• November 1, 2014

33 जिलों के 2105 गांवों में ग्रामीण गौरव पथ की राह प्रशस्त

33 जिलों के 2105 गांवों में ग्रामीण गौरव पथ की राह प्रशस्त

जयपुर – सार्वजनिक निर्माण विभाग ने राज्य के 33 जिलों की सभी 9177 ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर आधा से दो किलोमीटर सीसी सड़क के रूप ग्रामीण गौरव पथ के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पहले चरण में 2105 गांवों में करीब 11 सौ 15 करोड़ रुपए की लागत से 2048 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए शुक्रवार को निविदाएं जारी कर इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी।

यह योजना मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा बजट 2014-15 में सानिवि से सम्बन्धित तीन प्रमुख योजनाओं में शामिल है।

सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री यूनुस खान ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि प्रथम चरण में 186 विधानसभा क्षेत्रों में बनने वाले ग्रामीण गौरव पथ का कार्य हर हालत में दिसम्बर में प्रारम्भ हो जाएगा और छह से आठ माह में इन्हें पूर्ण कर लिया जाएगा। ग्रामीण गौरव पथ के अन्तर्गत 3.75 मीटर चौड़ाई और छह इंच मोटाई में सीसी सड़क का कार्य किया जाएगा जिसका रखरखाव 3 वर्ष तक संवेदक द्वारा किया जाएगा। इस सड़क के किनारे डे्रनेज और पेव शोल्डर जैसे कार्य मनरेगा में ग्राम पंचायत के सहयोग से किया जाएगा। इस सड़क पर सोलर लाइटों आदि का भी प्रावधान रहेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि ग्रामीण गौरव पथ के निर्माण मेंं औसतन 50 लाख रुपए प्रति किमी खर्च होंगे।

श्री खान ने पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री स्वयं इस योजना पर विशेष ध्यान रख रही हैं और इसीलिए इस पर तीन वित्तीय वर्ष में 1800 करोड़ के खर्च की घोषणा किए जाने के बावजूद इसी वर्ष 1115 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए हैं। श्री खान ने बताया कि मुख्यमंत्री की द्वितीय बजट घोषणा आउटपुट परफोर्मेंंस बेस रोड कांटे्रक्ट पर भी विभाग ने कदम बढ़ा दिए हैं और एनसीआर में शामिल अलवर जिले और धौलपुर के लिए इसके तहत निविदाएं जारी की जा रही हैं। इन जिलों में योजना के तहत चरणों में आठ वर्ष में करीब 23 सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे।

श्री खान ने कहा कि ओपीआरसी एक नया सिस्टम है जिसमें एक जिले को आधार मानते हुए निविदाएं आमंत्रित की जा रही हैं। इन सड़कों पर किसी प्रकार का टोल नहीं लगेगा। इसके अन्तर्गत संवेदक को आठ वर्ष तक पीपीपी एवं एनएच के अलावा शेष सड़कों का रखरखाव, सामान्य मरम्मत, नवीनीकरण, सुदृढ़ीकरण, सड़क सुधार एवं आपातकालीन कार्य जैसे कार्य करने होंगे।

सानिवि मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री की विभाग से सम्बन्धित तीसरी बड़ी योजना, राज्य में 20 हजार किलोमीटर स्टेट हाईवे का पीपीपी पद्घति से निर्माण की है जिसे लेकर निवेशकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। इसके तहत भी प्रथम कार्य चूरू जिले में सरदारशहर से राजगढ़ सड़क की निविदाएं जारी की जा चुकी हैं एवं जल्द ही काम प्रारम्भ हो जाएगा। इस तरह विभाग मुख्यमंत्री द्वारा घोषित सभी महत्वाकांक्षी योजनाओं को पूरा करने के लिए और राज्य को सड़कों के मामले में मॉडल स्टेट बनाने के लिए अपने कदम तेजी से बढ़ा रहा है।

प्रमुख शासन सचिव श्री डी.बी.गुप्ता ने ओपीआरसी पर जानकारी देते हुए बताया कि यह पूरे देश में ही एक नया सिस्टम है औ आंध्र और पंजाब ही इसे पायलट प्रॉजेक्ट के रूप में चला रहे हैं राज्य भी इसे दो जिलों से प्रारम्भ किया जा रहा है।

जीपीएस से मॉनिटर होगा पेचवर्क कार्य

सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री यूनुस खान ने पत्रकारों को बताया कि राज्य में पेचवर्क का कार्य सघन अभियान चलाकर काफी तेजी से किया जा रहा है और 15 नवम्बर तक इसे शत प्रतिशत पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि इस बार पेच की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और पेचवर्क के पहले और बाद की स्थिति की वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी एवं जीपीएस मॉनिटरिंग की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए वे स्वंय, प्रमुख शासन सचिव, सचिव एवं सभी मुख्य अभियंता सभी 33 जिलों के सघन दौरे करेंगे। गुणवत्ता खराब मिली तो कार्यवाही होगी।

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