- June 11, 2017
किसानों के लिये समर्पित शिव उपवास से पूर्व तांडव–800 पुलिसकर्मी घायल और करीब 197 बसें भस्म
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भोपाल———–मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भेल दशहरा मैदान पर प्रदेश में शांति के लिए अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया।
प्रदेश में आंदोलनरत किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी हर सांस प्रदेश के विकास के लिए और किसानों के कल्याण के लिए समर्पित है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हिंसा नहीं संवाद और शांति ही हर समस्या का हल है।
उन्होंने कहा कि हिंसा से किसी का लाभ नहीं होगा। सरकार हमेशा बातचीत के लिये तैयार है।
उन्होंने कहा कि लोगों की रक्षा और लोक संपत्तियों की सुरक्षा के लिये राजधर्म का पालन किया जायेगा।
शांति भंग करने वालों के विरूद्ध सख्ती बरती जायेगी।
सरकार प्रभावित किसान परिवारों के साथ है। उनकी वेदना और दर्द को समझते हैं। यदि शांति भंग होती है तो कुछ हासिल नहीं होगा।
आंदोलनकारी किसानों से संवाद का रास्ता चुनने का आग्रह करते हुए कहा कि जब तक शांति स्थापित नहीं होगी उपवास चलता रहेगा।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की किसान हितैषी नीतियों के कारण कृषि उत्पादन बढ़ा है। सिंचाई 40 लाख हेक्टेयर में हो रही है।
मालवा को रेगिस्तान बनने से रोका गया है।
कृषि ऋण 12 प्रतिशत ब्याज से घटाकर जीरो प्रतिशत कर दिया गया है।
एक लाख के लोन पर 90 हजार वापस लौटाने की सुविधा दी गयी है।
किसानों को भरपूर बिजली मिल रही है।
सोयाबीन की फसल ख़राब होने पर 4800 करोड़ की राहत दी। बीमा के 4400 करोड़ रूपये दिए गये।
सरकार की नीतियों के कारण फसलों का बम्पर उत्पादन हुआ है।
सरकार ने आठ रूपये किलो प्याज खरीदने, समर्थन मूल्य पर तुअर, उड़द और ग्रीष्मकालीन मूंग खरीदने का निर्णय लिया है।
किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए हर संभव उपाय किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की मर्जी के बिना उनकी जमीन नहीं ली जायेगी। इसके लिये अध्यादेश लाया जायेगा।
डिफाल्टर किसानों के लिये एक योजना बनाई जायेगी ताकि वे दोबारा लोन लेने के लिये पात्र बन जायें और लोन का भरपूर उपयोग करें।
आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान करने के लिये निर्देश दे दिये गये हैं।
कृषि उपज का लागत मूल्य निर्धारित करने और उन्हें लाभकारी मूल्य दिलाने के लिये कृषि लागत एवं विपणन आयोग बनाया जा रहा है।
एक हजार करोड़ रूपये की लागत से मूल्य स्थिरीकरण कोष की स्थापना की जा रही है। इससे किसानों को ऐसे समय में भी घाटा नहीं होगा, जब अधिक उत्पादन से कीमतें गिर गई हों।
हिंसक आंदोलन से करीब 800 पुलिसकर्मी घायल हुए। दूध, सब्जियां नष्ट हुई। करीब 197 बसों को जलाया गया। दूध फेंकने के काम को सहन नहीं कर सकते। जनता की सुरक्षा, उनकी सम्पत्तियों की सुरक्षा के लिये राजधर्म का पालन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों से आये किसान संगठनों, संस्थाओं के प्रतिनिधियों से विभिन्न मुददों पर अलग-अलग चर्चा की।