• June 12, 2015

40 लाख रुपये की लागत से एजूकेशन टेक्नोलोजी सैल

40 लाख रुपये की लागत से एजूकेशन टेक्नोलोजी सैल

जयपुर – शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर में आगामी एक जुलाई से बायोमेट्रिक व्यवस्था से उपस्थिति सुनिश्चित करने के साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी आवश्यक रूप से लगाए जाने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने इसके पश्चात डीईओ, डीडी कार्यालयों में भी इसी तरह से उपस्थिति व्यवस्था लागू करने की हिदायत दी। उन्होंने अजमेर स्थित एजूकेशन टेक्नोलोजी सैल (ईटी सैल) को शिक्षकों के प्रशिक्षण संस्थान के रूप में प्रभावी रूप में विकसित करने की 40 लाख की कार्य योजना पर भी समयबद्घ कार्य करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने विधायक कोष से अपनी ओर से संस्थान विकास हेतु 10 लाख रुपये दिए जाने की भी बैठक में घोषणा की।

श्री देवनानी गुरूवार को यहां शिक्षा संकुल में प्रारंभिक शिक्षा विभाग की विशेष समीक्षा बैठक में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अजमेर स्थित ईटी सैल को  शिक्षकों के गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण के आदर्श केन्द्र के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने इस संस्थान के अंतर्गत बदलते वक्त के अनुसार नवाचार अपनाते हुए शिक्षकों के प्रशिक्षण की प्रभावी व्यवस्था किए जाने पर जोर दिया।

निदेशालय अधिकारी जिलों के प्रभारी अधिकारी रूप में करेंगे कार्य

निदेशालय के अंतर्गत बने विभिन्न अनुभागों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि अनुभाग आंकड़े एकत्र करने की बजाय व्यवहार में योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की कोताही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने निदेशालय स्तर पर नामांकन वृद्घि और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अधिकारियों द्वारा प्रभावी मॉनिटररिंग करते हुए सभी 33 जिलों के प्रभारी अधिकारी के रूप में कार्य करने के भी निर्देश दिए।

शिक्षकों की समस्याओं के निदान के लिए ‘शिक्षा समाधान’

उन्होंने शिक्षकों की समस्याओं के निदान के लिए ‘शिक्षा समाधान’ के तहत प्रभावी कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के बकाया चिकित्सा बिलों, वेतन संबंधित समस्याओं और अन्य प्रकरणों के निस्तारण के बारे में निदेशालय के संबंधित प्रकोष्ठ समयबद्घ कार्य करें और कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें लाभान्वित करें। इस सबंध में टालमटोल रवैया अपनाने को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने अनुकम्पा नियुक्तियों के मामले में भी संवेदनशील होकर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निदेशालय स्तर पर इस सबंध में डीईओ, बीईओ से स्वयं पता करके अधिकारी अनुकम्पा नियुक्ति मामले में कार्यवाही करें।

न्यायालय संबधित प्रकरणों के निस्तारण की होगी पहल

विभाग के न्यायालय में लम्बित चल रहे प्रकरणों की भी बैठक में शिक्षा राज्यमंत्री ने खासतौर से

समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोर्ट कैसेज का पूर्ण रिकॉर्ड संधारित किया जाए। जिन प्रकरणों में मिल-बैठकर निर्णय करवाया जा सकता है, उसके संबंध में भी कार्ययोजना बनाकर पहल की जाए। उन्होंने लोक अदालत की तर्ज पर विभागीय कोर्ट कैसेज का निर्धारित अवधि के दौरान विशेष कैम्प लगवाकर निर्णय करवाए जाने के संंबंध में भी विचार किए जाने पर जोर दिया। इसी तरह उन्होंने विभाग के निलम्बित और आदेशों की प्रतीक्षा में चल रहे शिक्षकों, कार्मिकों के मामलों में भी निर्णय कर ऐसे प्रकरणों का निस्तारण करने के संबंध में अधिकारियों को हिदायत दी।

प्रो. देवनानी ने विद्यार्थियों को छात्रवृति, उनके शैक्षिक भ्रमण और अन्य योजनाओं की भी बारीकी से समीक्षा की। उन्होंने विद्यार्थियों को छात्रवृति समयबद्ध दिए जाने तथा शैक्षिक भ्रमण के अंतर्गत विद्यार्थियों को अधिकाधिक रूप में लाभान्वित किए जाने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संबंधित मद में आवंटित राशि का समुचित उपयोग प्रदेश में शैक्षिक गुणवत्ता के रूप में किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गैर शैक्षिक कार्य से विभाग से किसी को भी प्रतिनियुक्ति एवं व्यवस्थार्थ किसी विभाग या कार्यालय में नहीं भेजा जाए।

एसटीसी एनओसी मामलों की भी की समीक्षा

उन्होंने निदेशालय एसटीसी की एनओसी के प्रकरणों का निस्तारण भी त्वरित करने के साथ ही स्पष्ट कहा कि इस संबंध में कहीं कोई भ्रष्टाचार का प्रकरण पाया जाता है तो संबंधित अधिकारी और कार्मिक के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

नामांकन के लिए शिक्षक, अधिकारी घर-घर जाए

प्रो. देवनानी ने नामांकन वृद्घि के लिए अधिकारियों को प्रतिबद्घ होकर कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा कि विद्यालयों में मनाए जाने वाले प्रवेशोत्सव के अंतर्गत केवल तिलक लगाने और माला पहनाने का कार्य ही नहीं किया जाए। शिक्षक, अधिकारी स्वयं घर-घर जाए और अभिभावकों से अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयां में दाखिला लेने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने इस सबंध में निदेशालय स्तर पर भी प्रभावी मोनिटररिंग किए जाने के निर्देश दिए।

बैठक में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री कुंजीलाल मीणा ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग के समस्त कर्मचारियों, शिक्षकों का मास्टर डाटा बनाया जाएग। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।

उन्होंने मान्यता संबंधित आवेदनों और अन्य मसलों को भी ऑनलाईन किए जाने के अधिकारियेां को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निदेशालय स्तर पर विभिन्न अनुभागों की व्यावहारिकता को देखा जाए। उन्होंने निदेशालय को सुदृढ करते हुए प्रारंभिक शिक्षा में प्रदेश को अग्रणी बनाने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाने पर जोर दिया।

प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक श्री बी.एल. मीणा ने विभिन्न विभागीय योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही नामांकन बढ़ाने के लिए और अधिक तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। बैठक में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।

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