• April 30, 2022

105 करोड़ की लागत ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट

105 करोड़ की लागत ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट

दिल्ली—- बिहार में पहले ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट की शुरुआत होने से सीमांचल क्षेत्र (अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज) में विकास की गति तेज होने की उम्मीद की जा रही है. इस इथेनॉल प्लांट की शुरुआत नए उद्योगों और रोजगार सृजन के नजरिए से बड़ा कदम साबित हो सकता है.

उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा की केंद्र और राज्य की इथेनॉल पॉलिसी 2021 के बाद देश के पहले ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट की शुरुआत बिहार के पूर्णियां से हो रही है.

पूर्णियां के परोरा में ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्रा. लि. द्वारा स्थापित यह ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड इथेनॉल प्लांट के बनने में 105 करोड़ की लागत लगी है. इस प्लांट की उत्पादन क्षमता 65 हजार लीटर प्रतिदिन है.

इस प्लांट से प्रतिदिन 27 टन DDGS (Distiller’s dried grains with Solubles) यानी एनिमल फीड बनाने के लिए जो पोषक तत्व से पूर्ण कच्चे माल की जरूरत होती है, उसका उत्पादन भी बायो प्रोडक्ट के रूप में किया जाएगा.

बिहार इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 के अंतर्गत बिहार में पहले चरण में 17 इथेनॉल उत्पादन ईकाइयां स्थापित की जा रही हैं चार ईथेनॉल ईकाइयां बनकर तैयार हो गई हैं.

3 और यूनिट जो बनकर तैयार हैं, इनमें से दो गोपालगंज में और एक आरा में हैं, जल्द शुभारंभ किया जाएगा.

उद्योग मंत्री ने बताया कि पूर्णियां में स्थापित प्लांट की जरूरत को पूरा करने के लिए प्रतिदिन करीब 150 टन चावल या मक्के की जरूरत होगी. इथेनॉल प्लांट के लिए की जाने वाली इस खरीद से बिहार के किसानों को फायदा मिलेगा.

15 एकड़ क्षेत्र में बने ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्रा. लि. के इथेनॉल प्लांट की खूबी ये है कि इसमें ईंधन और भाप (Steam) की जरूरत को पूरी करने के लिए चावल की भूसी का इस्तेमाल किया जाएगा. इस लिहाज से करीब 130 टन चावल की भूसी की खपत इस प्लांट में रोजाना होगी.

उद्योग मंत्री ने बताया कि प्लांट में तैयार इथेनॉल को ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को बेचा जाएगा. इसके लिए तेल मार्केटिंग कंपनियों से दस साल का करार किया गया है.

इथेनॉल प्लांट पर्यावरण के अनुकूल भी है. प्लांट की डिजाइनिंग ऐसी है कि पर्यावरण की अनुकूलता को देखते हुए जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सुनिश्चित होगा. उन्होंने कहा कि बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बना है जिसकी इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति आई और अब 2021 में केंद्र और राज्य की इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति आने के बाद से बिहार फिर नंबर वन बना है.

शाहनवाज हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मनिर्भर भारत का सपना और किसानों की आमदनी बढ़ाने का सपना इससे पूरा होगा. वर्ष 2021 में लाई गई बिहार की इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति के तहत बिहार में 151 इथेनॉल ईकाइयों की स्थापना के लिए कुल 30,382 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए थे, लेकिन कोटा कम मिलने से फिलहाल 17 इथेनॉल ईकाइयों की स्थापना पहले चरण में हो रही है.

फिलहाल बिहार को 36 करोड़ लीटर सालाना इथेनॉल आपूर्ति का कोटा मिला है, लेकिन इथेनॉल उत्पादन के लिए कच्चे माल और पानी की उपलब्धता, इसमें निवेश के लिए आए प्रस्ताव और दूसरी बातो को देखते हुए बिहार के इथेनॉल उत्पादन की क्षमता 172 करोड़ लीटर सालाना है. उन्होंने कहा कि अगर बिहार को इसकी इथेनॉल उत्पादन क्षमता के हिसाब से कोटा मिला तो न सिर्फ बिहार देश का सबसे बड़ा इथेनॉल हब बनकर उभरेगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के विकास में अत्यंत अहम भागीदारी निभाएगा.

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