• April 23, 2024

क्लीन एनेर्जी ट्रांज़िशन में कर्नाटक और गुजरात सबसे आगे

क्लीन एनेर्जी ट्रांज़िशन में कर्नाटक और गुजरात सबसे आगे

लखनऊ (निशांत सक्सेना)——–   कर्नाटक और गुजरात ने एक बार फिर क्लीन एनेर्जी ट्रांज़िशन की दिशा में अपना नेतृत्व प्रदर्शित किया है। इस बात का खुलासा हुआ इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (IEEFA) और एम्बर की एक संयुक्त रिपोर्ट में। 

इस दिशा में यह मूल्यांकन का दूसरा साल है जिसमें अब कुल 21 राज्य शामिल हैंजो पिछले सात वित्तीय वर्षों में भारत की लगभग 95% वार्षिक बिजली मांग का प्रतिनिधित्व करते हैं।

रिपोर्ट में कर्नाटक और गुजरात के निरंतर मजबूत प्रदर्शन को सामने रखा गया है। दोनों ही राज्य अपने बिजली क्षेत्रों में रिन्यूबल एनेर्जी स्रोतों को एकीकृत करने में सफल रहे हैं। इसके चलते इन राज्यों में विद्युत उत्पादन क्षेत्र को कार्बन मुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है। साथ ही, यह रिपोर्ट झारखंडबिहारपश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में प्रगति की आवश्यकता को भी रेखांकित करती हैजहां एनेर्जी ट्रांज़िशन की गति तुलनात्मक रूप से धीमी रही है।

भारत भर में तापमान बढ़ने और विद्युत मंत्रालय द्वारा 260 गीगावॉट की चरम बिजली मांग का अनुमान लगाने के साथराज्यों के लिए सौर ऊर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों में परिवर्तन की सख्त जरूरत है। IEEFA की दक्षिण एशिया निदेशक विभूति गर्ग ने उप-राष्ट्रीय प्रगति की बारीकी से निगरानी करने के महत्व पर बल दियाक्योंकि राज्य-स्तरीय पेचीदगियां देश के विद्युत परिवर्तन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती हैं।

एम्बर के एशिया कार्यक्रम निदेशक आदित्य लोला का कहना है कि कि जहां कुछ राज्यों ने क्लीन एनेर्जी ट्रांज़िशन की दिशा में प्रगतिशील कदम उठाए हैंवहीं कई अन्य राज्य अभी भी शुरुआती चरण में हैं। उन्होंने इन राज्यों से क्लीन एनेर्जी के लाभों को प्राप्त करने के लिए अपने प्रयासों में तेजी लाने का आग्रह किया।

रिपोर्ट उन राज्यों की भी पहचान करती है जो एनेर्जी ट्रांज़िशन को अपनाने के लिए तैयार हैंलेकिन उन्हें विशिष्ट आयामों में सुधार करने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिएदिल्ली बिजली क्षेत्र को कार्बन मुक्त बनाने के लिए तैयार दिखता हैजबकि ओडिशा के पास मजबूत बाजार सक्षमकर्ता हैंफिर भी दोनों राज्य अपनी क्षमताओं का वास्तविक विद्युत क्षेत्र को कार्बन मुक्त बनाने की प्रगति के साथ पूरी तरह से मिलान नहीं कर पाए हैं।

इसके अलावारिपोर्ट राज्य-स्तरीय विद्युत क्षेत्र को कार्बन मुक्त बनाने के प्रयासों में तेजी लाने के लिए बिजली पारिस्थितिकी तंत्र और बाजार समर्थकों को मजबूत करने के महत्व पर बल देती है। यह प्रत्येक राज्य द्वारा सामना की जाने वाली विशिष्ट चुनौतियों का समाधान करने के लिए सिली नीतिगत हस्तक्षेप का सुझाव देता है।

IEEFA में भारत के क्लीन एनेर्जी ट्रांज़िशन के लिए ऊर्जा विशेषज्ञ सलोनी सचदेवा माइकल ने अनुपालन और विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य-स्तरीय नियामक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।

अंत में यह रिपोर्ट राष्ट्रीय-स्तर से राज्य-स्तर के अध्ययनों की ओर स्थानांतरण का आह्वान करती है ताकि एनेर्जी ट्रांज़िशन की बारीकियों को व्यापक रूप से समझा जा सके। राज्य स्तर पर प्रगति को ट्रैक करके और लक्षित हस्तक्षेपों को लागू करकेभारत क्लीन एनेर्जी कि ओर अपनी यात्रा को प्रभावी ढंग से तेज कर सकता है।

Related post

Leave a Reply