प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना दंतेवाड़ा जिले से शुरूआत

प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना दंतेवाड़ा जिले से  शुरूआत

छत्तीसगढ—(रायपुर)—————–  केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा है कि खनिज से मिलने वाले राजस्व का उपयोग उस क्षेत्र के विकास में होना चाहिए। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने खनिज क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए ‘प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना’ बनाई है।

इसी योजना के अंतर्गत देश में सबसे पहले छत्तीसगढ़ के सुदूर दंतेवाड़ा जिले से के पांच गांवों में विकास कार्यो की शुरूआत की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में जहां भी खनिज संसाधन उपलब्ध है वह क्षेत्र पिछड़ा हुआ है, इसलिए ऐसे क्षेत्रों के विकास के लिए प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना शुरू की गई है।

श्री जेटली आज रायपुर में आयोजित पहली राष्ट्रीय खनिज संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, केन्द्रीय खनिज एवं इस्पात मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर और केन्द्रीय खनिज एवं इस्पात एवं राज्य मंत्री श्री विष्णु देव साय विशेष रूप से उपस्थित थे।

श्री जेटली ने कहा कि पूरे विश्व में खनिज क्षेत्र में मंदी का दौर है। खनिज पदार्थों के दाम लगातार गिर रहे हैं।  पूरा विश्व इस क्षेत्र में एक चुनौती पूर्ण माहौल से गुजर रहा है, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा है। यहां तक कि जब ग्रेट ब्रिटेन यूरोपियन यूनीयन से अलग हुआ तो इसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ा लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही।

भारतीय अर्थव्यवस्था किसी भी विपरीत परिस्थिति से जूझने में सक्षम है। उतार-चढ़ाव का यह चक्र लगातार चलते रहता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष बारीश के अच्छे आसार है, इससे उम्मीद है कि भारत का विकास दर और तेजी से बढ़ेगा। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षो में देश की खनिज नीति में अनेक सकारात्मक बदलाव किए गए हैं।

प्रधानमंत्री ने खदानों के आवंटन में मनमानी की गुंजाईश को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि खदानों के आवंटन में ’पहले आओ पहले पाओ’ की नीति को बदल दिया गया है। अब खदान आवंटन की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुए नीलामी के माध्यम से खदानों का आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब खदानों की कीमत हम नहीं बल्कि बाजार तय करता है।

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों से परिपूर्ण राज्य है। खनिज इस राज्य की अर्थव्यवस्था का आधार है। नई खनिज नीति से छत्तीसगढ़ को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यहां मिलने वाले खनिज का राज्य में ही वेल्यू एडिशन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भू-गर्भ में दबे खनिजों का निरंतर अन्वेषण होना चाहिए, जिससे यह पता चल सके कि किस क्षेत्र में कितना खनिज उपलब्ध है। इसकी पूरी मेपिंग होने से इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

श्री जेटली ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दंतेवाड़ा जिले के पांच ग्रामों – मसेनार, बड़ेकमेली, कड़मपाल, नेरली और चोलनार में देश में सबसे पहले प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत स्वीकृत कार्यों का शुभारंभ किया। इस राशि से इन गांवों में 26 करोड़ रूपए की लागत से सड़क, स्कूल, सोलर लाईट और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं का विकास होगा।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री अमर अग्रवाल, कृषि और जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, राजस्व, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, श्रम तथा खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री भईयालाल राजवाड़े, रायपुर के लोकसभा सांसद श्री रमेश बैस, मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, केन्द्रीय खान मंत्रालय के सचिव श्री बलविन्दर कुमार और अन्य अनेक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि  तथा अधिकारी भी उपस्थित थे।

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