- June 12, 2015
सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की अनुकरणात्मक उपलब्धियां
हैल्प लाईन की स्थापना : प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम के आधार पर शराब और मादक द्रव्यों के उपयोग की रोकथाम के लिए 7 जनवरी, 2015 को एक राष्ट्रीय टोलफ्री हैल्प लाईन (1 8 0 0 – 1 1 – 0 0 3 1) प्रारंभ की गई।
‘अनुसूचित जाति उद्यमियों के लिए उद्यम पूंजी निधि’ के सृजन की योजना : इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जातियों के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देना और उनको छूट के साथ वित्त सुविधा उपलब्ध कराना है। यह योजना भारतीय औद्योगिक वित्त निगम लिमिटेड (आईएफसीआई) के द्वारा कार्यान्वित की जाएगी जिसके लिए 200 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं।
स्वच्छता उद्यमी योजना: प्रधानमंत्री द्वारा 02 अक्टूबर, 2014 को शुभारंभ किए गए ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के एक अभिन्न अंग के तहत एनएसकेएफडीसी ने कचरे को एकत्र करने के लिए स्वच्छता से संबंधित वाहनों और व्यवहार्य समुदाय शौचालय परियोजना को वित्त पोषित करने के लिए 02 अक्टूबर, 2014 को ‘स्वच्छ उद्यमी योजना’ नामक एक नई स्कीम का शुभारंभ किया।
महिलाओं के लिए आत्मरक्षा कौशल के साथ व्यावसायिक मोटर ड्राइविंग प्रशिक्षण : सफाई कर्मचारी, मैला ढोने वाले और उन निर्भर रहने वालों की श्रेणी से संबंधित महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए, एनएसकेएफडीसी ने ”महिलाओं के लिए आत्मरक्षा कौशल के साथ व्यावसायिक मोटर ड्राइविंग प्रशिक्षण” का पाठ्यक्रम प्रारंभ किया है।
हरित व्यापार योजना : अनुसूचित जाति और सफाई कर्मचारियों की दीर्घकालिक आजीविका को सहायता देने के लिए संरक्षित खेती को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से एनएसएफडीसी और एनएसकेएफडी द्वारा प्रारंभ की गई। इन आर्थिक गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जो जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हों जैसे ई-रिक्शा, सौर पम्प और सौर ऊर्जा पर काम करने वाले अन्य उपकरण।
स्वच्छता मार्ट योजना : 2014-15 में प्रारंभ की गई इस योजना के अंतर्गत शौचालयों/बॉयो-डिग्रेडेबल शौचालय के निर्माण के लिए सफाई कर्मचारियों को 15 लाख रूपए तक का ऋण प्रदान किया जाता है।
डिनोटिफाइड खानाबदोश और अर्द्ध खानाबदोश जनजातियों के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीडीएनटी) को अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति के द्वारा 09 जनवरी, 2015 से कार्यशील किया गया था।
अपराध की प्रकृति के अनुसार अत्याचार के शिकार लोगों को 75,000 रूपए से 7 लाख 50,000 रूपये के बीच की धनराशि प्रदान करने के लिए सहायता धनराशि को बढ़ाने हेतू जून, 2014 में पीओए नियमों में संशोधन किया गया था।