• September 10, 2016

पीपीआईयूसीडी वृद्धि एवं ई-साधन

पीपीआईयूसीडी वृद्धि एवं ई-साधन

जयपुर ——– केन्द्रीय स्वास्थ्य दल ने की पीपीआईयूसीडी वृद्धि एवं ई-साधन की प्रशंसा जयपुर, 9 सितम्बर। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दल ने प्रदेश में संचालित राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा कर प्रसव पश्चात् आईयूसीडी की बढ़ती उपलब्धियों की प्रशंसा की है।dsc_00271

केन्द्रीय दल ने चिकित्सा केन्द्रों पर परिवार नियोजन साधनों के स्टॉक प्रबंधन व मॉनीटरिंग के ऑनलाइन ई-साधन सिस्टम के नवाचार की भी सराहना की है। केन्द्रीय दल को शुरूवार को स्थानीय होटल ऑरचिड में आयोजित कार्यशाला में मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री नवीन जैन ने प्रदेश में परिवार नियोजन के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि चिकित्सकों द्वारा प्रसुताओं एवं उनके परिजनों को पीपीआईयूसीडी के प्रति परामर्श बढ़ाने से इसके लाभार्थियों की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष 1 लाख 28 हजार पीपीआईयूसीडी के मुकाबले गत 4 माह में ही 82 हजार को पीपीआईयूसीडी सेवाएं दी जा चुकी हैं। उन्होंने जिलावार परिवार कल्याण उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि 10 प्रतिशत कम पीपीआईयूसीडी उपलब्धि वाले चिकित्सा केन्द्रों के प्रभारियों को प्रेरित करने पर विशेष बल दिया जा रहा है।

श्री जैन ने बताया कि प्रदेश के नसबंदी शिविरों एवं परिवार कल्याण केन्द्रों में सेवाएं देने वाले शल्य चिकित्सकों एवं उनके सहयोगियों के लिए भी राज्यस्तर पर एक दिवसीय ओरिएन्टेशन कार्यक्रम यथाशीघ्र आयोजित किया जायेगा। मिनिलेप नसबंदी विधि का उपयोग बढ़ाने एवं समयबद्ध शिविर आयोजित कर अधिक से अधिक परिवार नियोजन सेवायें उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।

केन्द्रीय उपायुक्त परिवार कल्याण डॉ.एस.के.शिद्धल ने राष्ट्रीय स्तर पर परिवार कल्याण के क्षेत्र में प्रस्तावित नवाचारों की जानकारी दी। उन्हाेंने प्रसव पश्चात स्वास्थ्य केन्द्रों पर परिवार नियोजन सेवाएं सुनिश्चित करने एवं परिवार कल्याण सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नसबंदी प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सकों की सेवाएं लेकर समयबद्ध शिविर आयोजन करने पर बल दिया।

उन्होंने प्रभावी परामर्श सेवा की उपलब्धता सहित शल्य कक्षों की साफ-सफाई एवं शल्य उपकरणों इत्यादि की स्वच्छता का विशेष ध्यान देने की आवश्यकता प्रतिपादित की। कार्यशाला में निदेशक वी.के.माथुर, यूएनएफपीए के श्री सुनील थॉमस, सभी संयुक्त निदेशक, मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी, परिवार कल्याण के जिला नोडल अधिकारी, एनएचएम के डीपीएम सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।

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