• March 6, 2018

9 हजार 310 ग्राम पंचायतें ओडीएफ घोषित

9 हजार 310 ग्राम पंचायतें ओडीएफ घोषित

जयपुर—– ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री राजेंद्र राठौड़ ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि राजस्थान की 9 हजार 310 ग्राम पंचायतें ओडीएफ घोषित हो चुकी हैं।

श्री राठौड़ ने शून्यकाल में इस विषय पर उठाए गए मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए बताया कि वर्तमान में राजस्थान की 9 हजार 891 ग्राम पंचायतों में से 9 हजार 310 ग्राम पंचायतें यानी 94.13 प्रतिशत ग्राम पंचायतें वर्तमान में ओडीएफ हो चुकी हैं।

राज्य में 79 लाख 58 हजार पात्रताधारी व्यक्तियों के व्यक्तिगत शौचालय बनाये जाने थे, जिसके तहत 78033 शौचालय बना लिये गये हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 के बजट में मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना की घोषणा की थी। इस योजना के अंतर्गत दिये गये दिशा-निर्देशों में ओडीएफ हो चुकी 2 हजार ग्राम पंचायातों में डेढ़ सौ परिवारों का कलस्टर बनाकर इन परिवारों का कचरा, सामुदायिक कचरा पात्र में डालने के लिए डेढ़ सौ परिवारों में नरेगा से दो श्रमिक और एक मेट के रूप में स्वच्छता सखी को नियोजित करने का निर्णय लिया गया था, जिसके तहत सफाई उपकरण तिपहिया वाहन, कचरा पात्र, पुशकोर्ट क्रय किये जाने के भी निर्देश दिये गये।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को 9 फरवरी 2018 को द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुरूप घर-घर कचरा संग्रहण परिवहन तथा पृथकीकरण के कार्य हेतु नियोजित श्रमिकों की मजदूरी भुगतान करने पर महात्मा गांधी नरेगा ग्रामीण से रोक लगाये जाने के निर्देश प्राप्त हुये है। शेष कार्य ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की अन्य योजनाओं में नियमानुसार किये जाने के निर्देश दिये।

उन्होंने बताया कि राज्य में 5 फरवरी 2018 तक 2294 ग्राम पंचायतों पर 19369 श्रमिक 3354 मस्टररोल के अंतर्गत नियोजित किये गये थे। राज्य स्तरीय स्कीम स्वीकृत समिति द्वारा 20 फरवरी, 2018 को तय किया कि श्रमिकों का प्रबंधन अगर अन्य योजनाओं जैसे स्टेट फाइनेंस कमीशन, सेंट्रल फाइनेंस कमीशन, एम.एल.ए. लैड, एम.पी. लैड में हो तथा श्रमिकों के भुगतान की अनुमति मिल जाये, तो निश्चित तौर पर इस योजना के अतंर्गत सामग्री क्रय किये जाने पर लगी पाबंदी को हटाते हुए उन सारी ग्राम पंचायतों में श्रमिक नियोजित कर लिए जायेंगे, जिससे कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ सके।

उन्होंने बताया कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद अजमेर द्वारा की गई अनियमिताओं के संबंध में जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है जिसमें मुख्य कार्यकारी अधिकारी को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है, जिस पर अग्रिम कार्यवाही हेतु विस्तृत जांच विचाराधीन है।

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