राहुल गांधी का देश की सेना के मनोबल को तोड़ने वाला बयान सर्वथा निंदनीय और देश की एकता एवं अखंडता पर प्रश्न चिह्न लगाने वाला है। यह देश के वीर जवानों का अपमान है। इसकी जितनी भी भर्त्सना एवं निंदा की जाए, वह कम है। मैं इसकी कड़ी शब्दों में निंदा करता हूं भारत की सेना अद्भुत शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है। जब भी देश पर संकट आया है, देश की सेना ने अपना सर्वस्व अर्पित कर देश की रक्षा की है। हमें अपनी सेना पर गर्व है। देश की जनता जानती है कि कांग्रेस पार्टी ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एमओयू साइन किया था। देश की जनता यह भी जानती है कि चीनी दूतावास ने राजीव गांधी फाउडेशन को किस तरह से आर्थिक फंडिंग और मदद की है। शायद यही कारण है कि राहुल गांधी बार–बार चीन की भाषा बोलते हैं। जब भारत की फौज डोकलाम में मुस्तैदी के साथ खड़ी थी, उस समय राहुल गांधी रात के अंधेरे में चुपचाप चीनी दूतावास में चीनी अधिकारियों के साथ गुपचुप बातचीत कर रहे थे। यह बताता है कि उनकी राष्ट्रभक्ति कितने प्रश्नचिह्नों से घिरी है। उन्होंने सर्जिकल स्टाइक और एयर स्ट्राइक पर भी सवाल उठाए थे। यह बताता है कि राहुल गांधी भारत की भाषा नहीं बोलते हैं। राहुल गांधी वो भाषा बोलते हैं जो चीन और पाकिस्तान बोलता है। मैं पुन: राहुल गांधी के इस शर्मनाक बयान की कड़ी भर्त्सना करता हूं। राहुल गांधी का यह बयान देश की सेना के प्रति सच उनकी मानसिकता और उनके मानसिक दिवालियेपन को दर्शाता है।
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