सूट कल्ली के आवेदन : माननीय दारू महोदय :

सूट कल्ली  के आवेदन  : माननीय दारू महोदय  :

माननीय दारू महोदय
धरा तल और धरा पर
बिहार वन , जल तल 

मान्यवर
आपका ध्यान बिहार की  आखेटकी ओर खींचना चाहता हूं। बिहार की इतिहास की पतन वैसे तो 1980 से ही शुरू हो चुका था लेकिन 1989 से वायु वेग से शुरू हो गया था। 

आखेटकी में जिंदा रहने के लिए माफिया (सत्ता प्रतिनिधि) प्रतिनिधि से लडने की कुब्बत नही रहा, जिसके  कारण नैयका  नैयका बहु को छोड़ प्रदेश से परा गया। प्रदेश में आखेटकी कल्हू की बैल बन गया और नैयका फुलौड़ी बहु सुखा कय बिना तेल के अचार होय गवा है।

सत्ता के डर से बिहार के छौड़ा सुखा के सनटीटीही होय गवा है। 

ओकरे बाल बच्चा बीड़ी सिगरेट, तंबाकू अराग पराग खाए के मस्त है।

दारू महोदय आपसे कर जोरी विनती है की  सरकार के इस विनाशकारी षडयंत्र से छौड़ा-छौड़ी के जीवन को आप ही संवार सकते हैं।

दारू महोदय जब इसकी भनक विनाशकारी सत्ताधारी को लगी तो आपके विरुद्ध भी सत्यानाशी नियम का बहाना बना कर, तरह तरह से सताया जा रहा है।

लेकिन आपको बिहार की अर्थ से कमजोर वर्ग का पूर्ण समर्थन है , जिसके कारण कोई बाल बांका नहीं कर सकता है।

महोदय,आपसे रोटी मिलती है, देह पर वसन मिलता है, सर ढकने के लिय छपर मिलता है।
वर्दी वाले अतिथि को  कभी खाली हाथ वापस  नही जाने देते हैं।

देखिए न, चुनाव से आए हुए माफिया प्रतिनिधि आम जमीन में बसने वाले को बेघर कर रहा है।
राशन कार्ड क्या है ?  जन्म भूमि प्रमाण पत्र या भोज पत्र।अब उसको भी छीन रहा है।

इसलिए हे! मान्यवर  दारू  महोदय।

बिहार की युवा की लाज अब आपके ही हाथ।

ढूंढो ढूंढो री विनाशक ढूंढो , मेरे दारू सर को।

तुम ढूंढते रह जाओगे,वह फूलते  , रह जायेंगे

सादर नमस्कार
सूट कल्ली

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