संभावित सुखाड़ — सभी अधिकारी क्षेत्र में जायें — मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार

संभावित सुखाड़ — सभी अधिकारी क्षेत्र में जायें — मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार

पटना—:- 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार की अध्यक्षता में राज्य में संभावित सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए समीक्षा बैठक हुई।

बैठक में आपदा प्रबंधन, कृषि, जल संसाधन, ऊर्जा, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, पषु एवं मत्स्य साधन, ग्रामीण विकास, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, जीविका, ग्रामीण कार्य विभाग ने सुखाड़ की स्थिति से निपटने के लिये अपने विभाग द्वारा की गयी तैयारियों के बारे में मुख्यमंत्री को विस्तार से बताया।

मुख्यमंत्री ने इस संबंध में विभागों के प्रधान सचिव/सचिव को तत्काल कार्रवाई के लिये आवष्यक दिषा-निर्देष दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि संभावित सुखाड़ की स्थिति में प्रभावित कृषकों एवं मजदूरों की समस्याओं के निदान के लिये सारे पदाधिकारी फिल्ड में जाकर अवगत हों और स्थितियों से निपटने के लिये तैयार रहें।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक के पष्चात लिये गये निर्णयों के बारे में
मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार ने मुख्य सचिवालय स्थित सभागार में संवाददाताओं को
जानकारी दी।

मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य में संभावित सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए बैठक हुई। बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान के प्रतिनिधि ने बताया की राज्य में 48 प्रतिशत कम वर्षापात हुआ है। सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

तत्काल राहत के लिए इसके संबंध में कुछ निर्णय लिए गए हैं, जिनमें किसानों को दी जाने वाली डीजल अनुदान की राशि 50 रूपये प्रति लीटर कर दिया गया है, इसका वितरण सोमवार से शुरु होगा।

सूखे की संभावित स्थिति को देखते हुये किसानों से विचार-विमर्ष करवैकल्पिक फसल हेतु बीज की उपलब्धता कृषि विभाग के पदाधिकारी 28 जुलाई तक प्रत्येक प्रखंड में सुनिश्चित करेंगे। कृषि विभाग के सभी पदाधिकारियों द्वारा आज ही क्षेत्र भ्रमण कर कृषकों से विमर्ष कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली जायेगी एवं तदनुसार वैकल्पिक फसल के संबंध में निर्णय लिया जायेगा।

ऊर्जा विभाग ट्रांसफार्मर के खराब होने की सूचना मिलने पर पूर्व में 72 घंटे के अंदर ट्रांसफर्मर बदला जाता था, अब 48 घंटे के अंदर नया ट्रांसफर्मर लगायेगा। कृषि के लिए बिजली शुल्क को 96 पैसे से घटाकर 75 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है। सरकारी ट्यूबवेल जिसमें पूर्व में व्यवसायिक बिजली शुल्क लगता था, उसे भी कम कर 75 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है।

पी0एच0ई0डी0 विभाग एक हेल्पलाइन चालू करेगा। अभी उपलब्ध 175 टैंकरों की संख्या को 500 किया जाएगा। चापाकल के रिपेयर करने वाले गैंग की संख्या बढ़ाई जा रही है। ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा के तहत जल संरक्षण के साधनों जैसे तालाब वगैरह की खुदाई कराएगा। इससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।

इस वित्तीय वर्ष में 15 करोड़ मानव दिवस सृजन करने का लक्ष्य है, जिसमें 5 करोड़ मानव दिवस का सृजन हो चुका है और 10 करोड़ मानव दिवस सृजन करने की योजना है। 27 जुलाई तक 11 लाख प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी जानी है। 4 अगस्त तक एक किस्त की राशि रिलीज कर दी जाएगी यानि 4 हजार करोड़ रूपये लाभुकों के खाते में चला जाएगा।

4 अगस्त तक 20 से 25 लाख शौचालय का निर्माण करना है, जिसके लिए 12 सौ करोड़ रुपए की राशि लाभुकों के खाते में चली जाएगी। 15 अगस्त तक 10 से 15 लाख नए शौचालय का निर्माण करना है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग 31 जुलाई तक 4 लाख राशन कार्ड उपलब्ध करायेगा।

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पी0एच0ई0डी0 विभाग मिलकर पशुओं के लिए शरणस्थली का निर्माण करायेंगे। सोलर पंप के माध्यम से उनके लिए पानी की व्यवस्था सुनिष्चित की जायेगी। वहां पर पशु कैंप लगाने का प्रबंध हो।

मुख्य सचिव ने बताया कि जल संसाधन विभाग ने एक वेबसाइट डेवलप किया है कि
नहरों का पानी कहां तक पहुंचा है, उन्हें अंतिम छोर तक पानी पहुंचाना है। जहां अभी पानी नहीं पहुंच रहा है, वहां पर जल संग्रहण के साधनों का निर्माण किया जाय, जिससे रोजगार का भी सृजन होगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री के अनुसार राशि की कोई कमी नहीं होगी। सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। मुख्य सचिव ने कहा कि मौसम वैज्ञानिकों का आकलन है कि अगले सप्ताह में वर्षा हो सकती है, इसे देखते हुए 31 जुलाई को सुखाड़ से संबंधित सारी परिस्थितियों की एक बार फिर से मुख्यमंत्री समीक्षा करेंगे।

बैठक में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री बिनोद नारायण झा, आपदा प्रबंधन मंत्री श्री दिनेष चन्द्र यादव, मुख्यमंत्री के परामर्षी श्री अंजनी कुमार सिंह, मुख्य सचिव श्री पक कुमार, विकास आयुक्त श्री शषि शेखर शर्मा, प्रधान सचिव जल संसाधन श्री अरूण मार सिंह, प्रधान सचिव पर्यावरण एवं वन श्री त्रिपुरारी शरण, प्रधान सचिव कृषि श्री सुधीर कुमार, प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन श्री प्रत्यय अमृत, प्रधान सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार श्री ब्रजेष मेहरोत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, सचिव पषु एवं मत्स्य संसाधन श्रीमती एन0 विजय लक्ष्मी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीष चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार, सचिव खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री पंकज कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण श्री जीतेन्द्र श्रीवास्तव, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री बाला मुरूगन डी0, विषेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विषेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

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