• March 24, 2015

सगे छोटे भाई की हत्या : पाॅच-पाॅच वर्ष के कठोर कारावास व 30,000/- रूपये के अर्थदण्ड

सगे छोटे भाई की हत्या : पाॅच-पाॅच वर्ष के कठोर कारावास व 30,000/- रूपये के अर्थदण्ड

प्रतापगढ़/23.03.2015-जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन एन. चन्द्र ने अपने एक महत्वपूर्ण प्रकरण मंे निर्णय सुनाते हुए ज़मीनी विवाद को लेकर सगे छोटे भाई की हत्या के प्रयास के आरोपी गांव बानीखेडी मध्यप्रदेश के देवीलाल, राधेश्याम पिता भंवरलाल ब्राह्मण को पाॅच-पाॅच वर्ष के कठोर कारावास व तीस हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।

लोक अभियोजक तरूणदास वैरागी ने बताया कि दिनांक 04.07.2011 को प्रार्थी मांगीलाल निवासी धामनिया रोड़ ने थाना छोटीसादड़ी पर एक टाईपशुदा रिपोर्ट इस आशय की पेश की कि गत रात्रि करीब 01-1:30 बजे उसके बहनोई कैलाश पिता भंवरलाल ब्राह्मण जो अपने बाड़े में सोये हुए थे, पर अभियुक्तगणों ने जान से मारने की नीयत से धारदार हथियार से वार कर गम्भीर रूप से घायल कर दिया। जिन्हें उदयपुर ईलाज हेतु रेफर किया गया। इस पर थाना छोटीसादड़ी ने प्रकरण संख्या 135/11 दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया। फरियादी व आहत सहित विभिन्न गवाहों के बयान लिये और कुलिया तफ्तीश से अभियुक्त देवीलाल और राधेश्याम के विरूद्ध जुर्म अन्तर्गत धारा 447, 307, 324, 326 में गिरफ्तार कर चालान पेश किया गया।

अन्विक्षा के दौरान न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह एवं 21 दस्तावेजी साक्ष्य प्रदर्शित करवाये गये। दोनों पक्षों की बहस सुनकर न्यायालय ने अभियुक्तगणों को हत्या के प्रयास के आरोप में दोषसिद्ध मानते हुए न्यायालय ने सजा के बिन्दू पर दोनों पक्षों को सुनकर विशेष टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘‘अभियुक्तगणों कृत्य गम्भीर और निन्दनीय है, क्यांेकि इन्होनें अपने ही छोटे भाई की ज़मीन हड़पने के उद्देश्य से उसे अपने मूल गांव से निकाल दिया और दूसरा अब उसे हमेशा हमेशा के लिये मौत के घाट उतार कर रास्ता साफ कर उसकी सम्पत्ति हड़पना चाहते हैं’’।

माननीय न्यायालय ने अभियोजन पक्ष के इस तर्क से भी सहमति जताई कि आहत कैलाश पिता भंवरलाल के शरीर पर आई चोंटें जिस प्रकृति की है, उसे देखते हुए अभियुक्तगणों को किसी प्रकार की सहानुभुति पाने के अधिकारी होना नहीं पाया तथा न्यायालय ने लोक अभियोजक के इस तर्क से भी सहमति दी कि आहत कैलाश को आई हुई चोंटों के बावजूद भी वह केवल ईश्वरीय शक्ति से ही ज़िन्दा बचा है, वरना अभियुक्तगणों ने तो उसे अपने मूल मध्यप्रदेश स्थित बानी गांव से राजस्थान में उसके ससुराल धामनिया रोड़ में रहते हुए को भी आकर हत्या कारीत करने के प्रयास में कोई कसर नहीं छोड़ी।

न्यायालय ने आहत कैलाश के प्रति सदाशयता जाहिर करते हुए जुर्माने की सम्पूर्ण राशि तीस हजार रूपया को आहत को बतौर क्षति-पूर्ति दिलाये जाने का भी निर्णय किया।  अभियोजन पक्ष की ओर से तरूणदास वैरागी ने पैरवी की।

  तरूणदास वैरागी,
लोक अभियोजक
9414396892

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