प्रतिशत है वहीं राज्य की उपलब्धि 89.6 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक स्वीकृत 17 लाख 20 हजार 261 आवासों में से 15 लाख 40 हजार 740 पूर्ण किए जा चुके हैं। दिसम्बर 2018 से अब तक 10 लाख 36 हजार आवास स्वीकृत किए गए हैं तथा 10 लाख 75 हजार आवास पूर्ण करवाए जाकर 12 हजार 375 करोड़ की राशि व्यय की गई है।

Related post

बिहार  वित्तीय बजट 2023 : 2 लाख 61 हजार 885 रुपये

बिहार  वित्तीय बजट 2023 : 2 लाख 61 हजार 885 रुपये

बजट का आकार 2 लाख 61 हजार 885 रुपये कर दिया गया। वित्त मंत्री ने अपने…
बजट काफी अच्छा है लेकिन….   डॉ. वेदप्रताप वैदिक

बजट काफी अच्छा है लेकिन…. डॉ. वेदप्रताप वैदिक

कोई सरकार कैसा भी बजट पेश करे, विरोधी दल उसकी आलोचना न करें, यह संभव ही…

Leave a Reply