लेखक के कलम से

* पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जातिगत विभेदों से ऊपर है ‘छठ’ महापर्व* — मुरली मनोहर

कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकति जाय… बहंगी लचकति जाय… बात जे पुछेलें बटोहिया बहंगी केकरा के जाय ?
Read More

ओवैसी बनाम बंगाल,बड़ा सियासी भूचाल ! —सज्जाद हैदर (वरिष्ठ पत्रकार)

राजनीति के क्षेत्र में संविधान के अंतर्गत यह सभी को अधिकार प्राप्त है कि कोई भी राजनेता कहीं से भी
Read More

गोबर के दीयों से मिला रोज़गार —- सूर्यकांत देवांगन

कांकेर (छत्तीसगढ़) में गोधन न्याय योजना शुरू होने के बाद से यहां गोबर का महत्व लगातार बढ़ता जा रहा है,
Read More

घर को लगी है आग, घर के “चिराग” से ! — सज्जाद हैदर (वरिष्ठ पत्रकार)

जी हां बिहार की धरती पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जोकि राजनीतिक समीकरण में बहुत उथल-पुथल को
Read More

देशहित की राजनीति ही होगी पुरस्कृत–डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र

बिहार चुनाव के परिणामों ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि देश की राजनीति राजनेताओं के वोट कबाड़ने वाले
Read More

सायकिल से डर नहीं लगता साहब, ट्रैफिक से लगता है!

बात गाड़ियों के धुंए से पर्यावरण बचाने की हो तो सबसे पहला ख्याल साईकिल का आता है। लेकिन साईकिल चलायें
Read More

जी 20 सरकारों ने की वादा खिलाफ़ी, जीवाश्‍म ईंधन का वित्‍तपोषण बदस्तूर जारी

एक ताजा अध्‍ययन के मुताबिक जी20 में शामिल सरकारें अब भी हर साल तेल, गैस और कोयले पर आधे ट्रिलियन
Read More

ट्रम्प हारे नहीं। पर्यावरण की जीत हुई है

तीन साल पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने जब पैरिस समझौते से हाथ पीछे खींचे थे तब उन्होंने न महज़ एक प्रशासनिक
Read More

बाईडेन की जीत, बराक की वापसी !—– सज्जाद हैदर–वरिष्ठ पत्रकार

अमेरिका की राजनीति में तेजी के साथ बदलते हुए समीकरण ने बहुत कुछ शांत शब्दों में संदेश दे दिया जिसे
Read More

बिहार कि जनता ने यह साफ कर दिया है की वे विकास चाहते है,ना की

धन्यवाद बिहार! बिहार कि जनता ने यह साफ कर दिया है की वे विकास चाहते है,ना की जंगलराज! हमारे जनप्रिय
Read More