उत्पादक संगठनों का राज्य-स्तरीय सम्मेलन उज्जैन में

उत्पादक संगठनों का राज्य-स्तरीय सम्मेलन उज्जैन में
 

कृषकों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलवाने और खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये किये जा रहे प्रयास और परिणामों पर विचार के लिये कृषक उत्पादक संगठनों का राज्य-स्तरीय सम्मेलन उज्जैन में 29 मई को होगा। सम्मेलन कृषि महोत्सव पर हो रहा है। इसमें मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान किसानों से सीधे रू-ब-रू होंगे।

कृषक उत्पादक संगठन का गठन उनकी उपज को सीधे बाजार से जोड़ने के साथ ही वाजिब दाम दिलवाने के लिये किया गया है। संगठन किसानों को उनकी आवश्यकता की सुविधाएँ दिलवाने के साथ ही वित्तीय सहयोग भी उपलब्ध करवाने में मदद करता है। प्रदेश के 29 जिले में 64 कृषक उत्पादक संगठन कार्यरत हैं। इन संगठनों को संस्थागत रूप देने के लिये अशासकीय-स्तर पर मध्य भारत कंसोर्टियम ऑफ फार्मस प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड का गठन किया गया है। हाल ही में इसके जरिये किसानों द्वारा उत्पादित 320 टन प्याज दिल्ली भेजी गयी, जिसके अच्छे दाम उन्हें मिले।

मध्यप्रदेश में छोटे किसानों की क्रॉप प्रोड्यूसर की स्थापना को सबसे पहले जिला गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम (डी.पी.आई.पी.) के जरिये मूर्तरूप दिया गया था। डी.पी.आई.पी. के कार्यक्षेत्र के 14 जिले में लगभग 19 क्रॉप प्रोड्यूसर कम्पनी गठित की गईं, जिनमें कम्पनी के शेयर होल्डर से लेकर संचालक मण्डल एवं अध्यक्ष तक गाँवों के छोटे और गरीब किसान थे।

इनमें से मुख्य रूप से शाजापुर (अब आगर-मालवा) जिले में समर्थ क्रॉप प्रोड्यूसर कम्पनी, राजगढ़ जिले के खुजनेर की क्रॉप प्रोड्यूसर कम्पनी, शिवपुरी जिले की क्रॉप प्रोड्यूसर कम्पनी एवं गुना तथा रीवा में गठित क्रॉप प्रोड्यूसर कम्पनी शामिल हैं। इसी प्रकार सागर जिले में सागरश्री दुग्ध उत्पादन कम्पनी में अधिकतर महिला पदाधिकारी शामिल हैं।

विश्व बेंक के सुपरविजन मिशन दल ने अनेक बार इन कम्पनियों की गतिविधियों का अवलोकन कर मध्यप्रदेश डी.पी.आई.पी. के प्रयासों की सराहना कर इसे नवाचार का उत्कृष्ट उदाहरण बताया था।

मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जिसने कम्पनी एक्ट में बड़े पैमाने पर कृषक उत्पादक संगठन बनाये हैं। इन्हीं संगठनों का एक वृहद सम्मेलन 29 मई को तीन दिन के लिये उज्जैन में हो रहा है। इस मौके पर एक प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी, जिसमें 100 स्टॉल लगेंगे। उन्नत कृषि यंत्रों के प्रदर्शन के साथ ही कृषि, उद्यानिकी और पशु-पालन के क्षेत्र में विशेषज्ञों का किसानों से सीधा संवाद होगा। किसानों की कम्पनी का गठन कर उन्हें लायसेंस देने की भी प्रक्रिया पूरी की जायेगी।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल में हुए कृषक उत्पादक संगठनों के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। कार्यक्रम में श्री चौहान ने कहा था कि कृषक उत्पादक कम्पनियों के भविष्य को बेहतर बनाया जायेगा और उन्हें किसानों के लिये लाभदायक बनाने के प्रयास किये जायेंगे।

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