1984 सिख विरोधी दंगे : संसद सदस्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर

1984 सिख विरोधी दंगे  : संसद सदस्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री की हत्या के बाद 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू जिला न्यायालय के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में  तत्कालीन 31 अक्टूबर 1984 संसद सदस्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया ।

सीबीआई ने 22.11.2005 को उस घटना पर तत्काल मामला दर्ज किया था जिसमें आजाद मार्केट, बारा हिंदू राव, दिल्ली में गुरुद्वारा पुल बंगश को एक भीड़ और तीन व्यक्तियों अर्थात् श्री. सरदार ठाकुर सिंह, शा. बादल सिंह और श। गुरुचरण सिंह को 01.11.1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश के पास जलाकर मार डाला गया था।

दिल्ली में वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों की घटनाओं की जाँच के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2000 में न्यायमूर्ति नानावती जाँच आयोग का गठन किया गया था। आयोग की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद, गृह मंत्रालय (भारत सरकार) ने तत्कालीन संसद सदस्य और अन्य के खिलाफ मामले की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश जारी किए।

सीबीआई जांच के दौरान, सबूत सामने आए कि 01.11.1984 को, उक्त आरोपी ने दिल्ली के आज़ाद मार्केट में गुरुद्वारा पुल बंगश में इकट्ठी हुई भीड़ को कथित रूप से भड़काया, भड़काया और उकसाया, जिसके परिणामस्वरूप गुरुद्वारा पुल बंगश को जला दिया गया और तीन सिख व्यक्तियों की हत्या कर दी गई। भीड़, दुकानों को जलाने और लूटने के अलावा।

जांच के बाद आज आरोप पत्र दायर किया गया है।

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