बागवानी विस्तार बागीचों तक अधिकारी

बागवानी विस्तार बागीचों तक  अधिकारी

शिमला —(हिमचलप्रदेश)——– बागवानी व सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री श्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि नर्सरियों में स्थानीय मांग के अनुरूप पौध तैयार की जानी चाहिए और इसके लिये अधिकारियों को फील्ड में जाकर जलवायु के अनुकूल पौधों की मांग एकत्र कर इन्हें किसानों को उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पौधों की गुणवत्ता सुनिश्चित बनाना महत्वपूर्ण है ताकि बागवानों में विश्वसनीयता बनी रहे। उन्होंने कहा कि अनुसंधान बागीचों तक पहुंचे और इसके लिए वैज्ञानिकों व बागवानी विभाग के अधिकारियों को फील्ड में जाना ही होगा।

बागवानी मंत्री आज यहां बागवानी विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि बागवानी का विस्तार प्रदेश के सभी क्षेत्रों में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी आकंड़ों के जाल में न उलझकर जमीनी स्तर पर उपलब्धियों को दर्शाएं। उन्होंने कहा कि नीम्बू प्रजाति के लुप्त हो रहे फलों की नर्सरियां विशेष रूप से तैयार कर किसानों को पौधे उपलब्ध करवाएं।

उन्होंने कहा कि वितरित किए गए पौधों की जीवन्तता की नियमित निगरानी की जानी चाहिए और इसके लिए लोगों को भी जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पौधे वितरित करने से पूर्व क्षेत्र विशेष में उनकी अनुकूलता को देखना आवश्यक है और साथ ही किसानों की फीडबैक प्राप्त करे ताकि नर्सरियां तैयार करने में सुविधा हो।

श्री महेन्द्र सिंह ने कहा कि वह प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र को हरा-भरा देखना चाहते है और इसके लिए एक मास्टर पलान तैयार करने के लिए उन्होंने वैज्ञानिकों से सहयोग करने को कहा। उन्होंने कहा कि विभाग का इस दिशा में स्पष्ट मिशन होना चाहिए। उन्होंने विभाग को नई सोच के साथ 100 दिनों के लिए लक्ष्य निर्धारित कर इसे हासिल करने के लिए इस पर कार्य करने को कहा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में पुष्पोत्पादन की अपार सम्भावनाएं हैं और इसमें बड़े पैमाने पर रोजगार भी जुड़ा है। उन्होंने विभाग को प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में फूलों की खेती व मशरूम उत्पादन को प्रोत्साहित करने की दिशा में प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि उत्पादन के साथ-साथ इसके विपणन की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए।

हि.प्र. विपणन समिति (एचपीएमसी) के प्रबन्ध निदेशक श्री दिनेश मल्होत्रा ने जानकारी दी कि एचपीएमसी का इस वित्त वर्ष का कारोबार 64 करोड़ रुपये होने की सम्भावना है। उन्होंने कहा कि देश में 329 जूस स्टॉल हैं। राज्य में पांच सीए स्टोर, हैं जिनकी क्षमता 3380 मीट्रिक टन है। इसी प्रकार परमाणु, जाबली, मुम्बई, दिल्ली तथा चेन्नई में 11750 मीट्रिक टन क्षमता के पांच कोल्ड स्टोर हैं।

उद्यान विभाग के निदेशक डा. एम.एस.राणा ने जानकारी दी कि प्रदेश में कुल 568 पंजीकृत नर्सरियां है। विभाग इस वित्त वर्ष के दौरान विभिन्न प्रजातियों के लगभग 9 लाख पौधे बागवानों को उपलब्ध करवाएगा, जिसमें से अभी तक 4.51 लाख पौधे वितरित किए जा चुके हैं।

लगभग 20 लाख पौधे निजी नर्सरियों के माध्यम से उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बागवानी के अन्तर्गत कुल 1.776 लाख हैक्टेयर भूमि को लाया गया है और इस वर्ष कुल फलांत्पादन 5.96 मीट्रिक टन का अनुमान लगाया गया है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष 18347 बागवानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। उन्हांंने बताया कि राज्य में 5077 मीट्रिक टन मशरूम उत्पादन हुआ है।

बैठक में उद्यान विभाग, एचपीएमसी, डा. वाईएस परमार वाणिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय नौणी के अधिकारी व वैज्ञानिक उपस्थित थे।

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