• September 12, 2015

कृषि और डेयरी विभाग की समीक्षात्मक बैठक

कृषि और डेयरी विभाग की समीक्षात्मक बैठक

जयपुर -। हनुमानगढ़ जिले में हालांकि नरमा कपास की फसल पर वाइट फ्लाई कीट का प्रकोप है लेकिन आसपास के राज्यों से यहां स्थिति ठीक है। कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी शुक्रवार को हनुमानगढ़ कृषि सर्किट हाउस में विभाग की समीक्षात्मक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। कृषि मंत्री ने कहा कि हालांकि पंजाब और हरियाणा में नरमा और कपास की फसल लगभग पूरी ही नष्ट हो चुकी है। लेकिन वाइट फ्लाई का असर अब राजस्थान में काफी होने लगा है।

कमीश्नर एग्रीकल्चर, एसीएस कृषि समेत कई अधिकारियों को मिलाकर जल्द ही एक कमेटी का राज्य स्तर पर गठन किया जाएगा। जो ये अध्ययन करेगी कि पिछले दो सालों में राजस्थान भर में हवा और जमीन के माध्यम से फसलों में किन किन बीमारियों का फैलाव हुआ और इसे कैसे रोका जा सकता है। अगर किसी बीज पर बैन लगाना पडा तो वो भी लगाएंगे। साथ ही मीडिया में विज्ञापन के जरिए वाइट फ्लाई के रोकथाम को लेकर निर्देश अधिकारियों को दिए।

कृषि मंत्री ने बताया कि कीटनाशकों पर पचास फीसदी का अनुदान भी सरकार द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि आगामी 7-8 दिन में अगर बारिश नहीं आती है तो फसलों में करीब पचास फीसदी का खराबा होने का अनुमान लगाया जा रहा है और सरकार की ओर से कंटनजेंसी प्लान भी इसको लेकर बनाया जाएगा। कृषि मंत्री ने विभाग की नई योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कृषि कनेक्शन लेने वाला किसान अगर सोलर पंप लगाता है तो उसे 75 फीसदी सब्सिडी, बिजली और सोलर दोनों के लिए आवेदन करता है तो 60 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी।

डिग्गी, होज, फॉर्म पोंड को लेकर सब्सिडी कम करने को लेकर मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने बताया कि सब्सिडी कम नहीं हुई है केवल फंडिंग पैट्रन बदल गया है डिग्गी को लेकर सब्सिडी देने के बाद उसे मनरेगा से टेक अप कर लिया जाएगा। और मनरेगा के जरिए किसान को बडा फायदा मिलेगा। कृषि मंंत्री ने बताया कि राजस्थान में कृषि के क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य हो रहा है बीकानेर के लूणकरणसर में हिंदुस्तान की पहली जैतून रिफाइनरी लगाई गई है। जैतून की खेती की प्रोग्रेस को देखते हुए इसी साल 22 नवंबर को लंदन में कृषि को लेकर 116 देशों के हो रहे एक कार्यक्रम में राज्य के कृषि विभाग को सम्मानित किया जाएगा।

 कृषि मंत्री ने बताया कि भारत सरकार और राजस्थान सरकार कृषि क्षेत्र मे नई योजनाएं ला रही है। सोयल हैल्थ कार्ड के अलावा प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना, मोडिफाइड फसल बीमा योजना समेत कई योजनाएं शुरू की गई है जिनका लाभ किसानों को मिलेगा। 22 जिलों में फसलों का मौसम आधारित बीमा शुरू किया गया है। इसमें अगर फसल खराब नहीं भी हुई हो लेकिन बरसात अगर अगस्त और सितंबर में कम हुई हो तो किसानों को मुआवजा मिलेगा।
इससे पहले कृषि विभाग के अधिकारियों ने विभाग की पूरी रिपोर्ट कृषि मंत्री को दी। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले में कुल 7 लाख 83 हजार हैक्टेयर भूमि में इरीगेटेड है जिनमें से करीब 4 लाख हैक्टेयर भूमि सिंचित है जिसमें से एक लाख 60 हजार हैक्टेयर भूमि पर नरमा और कपास, 4 लाख 83 हजार हैक्टेयर पर ग्वार, 1 लाख 13 हजार हैक्टेयर पर मूंग, 27 हजार हैक्टेयर पर मोठ, 31 हजार हैक्टेयर पर धान, 38 हजार पर बाजरा की बुवाई की हुई है कृषि मंत्री ने इंस्पेक्टरों से नमूने लेने को लेकर सवाल जवाब भी किए।

बैठक में कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी के अलावा जिला प्रमुख श्री कृष्ण चौटिया, पीलीबंगा विधायक श्रीमती द्रोपती मेघवाल, कृषि उपज मण्डी अध्यक्ष श्री रामेश्वर चावरिया डेयरी विभाग के जयपुर और हनुमानगढ से आए आला अधिकारी शामिल थे। बैठक लेने के बाद कृषि मंत्री श्रीगंगानगर रोड पर स्थित एक खेत में नरमा फसल की स्थिति देखने के लिए भी गए। और वहां करीब 15 मिनट तक नरमा फसल की स्थिति को लेकर अधिकारियों से विचार विमर्श किया।

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