केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के युक्तियुक्तकरण के लिये गठित नीति आयोग के उप समूह की बैठक

केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के युक्तियुक्तकरण के लिये गठित नीति आयोग के उप समूह की बैठक
 

केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के युक्तियुक्तकरण के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में नीति आयोग के उप समूह की बैठक में केन्द्रीय क्षेत्र की योजनाओं के स्वरूप और फण्डिंग के बारे में अंतिम दौर का विचार-विमर्श किया गया। राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सुझावों पर सिफारिशें तैयार कर ली गई हैं। उप समूह की अंतिम बैठक दिल्ली में आगामी 13 जून को होगी। इसके बाद उप समूह अपनी अनुशंसाओं का प्रतिवेदन नीति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को सौंपेगा।

बैठक में नागालेंड के मुख्यमंत्री श्री टी.आर. झेलियंग, केरल के मुख्यमंत्री श्री ओमन चाण्‍डी, अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नाबम तुकी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री श्री के. चन्द्रशेखर राव, झारखंड के मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास और अंडमान निकोबार के लेफ्टिनेंट गर्वनर श्री ए.के. सिंह शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में कहा कि उप समूह द्वारा राज्यों को मजबूत बनाने और उनकी अपेक्षाओं के साथ और केन्द्र के संसाधनों की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए अनुशंसाएँ की जायेंगी। पूरे देश के प्रतिनिधित्व के साथ अनुशंसाएँ करते समय राज्यों के साथ राष्ट्र के हित का ध्यान रखा जायेगा।

केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में केन्द्र का हिस्सा पचास प्रतिशत से कम नहीं हो इस पर लगभग सभी राज्य सहमत हैं। इन योजनाओं में फण्डिंग पेटर्न कम से कम 5 साल तक एक जैसा हो तथा केन्द्र प्रवर्तित क्षेत्र की आधारभूत योजनाओं की संख्या 20 से 25 के बीच हो। शेष योजनाओं के विकल्प उपलब्ध रहें। एक योजना में कई घटक हों और राज्य हर घटक अपनाने को बाध्य नहीं हों।

केन्द्र प्रवर्तित क्षेत्र में लगभग 25 प्रतिशत फ्लेक्सी फंड हो। इससे राज्यों को प्राथमिकताओं वाले क्षेत्र में धनराशि खर्च करना आसान होगा। केन्द्र प्रवर्तित योजना में अप्रैल और अक्टूबर माह में दो किश्त में राशि मिले। पहले से चल रही अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिये वर्ष 2017 तक केन्द्र राशि उपलब्ध करवाये।

राज्यों की दीर्घकालीन योजना निर्माण में नीति आयोग मदद करे। नीति आयोग ऐसा प्लेटफार्म उपलब्ध करवाये, जहाँ राज्य अपनी समस्याओं पर विचार कर सकें तथा नवाचारों को आपस में साझा कर सकें।

मुख्यमंत्रियों के सुझाव

तेलंगाना के मुख्यमंत्री श्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि किसी भी कीमत पर राज्यों पर भार नहीं आना चाहिए और राज्य के हिस्से में कमी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा सरप्लस घोषित हुए राज्य वित्तीय रूप से प्रभावित हुए हैं। केंद्र की योजनाओं में केंद्र का योगदान 80 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए भले ही ऐच्छिक योजनाओं में से कटौती करना पड़े। उन्होंने कहा कि वित्तीय जवाबदारी एवं बजट प्रबंधन अधिनियम से अपेक्षाएँ है। वित्तीय व्यवस्थापन के सम्बन्ध में भी जल्दी निर्णय लेना होगा।

नागालेंड के मुख्यमंत्री श्री टी.आर. झेलियांग का कहना था कि उत्तर पूर्व के प्रदेशों का केंद्रीय योजनाओं में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। बी.आर.जी.एफ. जैसी योजना जारी रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस आधुनिकीकरण भी जारी रखना होगा। नागालेंड जैसे उत्तर-पूर्वी राज्यों को विशेष दर्जा जारी रखते हुए मदद करने की पहल होना चाहिए।

केरल के मुख्यमंत्री श्री ओमन चांडी ने तटीय राज्य होने के कारण विशेष केन्द्रीय योजनाएँ बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि नए फंडिंग पेटर्न के कारण राज्यों को नुकसान नहीं होना चाहिए। जितना राज्यों को पहले मिल रहा था उससे कम नहीं होना चाहिए। राज्य की लोन (ऋण) लेने की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए।

झारखण्ड के मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि बी.आर.जी.एफ. को दो साल तक बढ़ाया जाना चाहिए, जिससे फण्ड का पूरा उपयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि समृद्ध राज्यों को केंद्रीय योजनाओं में ज्यादा हिस्सेदारी देने का फार्मूला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनवरी के बाद केंद्रीय योजनाओं में राशि नहीं दी जाना चाहिये क्योंकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले व्यावहारिक रूप से पूरा-पूरा उपयोग नहीं हो पाता।

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नाबम तुकी का मानना था कि केंद्रीय योजनाओं की राशि दो किश्तों में दी जाना चाहिए। पहली किश्त मई में और दूसरी किश्त नवंबर में। अंडमान निकोबार के लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री ए.के. सिंह ने कहा कि हर केंद्र शासित प्रदेश की अलग-अलग जरूरतें होती हैं इसलिए इनके लिए अलग फंडिंग पेटर्न अपनाने की जरूरत है। राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश  के मुख्यमंत्रियों की ओर से उनके  प्रतिनिधि अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में नीति आयोग की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री सिंधुश्री खुल्लर एवं वरिष्ठ अधिकारी राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री बाबूलाल जैन, वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया, मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अजयनाथ, अपर मुख्य सचिव योजना श्रीमती अजिता वाजपेयी पांडे, प्रमुख सचिव वित्त श्री आशीष उपाध्याय, प्रमुख सचिव योजना श्री के. सुरेश और सचिव वित्त श्री अनिरुद्ध मुखर्जी भी उपस्थित थे।

Related post

साइबर अपराधियों द्वारा ‘ब्लैकमेल’ और ‘डिजिटल अरेस्ट’ की घटनाओं के खिलाफ अलर्ट

साइबर अपराधियों द्वारा ‘ब्लैकमेल’ और ‘डिजिटल अरेस्ट’ की घटनाओं के खिलाफ अलर्ट

गृह मंत्रालय PIB Delhi——–  राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर साइबर अपराधियों द्वारा पुलिस अधिकारियों,…
90 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का निपटारा किया गया : निर्वाचन आयोग

90 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का निपटारा किया गया : निर्वाचन आयोग

कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर अन्य पार्टियों की ओर से कोई बड़ी शिकायत लंबित नहीं है…
अव्यवस्थित सड़क निर्माण भी विकास को प्रभावित करता है

अव्यवस्थित सड़क निर्माण भी विकास को प्रभावित करता है

वासुदेव डेण्डोर (उदयपुर)———– देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे फेज़ के वोटिंग प्रक्रिया भी समाप्त हो…

Leave a Reply