• March 30, 2016

सड़क हादसों पर शीर्ष अदालत का दिशा निर्देश

सड़क हादसों पर शीर्ष अदालत  का दिशा निर्देश

-इन गाइडलाइंस के मुताबिक, सड़क हादसों पर पुलिस को बुलाने पर या रिपोर्ट दर्ज कराने वाले प्रत्यक्षदर्शी को अपना नाम बताने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। संपर्क की जानकारी (कॉन्टैक्ट इन्फॉर्मेशन) के लिए भी उससे जबर्दस्ती नहीं की जा सकती।1

-प्रत्यक्षदर्शी को लंबी और जटिल कानूनी प्रक्रियाओं से बचाने के लिए पुलिस को एकमात्र सत्र की इजाजत होगी, वह भी तब जब प्रत्यक्षदर्शी अपना नाम स्वतः बता दे।

-अगर प्रत्यक्ष रूप से पेशी में समस्या हो तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिग की सहूलियत भी दी जाएगी।

-अगर कोई डॉक्टर सड़क हादसे के पीड़ित का इलाज करने से इनकार करता है तो वह पेशेवर रूप से दुर्व्यवहार (प्रोफेश्नल मिस्कंडक्ट) का दोषी होगा।

-सभी अस्पतालों को अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषा में यह लिखना होगा कि जो भी शख्स किसी घायल व्यक्ति को अस्पताल लेकर आएगा उसे रोका नहीं जाएगा और न ही उससे किसी तरह की धनराशि ली जाएगी।

-जो भी अस्पताल इन गाइडलाइंस का पालन नहीं करेगा उसपर राज्य सरकार द्वारा जुर्माना लगाया जाएगा।

Related post

लोकसभा निर्वाचन-2024 छह लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में मतदान 26 अप्रैल

लोकसभा निर्वाचन-2024 छह लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में मतदान 26 अप्रैल

लोकसभा निर्वाचन-2024 के दूसरे चरण में प्रदेश के छह लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में शुक्रवार, 26 अप्रैल…
राष्ट्रहित में संकल्पित युवा शक्ति का मतदान

राष्ट्रहित में संकल्पित युवा शक्ति का मतदान

डाॅ. निशा शर्मा :                   भारत इन दिनों अपना…
भारत ने वैधानिक पूर्ण आयोग की बैठक आयोजित की  : राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

भारत ने वैधानिक पूर्ण आयोग की बैठक आयोजित की : राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

नई दिल्ली– राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी भारत ने  सभी सात राष्ट्रीय आयोगों की वैधानिक पूर्ण…

Leave a Reply