• February 26, 2015

सहकारी संस्थाओं की स्वायत्तता की पक्षधर – सहकारिता मंत्री

सहकारी संस्थाओं की स्वायत्तता की पक्षधर – सहकारिता मंत्री

जयपुर – सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने कहा है कि राज्य सरकार सहकारी संस्थाओं की स्वायत्तता की पक्षधर है, वहीं सहकारी संस्थाओं को भी सहकारिता आंदोलन से जुड़े सदस्यों के हित में संस्थाओं में वित्तीय अनुशासन बनाए रखना होगा। उन्होंने कहा कि वित्तीय दृष्टि से सक्षम संस्था ही सदस्यों तक बेहतर सेवाएं उपलब्ध करा सकती हैं।

श्री किलक बुधवार को रविन्द्र मंच पर राज्य सहकारी संघ द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय सहकार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अध्यक्ष श्रीमती इंदु चौधरी व अतिथियों के साथ दीप प्रज्ज्वलित किया। उन्होंने कहा कि बदलते आर्थिक परिवेश में प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए सहकारी संस्थाओं को कार्यों मेें विविधिकरण, सदस्यों तक बेहतर और अधिक सुविधाएं, सरकार पर निर्भरता कम, आधुनिक तकनीक का अंगीकार और वित्तीय सक्षमता के प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सहकारी आंदोलन की सक्षमता के लिए दीर्घकालीन कार्य  योजना तैयार कर क्रियान्वयन की और बढ़ रही है।

श्री किलक ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे का सहकारिता आंदोलन के प्रति स्पष्ट विजन है। वे ग्राम स्तर की सहकारी संस्थाओं पेक्स लेम्स आदि को आर्थिक गतिविधि का प्रमुख केन्द्र बनाना चाहती है। हमनें इस दिशा में काम शुरु कर दिया है। उदयपुर संभाग के जिलों मेें पांच-पांच लेम्प्स में मिनी सुपर मार्केट शुरु किए जा रहे हैं। राज्य की केन्द्रीय सहकारी बैंकों के पेक्स-लेम्प्स के 5 हजार व्यावसायिक अभिकर्ता बनाये जा चुके हैं। हमारा प्रयास है कि सभी पेक्स-लेम्प्स बीसी बने और मनरेगा, भामाशाह, पेंशन योजनाओं, जनधन योजना में लाभार्थी के खातें में सीधे हस्तांतरण का लाभ गांव में ही लोगों को उपलब्ध करा सके।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि आने वाले चार सालों में सहकारिता क्षेत्र में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। सरकार सदस्यों की सामाजिक सुरक्षा के लिए सहभागी बीमा योजना लाने के प्रयास कर रही हैं, वहीं सभी पेक्स स्तर पर भण्डारण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। इससे ग्रामीणों को गांव में ही खाद-बीज, कीटनाशक, कृषि उपज व उपभोक्ता सामग्री का भण्डारण व समय पर वितरण का काम हो सकेगा। श्री अजय सिंह ने एनसीयूआई से भी राज्यों के सहकार संघों के सहयोग के लिए आगे आने आगा।

एनसीयूआई के उपाध्यक्ष श्री घनश्याम एच. अमीन ने बताया कि गुजरात में सहकारी संस्थाओं में सरकारी भागीदारी नहीं है। सहकारी संस्थाओं को सरकार पर निर्भरता कम होगी तभी सही तरीके से सहकारिता आंदोलन का विकास होगा।

राज्य सहकारी संघ की अध्यक्ष श्रीमती इंदु चौधरी ने कहा कि सहकार संघ द्वारा राज्य में शिक्षण-प्रशिक्षण और सहकारिता के प्रति जागरुकता के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि किसानों तक सहकारी योजनाओं की जानकारी पहुंंचाने के लिए पायलट परियोजना चलाने की योजना है।

एनसीयूआई के मुख्यकार्यकारी डॉ. दिनेश कुमार ने युवापीढ़ी को सहकारिता से जोडऩे की आवश्यकता प्रतिपादित की। एनसीटीटी के सचिव श्री मोहन कुमार मिश्रा ने सहकारिता क्षेत्र में मानव संसाधन के विकास पर जोर दिया।

शाहपुरा की सहकारी संस्था के अध्यक्ष श्री पोखर मल ने सहकारिता क्षेत्र् की विभिन्न समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने सहकारी शिक्षा कोष की पूर्ववर्ती व्यवस्था करने को कहा।

राज्य सहकारी संघ के उपाध्यक्ष श्री कमल मीणा ने आभार व्यक्त करते हुए बताया कि सहकार सम्मेलन में काफी संख्या में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। सहकार संघ के मुख्य कार्यकारी श्री हरकीरत सिंह ने स्मृति चिन्ह भेंट किए।

एक दिवसीय सहकार सम्मेलन में बड़ी संख्या में सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों और महिला सदस्यों ने हिस्सा लिया।

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