• February 4, 2016

हैपनिंग हरियाणा ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट, 2016 में एक सत्र ‘स्टार्ट-अप्स’

हैपनिंग हरियाणा ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट, 2016 में एक सत्र ‘स्टार्ट-अप्स’

चण्डीगढ़   ——–     हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि गुडग़ांव में 7 और 8 मार्च को होने वाली हैपनिंग हरियाणा ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट, 2016 में एक सत्र ‘स्टार्ट-अप्स’ (नए उद्यमियों) का होगा, जिसमें युवा उद्यमी कला व संस्कृति से जुड़े सुझाव भी रख सकते हैं। यदि कोई नवोदित उद्यमी कला व संस्कृति से जुड़ा कोई उद्योग प्रदेश में स्थापित करना चाहता है, तो राज्य सरकार उसे पूरा सहयोग देगी। इस समिट से पहले कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय और गुरू जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हिसार में बूट कैंप लगाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री आज गुडग़ांव के सैक्टर-44 स्थित एपीसैंटर में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् (आईसीसीआर) तथा सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा व हरियाणा कला परिषद् के बीच हुए समझौते के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि हरियाणवी संस्कृति, हरियाणवी सांग और राग-रागनियां न सिर्फ भारत में प्रदर्शित होंगी बल्कि इनकी धूम दूसरे देशों में भी मचेगी। इस कार्यक्रम में जाने-माने बॉलीवुड अभिनेता रणदीप हुड्डा, वियतनाम के राजदूत टोन सिन्ह थान्ह भी मौजूद थे।

हरियाणा सरकार के सांस्कृतिक कार्य विभाग की तरफ से प्रधान सचिव एवं महानिदेशक डॉ. अभिलक्ष लिखी तथा आईसीसीआर की तरफ से उप-महानिदेशक सुश्री नम्रता कुमार ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा, लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह, विधायक श्री उमेश अग्रवाल व श्री तेजपाल तंवर की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए।

इस मौके पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आईसीसीआर से हुए इस समझौते से हरियाणवी संस्कृति एवं कला को न केवल अपने देश बल्कि विदेशों में भी प्रदर्शित किया जा सकेगा। आईसीसीआर और सूचना, जन सम्पर्क एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, हरियाणा दोनों आपस में मिलकर दूसरे देशों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनियां, साहित्यिक समारोह और कला समारोह आयोजित करेंगे और वहां के जो अच्छे कार्यक्रम होंगे, उन्हें यहां लेकर आएंगे।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सांग और राग-रागनियों का परम्परागत घर है। प्रदेश के लोक कलाकारों ने लोक गीतों, लोक कथाओं और सांगों के माध्यम से समाज के आचार-व्यवहार, लोक जीवन, नैतिक मूल्यों, संस्कृति और इतिहास की जानकारी दी है, जो हमारी अमूल्य धरोहर है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश अपनी संस्कृति, साहित्य तथा कला से जाना जाता है और कला की कोई सीमाएं नहीं होती, यह तो वैश्विक होती है। श्री मनोहर लाल ने कहा कि हम अपनी संस्कृति को प्रदेश के हर गली-कूचे, गांव और शहर तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।

यह समझौता संस्कृति को राष्टï्र के हर कोने तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों में पहुंचाने के लिए मील पत्थर साबित होगा। आईसीसीआर अंतर्राष्ट्रीयसांस्कृतिक दलों के कार्यक्रम आयोजित करेगी, जिसमें हरियाणा के कलाकार विदेशों में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। राज्य सरकार ऐसे आयोजन से हरियाणा में एक अच्छा सांस्कृतिक माहौल बनाने के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की समृद्घ संस्कृति से जन-जन विशेषकर, युवाओं को परिचित करवाने के लिए राज्य सरकार ने व्यापक स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की पहल की है।

पिछले साल पहली अप्रैल से गांव, ब्लॉक और तहसील स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने का एक अभियान चलाया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक 100 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है। जो स्थान रह गए हैं, वहां पर अब ये सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाए जाएंगे। देश की नदियों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का भारत की संस्कृति, सभ्यता और संस्कारों से गहरा नाता है। विभिन्न उपग्रहीय, भूगर्भीय तथा जल सर्वेक्षणों ने पर्याप्त प्रमाणों द्वारा इस सरस्वती नदी की प्राचीनता को सिद्ध किया है। अब तो विज्ञान और इसरो ने भी सरस्वती नदी के अस्तित्व पर मोहर लगा दी है। इसी नदी के किनारे वेदों की रचना हुई थी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा के यमुनानगर जिले के आदिब्रदी स्थान को इस नदी का उद्गम स्थल होने का गौरव प्राप्त है। सरस्वती के जीर्णोद्धार, संरक्षण व अनुसंधान के लिए ‘सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड’ का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि लॉर्ड मैकाले का मानना था कि किसी देश को यदि खत्म करना है तो उसकी संस्कृति और शिक्षा पर प्रहार करें, लेकिन यह भारत की विशेषता है कि हजारों साल गुलामी में रहने के बावजूद हम अपनी संस्कृति को भूले नहीं हैं। आज भी हमारी समृद्ध संस्कृति जिन्दा है और हमारी परम्पराएं पहले की तरह चल रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा को गीता की जन्म स्थली कहा जाता है और भगवान श्रीकृष्ण के गीता में दिए गए संदेश का जितना महत्व पहले था, आज भी उतना ही है।

आईसीसीआर की उप महानिदेशक नम्रता कुमार ने कहा कि आज के दिन आईसीसीआर और हरियाणा सरकार के बीच एक नए सहयोग की शुरूआत हुई है। उन्होंने कहा कि आईसीसीआर भारत और अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि आईसीसीआर के विदेशों में 36 सांस्कृतिक केन्द्र हैं तथा भारत देश के भीतर 20 केन्द्र हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आईसीसीआर अब तक देश के 6 राज्यों के साथ इस प्रकार के समझौते कर चुका है और आज 7वां समझौता किया गया है।

श्रीमती कुमार ने यह भी कहा कि आईसीसीआर भारत की विरासत और सांस्कृतिक ज्ञान का आदान-प्रदान दूसरे देशों के साथ करने में मदद करता है, जिससे कि उन देशों के साथ भारत के आपसी संबंध भी मधुर बनते हैं। सांस्कृतिक कार्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में विभाग हरियाणवी संस्कृति को देश के कोने-कोने में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी पहुंचाने के लिए प्रयासरत है और आज का समझौता उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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