आर्थिक मंदी से जूझते विश्व में भारत आशा की किरण

आर्थिक मंदी से जूझते विश्व में भारत आशा की किरण

सुनीता दुबे ——– आर्थिक मंदी से जूझते विश्व में भारत का वर्ष 2015-16 में व्यापार 10 हजार बिलियन डालर बढ़ा है। भारत का भविष्य अच्छा है जिसका लाभ स्वत: मध्यप्रदेश को भी मिलेगा। यह बात आज वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री श्री जयंत मलैया ने ग्लोबल समिट-2016 के एम.पी. एक्सपोर्ट स्ट्रेटजी सत्र में कही।

श्री मलैया ने कहा कि उद्योगों को भूमि आवंटन में होने वाले विलम्ब से मुक्त करने के लिए मध्यप्रदेश में भूमि आवंटन ऑनलाइन कर दिया गया है। मध्यप्रदेश से निर्यात बढ़ाने के लिए एक समिति का गठन किया जा रहा है, जो केन्द्र शासन को अपनी रिपोर्ट भेजेगी और तदनुसार कार्यवाही की जाएगी। निर्यातकों की सुविधा के लिए प्रदेश का सातवाँ अंतर्देशीय कंटेनर डिपो कटनी में बनाया जा रहा है।

पहले सत्र में थे गिने-चुने प्रतिभागी

श्री मलैया ने कहा कि वर्ष 2007 में हुए पहले ग्लोबल समिट में मात्र इतने ही प्रतिनिधि थे जितने आज एक सत्र में हैं। श्री मलैया ने कहा कि सड़क, बिजली, पानी, कुशल मानव संसाधन सुविधा के बढ़ने से देश-विदेश के निवेशकों का मध्यप्रदेश में रूझान बढ़ा है। सोयाबीन के निर्यात ने मध्यप्रदेश को विश्व में पहचान दिलाई है।

प्रमुख सचिव लघु, एवं सूक्ष्म उद्योग श्री व्ही.एल. कान्ताराव ने कहा कि प्रदेश में ऐसी निर्यात रणनीति तैयार की जा रही है जिसका सबको लाभ मिले। श्री राव ने बताया कि वर्ष 2014-15 में मध्यप्रदेश में निर्यातकों की मदद करने वाली नीति बनाई गई है। एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल है और उद्यमी ic-mp@nic.inपर अपनी समस्याओं का समाधान खोज सकते हैं।

प्रेस्टिज ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के प्रबंध संचालक डॉ. दाविश जैन ने औद्योगिक संभावनाओं पर बोलते हुए प्रदेश की धनात्मक उपलब्धियों और सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों पर प्रकाश डाला। डॉ. जैन ने कहा कि मध्यप्रदेश में उद्योग, निवेश और निर्यात का विस्तार होने से यहाँ अंतर्राष्ट्रीय स्तर का अधोसंरचना विकास हो।

छिन्दवाड़ा में भी होगा सेज

स्पेशल इकोनामिक जोन (सेज) के विकास आयुक्त श्री जे.एम. गुप्ता ने बताया कि निर्यातबंधु कार्यक्रम में पिछले दो साल में 46,000 कॉलेज छात्रों और निर्यात का व्यवसाय शुरू करने वाले लोगों को लाभान्वित किया गया है। भारत के कुल निर्यात का 28 प्रतिशत सेज से होता है। केन्द्र शासन द्वारा मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा के लिए भी स्पेशल इकानाँमिक जोन स्वीकृत किया गया है।

कार्यकारी संचालक एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया श्री एम. सोन्तिलनाथन ने रिस्क कवर, देश की रिस्क रेटिंग मेथेडोलॉजी, बॉयर अन्डरराइटिंग स्कोर कार्ड आदि के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उनकी इंदौर शाखा से सौ निर्यातक जुड़े हैं। ईसीजीसी की वेबसाइट पर 50 मिलियन बिजनेस प्रोफाइल हैं जिसका फायदा बाजार बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।

भारतीय आयात-निर्यात बैंक- एक्जिम के उप प्रबंध निदेशक श्री डेविड रस्किन्हा ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में बैंकों की भूमिका, मूलभूत पहल और विकास, एक्सिस बैंक द्वारा मध्यप्रदेश के निर्यात को सहायता आदि के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया।

अपर आयुक्त कस्टम, इंदौर श्री ए.के. सक्सेना ने कहा कि ईज ऑफ डुइंग बिजनेस से उद्यमियों के लिए जटिलताओं को समाप्त कर सुविधाओं का विस्तार किया गया है। मेक इन इंडिया के माध्यम से देश को उद्योग जगत में बेहतर स्थान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सत्र में प्रदेश, देश और विदेश के उद्यमी मौजूद थे।

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