• August 22, 2020

हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फ़ाउंडेशन तथा पर्यावरण संरक्षण गतिविधि –30 अगस्त 2020 को प्रातः 10:00 बजे 11

हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फ़ाउंडेशन तथा पर्यावरण संरक्षण गतिविधि –30 अगस्त 2020 को प्रातः 10:00 बजे 11

हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फ़ाउंडेशन तथा पर्यावरण संरक्षण गतिविधि —

मधुबनी —- पर्यावरण , संरक्षण पर आधारित प्रकृति वंदन का आयोजन कर रही है , यह आयोजन पूरे देश मे 30 अगस्त 2020 को प्रातः 10:00 बजे 11 बजे तक किया गया है। आप सभी प्रकृति संरक्षक इसे भाग ले और इसी दिन अधिक से अधिक लोगो को जोड़ कर क्रांति लाने के हर संभव प्रयास करें।


इस कार्यक्रम के लिए हम सभी का रजिस्ट्रेशन होना है और अधिक से अधिक लोगो का जोड़ने का प्रयास करें।

न्यूनतम 20 लोगों का रजिस्ट्रेशन आवश्यक है और अधिक से अधिक जितना जोड़ सकें। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मधुबनी संघ परिवार का हाथ मजबूत होगा और मजबूत होने के लिए आपका मजबूत प्रयास आवश्यक है ।

इस लिंक पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते है —–
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSekj8g_Moey58XRN1qJxzd8kojnUHhgT9564RXrDIj5U8PLgg/viewform

हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फ़ाउंडेशन तथा पर्यावरण संरक्षण गतिविधि द्वारा पर्यावरण व वन संरक्षण हेतु प्रकृति वन्दन कार्यक्रम के लिए करणीय

***** दिनांक – रविवार 30 अगस्त 2020 *****
***** समय – प्रातः 10:00 बजे *****
***** स्थान – अपना घर *****

१- *पेड़ पौधों- जल – भूमि के संरक्षण के प्रति श्रद्धा व सम्मान संवर्धन के लिए यह प्रतीकात्मक कार्यक्रम है*
२- *समाज को प्रकृति व प्राणी रक्षा के प्राचीन मूल्यों की ओर पुनः उन्मुख करने के लिए यह कार्यक्रम है-*
३- *पर्यावरण व वनो के प्रति श्रद्धा के संस्कार के लिए वृक्षों तथा पौधों को प्रतीक बनाया जा सकता है*
४- *प्रतीक मस्तिष्क को गहराई तक प्रभावित करते है। सोच के साथ साथ आचरण को भी प्रतीक प्रभावित करते है इसलिए प्रकृति वन्दन हेतु वृक्ष – पौधे – भूमि को प्रतीक रूप में लिया गया है*
५- *इसका उद्देश्य है मनुष्य दैनन्दिन जीवन में पेड़ पौधों की रक्षा करे – भूमि वंदना से पंच महाभूतो( पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश ) अर्थात पर्यावरण की रक्षा करे*


६- *वन्दन कार्यक्रम अपने घर पर परिवार के साथ किसी वृक्ष अथवा गमले में लगे पौधे का करना है*
७- *पूजन सामग्री में – जल का लोटा- रोली- मोली – पुष्प – दीपक – चावल – प्रसाद रखना है*
८- *वन्दन क्रम*
ॐ कार ०३ बार

वृक्ष को तिलक – अक्षत

रक्षा सूत्र रूप में मोली बाँधना

जल समर्पित कर प्रतिदिन जल चढ़ाने का संकल्प

दीपक जलाकर वृक्ष की आरती

वृक्ष परिक्रमा -5 बार

अंत में प्रकृति – परिवार व देश रक्षा हेतु प्रतिदिन करने वाले कार्यों का संकल्प।

संपर्क —-
गुणवंत सिंह कोठारी, राष्ट्रीय संयोजक,
हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला।
गोपाल आर्य, राष्ट्रीय संयोजक, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि।

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