छात्राओं की सिलसिलेवार आत्म हत्या:- राष्ट्रीय महिला आयोग

छात्राओं  की सिलसिलेवार आत्म  हत्या:- राष्ट्रीय महिला आयोग

सीधी, 21 मार्च। जिला मुख्यालय से महज 16 कि.मी. दूर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
सपही में अध्ययनरत् व शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं की सिलसिलेवार आत्म हत्या की खबर
उजागर होने के उपरांत राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान में लिया है।

आयोग की सदस्य श्रीमती सुषमा साहू व बाल संरक्षण आयोग के सदस्य यशवंत जैन की टीम ने कल कलेक्टेªट सभाकक्ष में प्रशासनिक, पुलिस व शिक्षा अधिकारियों से अब तक की गई जांच पर विस्तार से जानकारी ली व बाद में पीड़ित परिवार से बंद कमरे में चर्चा की।

शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी व विद्यालय के प्राचार्य को पास्को एक्ट की जानकारी न होने पर महिला आयोग की सदस्य श्रीमती सुषमा साहू ने कड़ी फटकार लगाई। आज श्रीमती साहू ने मीडिया से कहा कि सिलसिलेवार आत्म हत्या की घटना चिंताजनक है। इन वारदातों की जांच राजपत्रित स्तर के अधिकारी से कराई जावेगी।
महिला आयोग
छात्राओं द्वारा की जा रही आत्म हत्या का यह सिलसिला 21 फरवरी की दरम्यानी रात से
हुआ। सपही विद्यालय में कक्षा 11 वीं में अध्ययनरत् 16 वर्षीया आकांक्षा शुक्ला ने फांसी लगाकर
आत्महत्या की। परिजनों ने बताया कि बड़े भाई से विद्यालय के सांस्कृतिक कार्यक्रम में डांस प्रोग्राम
प्रस्तुतकरने के लिये गाना बजाने हेतु मोबाईल की मांग की थी। भाई ने मोबाईल तो दिया नहीं, साथ
ही यह धमकी दी कि अगर स्टेज पर नांची तो वहीं से घसीटते हुये घर ले आऊंगा। फलतः उसने
कार्यक्रम में भाग लेने से मना कर दी व सहेलियों बोली कि कल से नहीं मिलूंगी।

ग्राम करौंदी निवासी कक्षा 10 वीं की छात्रा अनीता साहू ने बहन से झगड़े पर पिता द्वारा डांट लगाये जाने के उपरांत 25 फरवरी को फांसी लगाकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली। कक्षा 12 वीं में अनुत्तीर्ण, शाला त्यागी वंदना सिंह ने 2 मार्च को आत्म हत्या की, परिवार वाले किसी तरह के विवाद से इंकार कर रहे हैं।

गजरही निवासी व सपही विद्यालय में कक्षा 9 वीं की नियमित छात्रा रानी यादव के परिजनों ने बताया कि वह केवल इतना बताई थी कि उसकी सहेलियां मर रही हैं और 9 मार्च को सूने घर में फांसी लगा ली।

विगत् 15 मार्च की दोपहर फांसी लगाकर आत्म हत्या का प्रयास करने वाली कुशियारी गांव
की शाला त्यागी 17 वर्षीया सपना बंसल को बचा लिया गया। उसने बताया कि वह खेत में चारा
काट रही थी, छोटा भाई बकरी चरा रहा था। बकरी पड़ोस के खेत में चली गई तो चचेरे भाई ने
बकरी को मार दिया जिससे बकरी का पैर टूट गया।

बावद विवाद होने पर उसके साथ भी गाली गलौच की गई। सपना घर चली आई और फांसी लगा ली। संयोग से छोटा भाई भी घर आ गया। फांसी लगाते उसने देख लिया और गुहार लगाई तो पड़ोसियों ने उसे तत्काल उतार लिया और जिला चिकित्सालय में उपचार के बाद उसे बचा लिया गया।

किशोरवय की बालिकाओं द्वारा की गई सिलसिलेवार आत्म हत्या तो पुलिस विभाग के लिये
महज मर्ग था। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी ने इसे गंभीरता से लेते
हुये जांच दल भेजा था।

विजय सिंह
सीधी

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