• September 27, 2016

स्वच्छ भारत मिशन : 2 अक्टूबर से विशेष अभियान:—- डा. बांगड़, अतिरिक्त उपायुक्त

स्वच्छ भारत मिशन :  2 अक्टूबर से विशेष अभियान:—- डा. बांगड़, अतिरिक्त  उपायुक्त

झज्जर, 27 सितंबर— स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आगामी अक्टूबर माह से मिशन के अंतर्गत जिले में बड़े स्तर पर काम होगा। स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों का गति देने के साथ-साथ जिले को खुले में शौच मुक्त जिलों की श्रेणी में लाने के लिए अतिरिक्त उपायुक्त डा. नरहरि बांगड़ की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठक हुई। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त ने स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों पर चर्चा करते हुए जिले में शत-प्रतिशत कार्य करने के लिए सरकार की ओर से जारी किए गए निर्देशों पर चर्चा करते हुए मौजूदा स्थिति की जानकारी भी ली।27-adc-meeting-photo-1

डा. नरहरि ने कहा कि मूल उद्देश्य स्वच्छता के प्रति लोगों का जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दो जिले खुले में शौच से मुक्त जिलों की श्रेणी में आ चुके हैं। झज्जर जिला राष्ट्रीय राजधानी के साथ सटा हुआ है, ऐसे में अन्य जिलों की अपेक्षा झज्जर में अधिक उम्मीद करते हैं कि खुले में शौच जैसी पिछड़ेपन की परंपरा को आने वाले महीनों में निजात मिले और झज्जर में स्वच्छ जिलों की श्रेणी में खड़ा मिले।

पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को करेंगे जागरूक:
बैठक में निर्णय लिया गया कि जिले में ब्लाक स्तर पर विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन जागरूकता शिविरों में पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ गांव के उन लोगों को भी शामिल किया जाएगा जो अभी भी जाने-अनजाने अपने घर में शौचालय निर्माण नहीं करा पाए।

ए.डी.सी. ने कहा कि जागरूकता शिविर में स्वच्छता के अभाव में व्यक्तिगत एवं सामाजिक स्तर पर कितना नुकसान उठाना पड़ रहा है, सरीखे बिंदुओं पर व्यापक चर्चा की जाएगी। ए.डी.सी. ने कहा कि जिले के तमाम विभागों के साथ आमजन को इस अभियान के साथ जोड़ा जाएगा। ब्लाक स्तर के उपरांत जिला स्तर पर भी स्वच्छता अभियान मिशन को लेकर कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस अवसर पर डीआईपीआरओ नीरज कुमार, सीएमजीजीए डॉ अनिता, बीडीपीओएज सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

सांझी : हमारी संस्कृति को संजोने की सार्थक मुहिम : सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की ओर से हरियाणवी संस्कृति के प्रचार-प्रसार एवं लोक कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अक्टूबर माह में दशहरा से पहले जिला स्तरीय सांझी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी नीरज कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग की ओर से यह प्रतियोगिता केवल महिलाओं के लिए है। प्रतियोगिता में भाग लेने की इच्छुक महिलाएं अपनी सांझी बनाकर जिला सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी कार्यालय में दशहरा पर्व से पहले यानि छह अक्टूबर सुबह दस बजे तक जमा करवा दें। उन्होंने कहा कि विजेता प्रतिभागियों को नगद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता के लिए कृतियां किसी हार्ड बोर्ड अथवा स्ट्रैच कैनवस पर बनाई जाए। प्रतियोगिता में प्रयोग किया जाने वाला सामान कलाकारों का स्वयं का होगा। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान हासिल करने वाली महिला प्रतिभागियों को ही पुरस्कृत किया जाएगा।

प्रथम पुरस्कार 5000 रुपए, द्वितीय विजेता को 3000 रुपए तथा तृतीय पुरस्कार के रूप में 2000 रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। विजेताओं का चयन करने के लिए एक निर्णायक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें ललित कला विधा के जानकारों को शामिल किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रथम आई तीन कृतियों को कार्यालय में सुरक्षित रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहने वाले कलाकारों को बाद में अपनी कृतियां रंगीन स्कैच आर्ट पेपर पर बनाकर देनी होगी, जिससे कि इनका प्रयोग प्रदर्शनी विभागीय प्रदर्शनी शाखा में भविष्य में लगाई जाने वाली प्रदर्शनियों एवं डिजाइन्ज में किया जा सके।

सांझी कला में कल्पना शक्ति- जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी श्री कुमार ने कहा कि सांझी के माध्यम से घरों की सजावट का कार्य किया जाता रहा है। ग्रामीण अंचल में आज भी महिलाएं सांझी के सहारे अपने घर-आंगन को सजाती हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें अलग से कोई बड़ा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती। सांझी एक कला है, जिसमें कल्पना शक्ति समाहित होती है। महिलाएं अपनी कल्पनाओं को सांझी के माध्यम से उकेरती हैं।

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