सौर सुजला योजना-सूर्य देवता-की कृपा से-बंजर धरती पर भी हरियाली

सौर सुजला योजना-सूर्य देवता-की कृपा से-बंजर धरती पर भी हरियाली

छत्तीसगढ़————-सूर्य देवता की कृपा से छत्तीसगढ़ के किसानों को खेती के लिए बिजली बिल्कुल मुफ्त मिल रही है। यह राज्य सरकार की सौर सुजला योजना का ही कमाल है कि इस योजना से बंजर धरती पर भी हरियाली खिलने लगी है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हाथों नया रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर इस योजना की शुरूआत हुई थी। सिर्फ छह महीने के भीतर इस योजना में अब तक लगभग सात हजार किसानों के खेतों में सोलर सिंचाई पम्प लगाए जा चुके हैं।

सोलर पम्पों के जरिए दूर-दराज आदिवासी बहुल इलाकों के गांवों में बंजर धरती पर रबी मौसम में भी फसलों के लिए भरपूर पानी मिल रहा है और इस तेज गर्मी में भी वहां हरियाली खिलने लगी है।

ताजा उदाहरण नगरी विकासखंड के ग्राम मारदापोटी में देखने को मिला है, जहां 48 वर्षीय आदिवासी किसान श्री राधेश्याम नेताम ने इस योजना का लाभ उठाकर पहली बार अपने चार एकड़ खेतों में मूंग और बैगन सहित अन्य साग-सब्जियों की खेती शुरू की है।

इस योजना के तहत उन्हें तीन हॉर्सपावर का साढ़े तीन लाख रूपए का सोलर पम्प सिर्फ 10 हजार रूपए में दिया गया है। पम्प के लिए उन्हें सिर्फ सात हजार रूपए देने पड़े हैं, शेष तीन हजार रूपए का टैक्स उसमें जुड़ा है।

श्री नेताम कहते हैं कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार ने उन्हें साढ़े तीन लाख रूपए कीमत का सोलर सिंचाई पम्प इतनी कम कीमत में उन्हें दिया है। यह उनके जैसे छोटे किसान के लिए बहुत बड़ी बात है। सूरज की रौशनी से सौर पैनलों में बनने वाली बिजली के जरिये रबी मौसम की फसलों के लिए उनके खेतों को पानी मिलने लगा है। वे इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हैं।

श्री नेताम इस बात से भी खुश है कि यह बिजली उन्हें सूर्य देवता की कृपा से मुफ्त में मिल रही है। इसके लिए उन्हें बिजली विभाग में जाकर कोई बिल नहीं देना होगा। श्री नेताम ने 15 साल पहले ग्राम मारदापोटी में जब यह जमीन खरीदी थी तो वह पूरी तरह से बंजर थी।

उन्होंने अपनी पत्नी श्रीमती रम्हीन नेताम के साथ कड़ी मेहनत कर उसे खेती योग्य बनाया और पंाच साल पहले सिंचाई नलकूप का भी खनन करवाया, लेकिन वह नलकूप असफल रहा। इससे उनकी खेती रबी मौसम में बंजर रहने लगी। केवल मानसून की बारिश के भरोसे धान की खेती कर लेते थे, लेकिन एक फसल से घर की जरूरते पूरी नहीं हो रही थी।

श्री नेताम को पता चला कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ऐसे इलाकों के किसानों के लिए सौर सुजला योजना की शुरूआत की है, जहां सिंचाई के लिए खेतों तक परम्परागत बिजली पहुंचाने में कई तरह की दिक्कते आती है। श्री नेताम ने इसके लिए कृषि विभाग और क्रेडा के अधिकारियों से सम्पर्क किया।

उन्हें अधिकारियों ने बताया कि इस योजना में आदिवासी और अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों को तीन हॉर्स पावर का साढ़े तीन लाख रूपए मूल्य का सोलर सिंचाई पम्प सिर्फ सात हजार रूपए में, अन्य पिछड़े वर्ग के किसानों को सिर्फ 12 हजार रूपए में और सामान्य वर्ग के किसानों को केवल 18 हजार रूपए में दिया जा रहा है।

श्री नेताम ने इसके लिए आवेदन किया और उन्हें तत्काल सोलर सिंचाई पम्प की स्वीकृति मिल गई। वे धमतरी जिले के पहले ऐसे किसान हैं, जिन्हें सबसे पहले इस योजना का लाभ मिला है। प्रदेश भर में उनके जैसे अब तक लगभग छह हजार 988 किसानों के खेतों में सौर सुजला योजना के सिंचाई पम्प पहुंच गए हैं और उनमें भी हरियाली फैलने लगी है।

