• March 24, 2015

अफीम फसल: केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री से मुलाकात

अफीम फसल: केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री से मुलाकात

जयपुर -झालावाड़ सांसद श्री दुष्यंत सिंह, चित्तौडगढ़ सांसद श्री सी.पी. जोशी एवं निंबाहेडा विधायक श्रीचंद कृृपलानी ने सोमवार को केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री जयंत सिन्हा एवं अतिरिक्त सचिव, राजस्व श्रीमती रश्मि वर्मा से भेंट कर राजस्थान मे पिछले दिनों हुई वर्षा और ओलावृृष्टि के कारण अफीम फसलों को पर भारी नुकसान की जानकारी दी और फसलों के खराबे का आंकलन एवं प्रभावित किसानों को शीघ्र ही राहत राशि दिए जाने के संबध में आग्रह किया।

उन्होंने बताया कि इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने भी केन्द्रीय गृहमंत्री एवं केन्द्रीय वित्त एवं वित्त राज्य मंत्री से प्रदेश के अन्य किसानों के साथ ही असमय वर्षा एवं ओलावृष्टि से प्रभावित हुए अफीम किसानों को भी तत्काल राहत देने की बात कही है।

सांसद श्री दुष्यंत सिंह, के नेतृृत्च में केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री से हुई इस मुलाकात में शािमल प्रतिनिधिमंण्डल में सांसदों एवं विधायक ने बताया कि वर्तमान में अफीम किसान अफीम डोडा में चिरा लगा चुके हैं। ऐसी स्थिति में उनके लिए औसत नाप देना संभव नहीं होगा। इसलिए अफीम किसानों को मुआवजा राशि के साथ ही औसत में भी छुट प्रदान की जानी चाहिए।

सांसदों ने आग्रह किया कि केन्द्र सरकार तत्काल प्रभाव से अफीम फसलों की खराबी का सर्वेक्षण कराने के लिए एक केन्द्रीय जॉच सर्वे टीम प्रभावित क्षेत्रों में भेज कर फसल खराबी का सही आंकलन करवाये।

सांसदों ने केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री से किसानों को शीघ्र मुआवजा दिलाने की व्यवस्था करने का आग्रह भी किया और कहा कि प्रभावित किसान सहायता मिलने से उन्हें हुए भारी नुकसान से उबर सकेगें। सांसदो ने यह सुझाव भी दिया कि अफीम किसानों को फसल बीमा योजना से भी जोड़ा जाये। साथ ही जो अफीम किसान न्यायालयों के मुकद्मों से दोष मुक्त हो गये है, उन्हें भी अफीम फसल उत्पादन का लाईसेंस जारी करवाया जाये।

सांसदों ने आग्रह किया कि 1998 के बाद औसत के आधार पर अथवा अन्य किसी अन्य तकनीकी कारण से जिन किसानों के पट्टे काटे गये है। उन समस्त किसानों को पुन: पट्टे देकर मुख्यधारा में लाया जावे। उन्होंने ऐसे किसानों के कटे हुए पट्टों को पुन: बहाल करने के लिए केन्द्र सरकार से सकारात्मक पहल करने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिस प्रकार 15 एवं 20 आरी के पट्टे जारी किये जाते हैं, उसके स्थान पर 10-10 आरी के पट्टे जारी किये जाए जिससे अफीम किसानों की संख्या भी बढ़ेगी और वे दस आरी पर अच्छे से फसल भी कर सकेंगे।

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