इक्विटी में वैश्विक सुधार में भारतीय बाजार सर्वाधिक चढऩे वाले बाजारों में

इक्विटी में वैश्विक सुधार में भारतीय बाजार सर्वाधिक चढऩे वाले बाजारों में

अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा सितंबर में दर वृद्धि को टाले जाने के बाद इक्विटी में वैश्विक सुधार में भारतीय बाजार सर्वाधिक चढऩे वाले बाजारों में से एक रहा है। बीएसई का सेंसेक्स इस साल के निचले स्तर (7 सितंबर 2015 को) से 10.4 फीसदी ऊपर है जिसने इसे हांगकांग, दक्षिण अफ्रीका और शांघाई के बाजारों में ताजा तेजी में चौथा सर्वाधिक श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला बाजार बना दिया है। बाजार में ज्यादातर तेजी हालांकि आय में वृद्घि के बजाय सूचकांक मूल्यांकन में तेजी के जरिये आई है। बीएसई का सेंसेक्स अब 2014 कै लेंडर वर्ष के अंत में दर्ज स्तर (या जब इसने इस साल जनवरी में सर्वाधिक ऊंचा स्तर बनाया था) की तुलना में आय मल्टीपल के मुकाबले ट्रेलिंग प्राइस पर काफी महंगा हो गया है।

इकनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी जी चोकालिंगम कहते हैं, ‘बाजार अब इस संदर्भ में बुनियादी आधार से आगे दिख रहा है कि कॉरपोरेट आय ने शेयर कीमतों में तेजी के अनुकूल रफ्तार नहीं पकड़ी है। यदि दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2015) की आय सुस्त रहती है तो इससे अल्पावधि में कुछ उतार-चढ़ाव पैदा हो सकता है।’ यह विश्लेषण स्टॉक एक्सचेंज को दैनिक आधार पर मुहैया कराए गए दैनिक सूचकांक मूल्यांकन अनुपात पर आधारित है। शुक्रवार के बंद स्तर पर, सूचकांक पिछले 12 महीने में अपनी 22.1 गुना की ईपीएस पर कारोबार कर रहा था जो दिसंबर 2014 के अंत में 19.3 गुना और 29 जनवरी के 20.9 गुना के पीई मल्टीपल से काफी अधिक है।

सेंसेक्स का आय मल्टीपल (पी-ई अनुपात) उसके सितंबर के निचले स्तर से 12.1 फीसदी अधिक है, एकमात्र दक्षिण अफ्रीकी बाजार ने इस अवधि के दौरान मूल्यांकन में भारी तेजी (12.6 फीसदी) दर्ज की। फिलहाल चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही और उसके बाद आय में सुधार को लेकर सभी को उम्मीद है। अमीर निवेशकों के लिए संपत्ति (खासकर इक्विटी में) प्रबंधन करने वाले चोकालिंगम कहते हैं, ‘मेरे ग्राहक मौजूदा आय सत्र को लेकर चिंतित नहीं हैं क्योंकि इसके खराब रहने की आशंका जताई गई है। सेंसेक्स की ईपीएस अगले साल अक्टूबर में मौजूदा स्तरों से बेहतर रहेगी और मुझे पूरा विश्वास है कि भारतीय उद्योग जगत की रफ्तार में जल्द सुधार आएगा।’

वह कहते हैं कि अगले साल जब अनुकूल आधार प्रभाव की वजह से सुधार आएगा तो आय में भी बदलाव दिखेगा। सेंसेक्स की ईपीएस चालू वर्ष के पहले 10 महीनों के दौरान 12.4 फीसदी नीचे है जिससे वित्त वर्ष 2017 और वित्त वर्ष 2016 में कॉरपोरेट आय के लिए अनुकूल आधार तैयार हो रहा है। सितंबर 2015 की तिमाही का आय सत्र तेजडिय़ों के लिए सतर्क सकारात्मक संकेत के साथ शुरू हुआ है। आठ सेंसेक्स कंपनियों का संयुक्त रूप से शुद्घ मनाफा चालू तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 13.5 फीसदी ऊपर है। यह पिछले 12 महीनों के आधार पर 1.7 फीसदी की आय वृद्घि को दर्शाता है।

हालांकि कुछ विश्लेषकों ने बिक्री वृद्घि और राजस्व में सपाट से लेकर धीमी वृद्घि को देखते हुए शुरुआती परिणाम की मजबूती के बरकरार रहने पर आशंका जताई है। एमके ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज में इंस्टीट्ïयूशनल इक्विटी के प्रमुख धनंजय सिन्हा कहते हैं, ‘दूसरी तिमाही में मुनाफा कच्चे माल की कम लागत पर केंद्रित था, लेकिन जिंस कीमतों में नरमी का फायदा अगली दो तिमाहियों में कमजोर होगी। आय में लगातार एवं मजबूत वृद्घि के लिए मांग में लगातार तेजी की जरूरत है जो फिलहाल संभव नहीं दिख रही है।’ उनके अनुसार तेजी अमेरिका द्वारा दर वृद्घि नहीं किए जाने और आरबीआई द्वारा पिछले महीने प्रमुख दर में 50 आधार अंक की कटौती किए जाने के बाद अनुकूल नकदी प्रवाह से प्रेरित है। वह कहते हैं, ‘बाजार में उत्सुकता है और जीडीपी वृद्घि और कॉरपोरेट आय जैसी बुनियादी बातें अल्पावधि में चिंता का विषय नहीं होंगी।’

Related post

साइबर अपराधियों द्वारा ‘ब्लैकमेल’ और ‘डिजिटल अरेस्ट’ की घटनाओं के खिलाफ अलर्ट

साइबर अपराधियों द्वारा ‘ब्लैकमेल’ और ‘डिजिटल अरेस्ट’ की घटनाओं के खिलाफ अलर्ट

गृह मंत्रालय PIB Delhi——–  राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर साइबर अपराधियों द्वारा पुलिस अधिकारियों,…
90 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का निपटारा किया गया : निर्वाचन आयोग

90 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का निपटारा किया गया : निर्वाचन आयोग

कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर अन्य पार्टियों की ओर से कोई बड़ी शिकायत लंबित नहीं है…
अव्यवस्थित सड़क निर्माण भी विकास को प्रभावित करता है

अव्यवस्थित सड़क निर्माण भी विकास को प्रभावित करता है

वासुदेव डेण्डोर (उदयपुर)———– देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे फेज़ के वोटिंग प्रक्रिया भी समाप्त हो…

Leave a Reply