• November 15, 2017

साइबर अपराधों एवं फर्जी ठगी के शिकार लोगों को पुलिस न्याय दिलायें -गृहमंत्री

साइबर अपराधों एवं फर्जी ठगी के शिकार लोगों को पुलिस न्याय दिलायें -गृहमंत्री

जयपुर, 15 नवम्बर। गृह मंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे प्रदेश के ऎसे कमजोर वर्ग के लोगों को न्याय दिलायें, जो बेवजह साइबर अपराधों एवं फर्जी ठगी के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ठगी के उन बड़े गिरोहों पर भी कानूनी कार्यवाही की जाये, जो भोले-भाले लोगों को बेवकूफ बनाकर उन्हें ठगने का काम करते हैं।
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श्री कटारिया बुधवार को पुलिस मुख्यालय में गृह विभाग की मासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महिलाओं, बच्चों एवं कमजोर वर्ग के दर्ज अपराधों के अन्वेषण मंर पूरी ईमानदारी से कार्यवाही करें, ताकि पुलिस पर आम जनता का विश्वास कायम हो सके।

गृह मंत्री ने प्रदेश मेंं हत्या, अपहरण एवं दुष्कर्म जैसे संगीन अपराधों में भी गिरावट पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षो से लगातार आईपीसी के अपराधों में कमीसे व्यवस्थाओं में सुधार की गुंजाइश बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। उन्होंने मानव तस्करी जैसे संगीन अपराधों पर चिंता जताते हुए कहा कि प्रदेश में बढ़ते आर्थिक एवं साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिये पुलिस अधिकारियाें एवं कर्मचारियों को पर्याप्त प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है।

उन्होंने राज्य के पुलिस थानों में लम्बे समय से जब्तशुदा वाहनों, मादक पदाथोर्ं एवं अन्य नकारा सामान के समयबद्ध निस्तारण के लिये अलवर व जयपुर आयुक्तालय की तर्ज पर राज्य के समस्त जिलों के लिये कार्य योजना बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां इनके मूल्य का ह्रास होता है, वहीं इनके रखरखाव व प्रबन्धन पर अतिरिक्त मानव श्रम एवं सरकारी राशि का अपव्यय होता है।

थानाें में लम्बे समय से जब्तशुदा वाहनों, मादक पदार्थ व अन्य वस्तुओं के निस्तारण हेतु उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली एवं उच्च न्यायालय, राजस्थान द्वारा निस्तारण के सम्बन्ध में दिये गये निर्णयों एवं निर्देशों की पालना करवाने के लिये समस्त जिलों को निर्देश जारी करें जिससे कि समय पर आदेशों की पालना करवाई जा सके।

उन्होंने पुलिस द्वारा किये गये सामूहिक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस की मुस्तैदी की वजह से ही संगीन अपराधों का खुलासा हो रहाहै।उन्होंने कहा कि प्रदेश में बढ़ रहे साईबर अपराध हमारे देश के लिये चिंता का विषय है, इसे रोकने की प्रभावी कार्यवाही की जाये, ताकि पुलिस की छवि में और सुधार हो सके।

श्री कटारिया ने प्रदेश में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मानव क्षति पर चिन्ता जताते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में वाहनों से आये दिन दुघर्टनाओं को रोके जाने के हरसंभव प्रयास किये जाने चाहिये। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें, जिससे कि इन पर अंकुश लगाया जा सके।उन्होंने तेज गति से वाहन चलाने, शराब पीकर वाहन चलाने पर प्रभावी रोक, हेलमेट, लेन ड्राईविंग पर विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये गये ।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार कांस्टेबल से हैड कांस्टेबल पर पदोन्नति के नियमों में आंशिक संशोधन करने पर विचार कर रही हैं ताकि सभी कांस्टेबल्स को समयबद्ध पदोन्नति मिल सके। उन्होंने बताया कि पदोन्नति नियमों में संशोधन के बाद कांस्टेबल से हैड कांस्टेबल पद की पदोन्नति परीक्षा में 30 प्रतिशत पदों पर वरिष्ठता व डीपीसी प्रक्रिया के अनुसार तथा शेष 70 प्रतिशत पद पदोन्नति परीक्षा के माध्यम से भरे जाना प्रस्तावित है।
गृहमंत्री ने कहा कि विभाग के पुराने व जर्जर हो चुके आवासीय भवनों, थानों व चौकियों की रिपेयरिंग को वरियता दी जाकर आगामी बजट में इनकोप्राथमिकता दी जायेगी।

बैठक में विशेष पेंशन, पदोन्नति नियम, इस वर्ष में अपराधों की रोकथाम के लिये निर्देश दिये कि अपराध प्रबंधन मेें आधुनिक तकनीक व सूचना तंत्र का अधिक से अधिक उपयोग कर संगठित अपराध एवं हार्डकोर अपराधियों पर प्रभावी नियंत्रण किया जाये।

