लेखक के कलम से

जलवायु परिवर्तन और दिव्यांगता: एक अनदेखा संबंध

दीपमाला पाण्डेय———————– साल 2023 में पृथ्वी की औसत भूमि और महासागर की सतह का तापमान 20वीं सदी से 2.12 डिग्री फ़ारेनहाइट (1.18 डिग्री सेल्सियस) अधिक था।
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क्यों महिलाएं अपने अधिकारों के लिए आज भी संघर्ष कर रही हैं ? : डॉ

ईश्वर की बनाई इस सृष्टि में मानव के रूप में जन्म लेना एक दुर्लभ सौभाग्य की बात होती है। और
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डिजिटल कौशल से सशक्त बनती महिलाएं : सैयद तैय्यबा कौसर

पुंछ, जम्मू ——    वर्तमान युग यदि महिलाओं का युग कहा जाए तो गलत नहीं होगा. इस युग में महिलाओं
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आसान नही है शिव होना : मेधावी महेन्द्र

प्राण तो सबको प्रिय हैं। परंतु पृथ्वी के झुझारू रूप से चलने हेतु , हर कल्प में प्राण रूपी शक्ति
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लैंगिक समानता का मूल चिंतन: डॉ नीलम महेंद्र (लेखिका वरिष्ठ स्तम्भकार)

ईश्वर की बनाई इस सृष्टि में मानव के रूप में जन्म लेना एकदुर्लभ सौभाग्य की बात होती है। और जब
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कलियुग के कलम युग में कलमकार, कलम की शक्ति का दुरुपयोग नहीं करें सदुपयोग :

झारखंड जमशेदपुर : आपसे आग्रह पूर्वक कहना है कि साहित्य सरोवर मंच के तत्वाधान में कदमडीह में काव्य सह विचार
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कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल 2024 : शॉर्टलिस्ट शीर्षकों की घोषणा

नई दिल्ली: कलिंगा लिटरेरी फेस्टिवल ने अपने प्रतिष्ठित वार्षिक केएलएफ बुक अवार्ड्स के लिए अंग्रेजी में शॉर्टलिस्ट किए गए शीर्षकों
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प्रगतिशील आंदोलन की ताक़त मज़दूरों और मेहनतकशों के संघर्ष में छिपी थी – कॉ. सुबोध

 मुंबई (रागनी कांबले)। मुंबई विश्वविद्यालय में एक महत्त्वपूर्ण वैचारिक परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा का विषय ‘प्रगतिशील सांस्कृतिक आंदोलन
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मेरे आराध्य राम पुस्तक का लोकार्पण समारोह यत्र तत्र सर्वत्र मेरे आराध्य राम

 नई दिल्ली: इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (ICC ANNEX) बेसमेंट लेक्चर हाल में मेरे आराध्य राम पुस्तक का लोकार्पण किया गया। जिसमें विशिष्ट अतिथि श्री
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13 जनवरी शनिवार को ‘प्रगतिशील सांस्कृतिक आंदोलन और मुंबई’ विषय पर एक वैचारिक गोष्ठी का

‘प्रगतिशील सांस्कृतिक आंदोलन और मुंबई’ (सन्दर्भ : पुस्तक ‘रूदाद-ए-अंजुमन’) मुंबई। ‘जनवादी लेखक संघ’ की महाराष्ट्र यूनिट और ‘शोधावरी’ संयुक्त रूप
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