श्री नेताम ने बताया कि वे अब तक अपने खेतों में सिर्फ मानसून के दौरान खरीफ मौसम में धान की खेती करते थे। लेकिन सौर सुजला योजना में सोलर पम्प मिलने के बाद उन्होंने रबी मौसम के दौरान खाली पड़ी इस जमीन पर पहली बार दलहन (मूंग, बैगन, बरबट्टी और भिंडी सहित कुछ भाजियों की भी खेती की है। फसलों की सुरक्षा के लिए उन्होंने पत्थर और मिट्टी से अपने खेतों की घेराबंदी भी कर दी है।

उन्होंने दो महीने पहले फरवरी में मूंग बोया था। अब तक उन्हें दो क्विंटल मूंग की पैदावार मिल चुकी है और अगले एक-डेढ़ महीने में और तीन क्विंटल मिलने की उम्मीद है। मूंग और अन्य सब्जियों की फसल को वे जिला मुख्यालय धमतरी के बाजार में अच्छी कीमत पर बेचेंगे।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार ने लगभग छह महीने पहले छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण की सोलहवीं वर्षगांठ के अवसर पर एक नवम्बर को इस योजना की घोषणा की थी। योजना का शुभारंभ उस दिन नया रायपुर में आयोजित राज्योत्सव के राज्य स्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था।

पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 में इस योजना में ग्यारह हजार किसानों को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया था। योजना प्रारंभ होने के सिर्फ छह-साढ़े छह महीने की छोटी सी अवधि में छह हजार 988 किसानों के खेतों मंे सोलर सिंचाई पम्प स्थापित किए जा चुके हैं, जबकि शेष चार हजार 012 किसानों के स्वीकृत प्रकरणों में इस वर्ष जून 2017 के पहले यह कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है।

गौरतलब है कि राज्य सरकार पिछले करीब आठ साल से (वर्ष 2009 से) कृषक जीवन ज्योति योजना का संचालन कर रही है। इस योजना के तहत तीन हॉर्स पावर तक सिंचाई पम्पों के लिए छह हजार यूनिट और तीन से पांच हॉर्स पावर तक सिंचाई पम्पों के लिए 7500 यूनिट बिजली किसानों को हर साल मुफ्त दी जा रही है। इसी कड़ी में करीब छह महीने पहले शुरू की गई सौर सुजला योजना में तो किसानों को पूरी बिजली बिल्कुल मुफ्त मिल रही है।

छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के अधिकारियों ने आज बताया कि इस योजना में जहां साढ़े तीन लाख रूपए कीमत का अनुसूचित जाति और आदिवासी वर्ग के किसानों को तीन हॉर्स पावर का सिंचाई पम्प मात्र सात हजार रूपए में दिया जा रहा है, वहीं अन्य पिछड़े वर्ग के किसानों को यह सिर्फ बारह हजार रूपए में और सामान्य वर्ग के किसानों को केवल 18 हजार रूपए में देने का प्रावधान किया गया है।

पांच हॉर्स पावर का सोलर सिंचाई पम्प जिसकी बाजार में कीमत साढ़े चार लाख रूपए है, वह आदिवासी और अनुसूचित जाति के किसानों को मात्र दस हजार रूपए में, अन्य पिछड़े वर्ग के किसानों को सिर्फ 15 हजार रूपए में और सामान्य वर्ग के किसानों को मात्र 20 हजार रूपए में मंजूर किया जा रहा है।

विद्युत विहीन खेतों में सौर सिंचाई पम्पों को बढ़ावा देना और किसानों को निःशुल्क बारह मासी बिजली उपलब्ध कराना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में इस योजना के तहत 20 हजार किसानों को सोलर सिंचाई पम्प देने की घोषणा की है। उन्होंने इसके लिए बजट में 554 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है।

किसान इस योजना में भू-जल स्तर के अनुसार नलकूप खनन कर उसमें सबमर्सिबल पम्प लगाकर भी पानी ले सकते हैं। सौर पैनलों में बनने वाली बिजली से यह पम्प चलता है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नदी-नालों के किनारे के गांवों में भी इस योजना का विस्तार करने के निर्देश दिए हैं।

योजना की विस्तृत जानकारी के लिए राजधानी रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के अधिकारियों से वहां के फोन नम्बर 8370009923 अथवा 8370009927 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

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