प्रमुख शासन सचिव गृह श्री दीपक उप्रेती ने पुलिस अधिकारियों को सुझाव दिये कि साईबर अपराधों के निस्तारण में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हिसाब से विभाग का अपग्रेडेशन किया जाना चाहिये। उन्होंने अत्याधुनिक अपराधों पर अंकुश लगाने के लिये बताया कि आईआईटी अथवा ऎसी किसी एजेंसी के साथ टाइअप होना चाहिये।

महानिदेशक पुलिस श्री अजीत सिंह ने बताया कि राज्य सरकार पुलिस आधुनिकीकरण योजना 2017-18 के तहत पुलिस दूर संचार निदेशालय द्वारा पुलिस आयोजना,आधुनिकीकरण एवं कल्याण शाखा को जयपुर कमिश्नरेट की संचार प्रणाली का अपग्रेडेशन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पुलिस दूर संचार प्रशिक्षण जयपुर के अपग्रेडेशन तथा कैपेसिटी ब्लडिंग एवं मुख्यालय कार्यशाला के लिये 367.40 लाख रुपये की बजट राशि प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाये गये हैं।

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, अपराध श्री पंकज कुमार सिंह नें बैठक में आईपीसी के तहत दर्ज अपराधों के बारे में प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत कर बताया कि आईपीसी के तहत दर्ज सभी प्रकरणों में माह अक्टूबर तक गत वर्ष की तुलना में 6.36 प्रतिशत की कमी आई है। महिला अत्याचार के सम्बन्ध में वर्ष 2015 में 25,217, वर्ष 2016 में 24,605 एवं वर्ष 2017 में 22,591 प्रकरण दर्ज किये गये। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2017 में – 2626 (-10.41 प्रतिशत) प्रकरणों की कमी आई है तथा वर्ष 2016 की तुलना में 2017 में -2014 (-8.19 प्रतिशत) प्रकरणों की कमी आई है।

श्री सिंह ने बताया कि अनुसूचित जाति व जनजाति के प्रति दर्ज अत्याचार के अपराध का प्रेजेन्टेशन देकर बताया कि इन अपराधों में वर्ष 2015 में 6 हजार 286, वर्ष 2016 में 5 हजार 547 एवं वर्ष 2017 में 4 हजार 345 प्रकरण दर्ज हुए जो वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2017 में – 1941 (-30.88 प्रतिशत) प्रकरणों की कमी है तथा वर्ष 2016 की तुलना में 2017 में -1202 (-21.67 प्रतिशत) की कमी देखी जा सकती है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एटीएस व एसओजी श्री उमेश मिश्रा ने बताया कि अभी पिछले दिनों एक बड़े ठगी के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह 56 करोड़ के डिबेंचर के माध्यम से ठगी कर रहा था।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री राजीव शर्मा ने बताया कि विभाग ने यातायात पुलिस को नियम विरुद्ध चलने वाले वाहन चालकों के लिये 4 क्रेशलेब, 59 इन्टरसेप्टर व2 हजार 802ब्रेथ ऎनेलाईजर आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होेंने बताया कि वर्ष 2017(जनवरी से सितम्बर) में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 21,37,095 वाहनों के चालान किये गये, जिनमें से 18,38,027 वाहन चालकों से 34,72,05,356/-प्रशमन राशि वसूल कर राजकोष में जमा कराई गई।

उन्होंने बताया कि आमजन को यातायात सम्बन्धी आवश्यक जानकारियां उपलब्ध करवाने के लिए जयपुर तथा जोधपुर में यातायात पुलिस का वेबपोर्टल तैयार कर आम जनता के लिए शुरू करवाया गया। इसके साथ ही राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर दुर्घटनाओं एवं अपराधों की रोकथाम हेतु 100 हाईवे मोबाईल वाहनों द्वारा गश्त की जा रही है। इन वाहनों की लोकेशन पर निगरानी हेतु सभी वाहनों पर जी.पी.एस. सिस्टम भी लगवाये गये हैं।

बैठक में अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस सर्वश्री कपिल गर्ग, पंकजकुमार सिंह, ओ.पी.गल्होत्रा, बी एल सोनी, राजीव दासोत, एन.आर.के रेड्डी, श्री डी.सी. जैन, श्री राजीव शर्मा, श्री सौरभ श्रीवास्तव, ए. पौन्नुचामी एवं श्री एम.एल. लाठर, उमेश मिश्रा, सुनील मेहरोत्रा,श्री निवास राव जंगा, भूपेन्द्र दक, निरसिम्हा राव, डी एस दिनकर सहित गृहमंत्री के विशिष्ठ सचिव श्री महेन्द्र पारख ने बैठक में भाग लिया।

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