• February 21, 2016

एमरजेंसी जैसे हालात: मीडिया वालों पर लगाम: प्रशासन मूक दर्शक : आरक्षण की आड़ में जनता बंधक

एमरजेंसी जैसे हालात: मीडिया वालों पर लगाम: प्रशासन मूक दर्शक  :   आरक्षण की आड़ में  जनता बंधक
राजकुमार अग्रवाल ——– आरक्षण की चपेट में ,शहर में आने जाने के सभी रास्ते जाट बिरादरी ने बंद कर दिए , जींद रोड बाई पास ,करनाल रोड ,अम्बाला रोड ढांड  रोड पर पेड काट कर उन्हें सड़क के बीचों – बीच डाल कर आवजाही  बंद कर दी है ।आरक्षण की आड़ में  जनता को बंधक बना कर रख दिया है ,जाट बिरादरी ने एमरजेंसी जैसे हालात पैदा कर दिए जिसके चलते सेना को बुलाना पड़ा , इतिहात के तौर पर सेना फ्लग मार्च कर रही   है तथा   जिला प्रशासन मूक दर्शक ।1
ऐसा लगता है  की आरक्षण की आड़ में प्रशासन भी जाट बिरादरी का साथ दे रहा है ।  नेशनल हाइ-वे पर पेड़ काट कर गिरा दिया गया है ।कवरेज करने वाले मीडिया को फोटो खीचने से रोक दिया गया है
उनके कैमरों से फोटो डिलीट कर दी गई ,जब इस संबध में जिला पुलिस कप्तान से बात की गई तो उन्होंने कहा की हम कुछ नही कर सकते ।  अगर कोई पत्रकार या आम जन आंदोलनकारियों के मध्य जाता है तो वह अपनी जान ,माल का स्वयं जिम्मेवार है ।  
सेना ने जनता को आश्वासन दिया  है  कि सभी आम जन सुरक्षित है ,हमें उपद्रवियों को देखते ही गोली  मारने के आदेश है ।  इसलिए आम जनता को डरने और  भयभीत होने की जरूरत नही है।    जिला प्रशासन ने शहर में मुनयादि करवाई है की अफवाहों पर ध्यान ना दे ।  लेकिन जैसे अराजकता वाले हालत बने हुए है उसे देखते हुए लगता  है कि प्रशासन  ने धारा  144  लगाई  है ।  उसका कोई महत्व नही  ।2
प्रदर्शनकारी  जहां- तहाँ  सैकड़ों की संख्या में लाठियां लिए बैठे है ।  शहर में भी जाट समुदाय के लोग लाठियों से लेस घूमते दिखाई दिए , सभी स्कूल ,कालेज बंद कर दिए गए है ,आम जनता  परेशानी की स्थिति में देखि जा सकती है,यातायात मार्ग अवरुद्ध होने के कारण बहुत आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है ।  
इनलों ने भी बयान जारी करके आंदोलनकरियों को समर्थन दिए जाने का आश्वासन दिया है ,जाट आंदोलनकारियों की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो गई है ।  आंदोलनकारी जाट समुदाय सत्तारुढ मंत्री और  सांसदों  को निशाने पर ले रहे हैं, उनके आवासों पर  पथराव किया जा रहा है ,प्रदर्शनकारी के आसपास  ना तो पुलिस बल है और ना ही सेना के जवान ।  प्रदर्शनकारी  हुड़दंग मचा रहे है ।   प्रदर्शनकारी   सार्वजनिक  सम्पति को नुकसान पहुंचा रहा है ।  
(नवसंचार ब्यूरो)

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