• June 18, 2016

शौचमुक्त प्रोत्साहन योजना

शौचमुक्त  प्रोत्साहन योजना

चण्डीगढ़—— हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने  राज्य के उन गांवों, खण्डों और जिलों के लिए प्रोत्साहन आधारित योजना की घोषणा की जो वर्ष 2016 में खुले में शौचमुक्त हो जाएंगे और इन्हें प्रोत्साहन आधारित योजना के तहत विकास कार्यों के लिए एक लाख रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा विकास एवं पंचायत विभाग तथा केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता तथा विश्व बैक की जल एवं स्वच्छता कार्यक्रम समूह द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘अचीविंग स्वच्छ हरियाणा-वट विल इट टेक’ राज्य स्तरीय कार्यशाला में सम्बोधित कर रहे थे। इस योजना की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि उन गांवों को मुहैया करवाई जाएगी, जो वर्ष 2016 में खुले में शौचमुक्त होंगे।

इसी प्रकार, खुले में शौचमुक्त होने पर खण्ड के सभी गांवों की पंचायत समिति को पांच लाख रुपये की राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। यदि जिला खुले में शौचमुक्त होता है तो जिला परिषद को इस योजना के तहत 20 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2019 तक प्रत्येक राज्य को खुले में शौचमुक्त करने का शतप्रतिशत लक्ष्य रखा है, जब देश महात्मा गांधी की 125वीं जयंती मनाएगा।

हरियाणा का सितम्बर, 2017 तक इसे हासिल करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उत्साह से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शौचालयों के निर्माण को सुनिश्चित करने के अलावा, सम्बन्धित विभाग को लोगों को खुले में शौचमुक्त के व्यवहार को विकसित करने के साथ-साथ उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।

 शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को साफ-सफाई के व्यवहार को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि लक्ष्य को हासिल किया जा सके। जागरूकता की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इस सभी को स्कूलों में सेमिनार आयोजित करके व ग्राम सभा की बैठकों व अन्य क्षेत्रों में बताना चाहिए। इसके अतिरिक्त, इस अभियान में गैर-सरकारी संस्थाओं को भी सहयोग करना चाहिए।

विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा किए गये प्रयासों से प्रभावित होकर उन्होंने आशा जताई कि 1 नवम्बर, 2016 तक राज्य के पांच से सात जिले खुले में शौचमुक्त हो जाएंगे। उत्सुक्तता से कार्य करते हुए कुछ और जिले 31 दिसम्बर, 2016 तक खुले में शौचमुक्त होंगे तथा शेष जिले 30 सितम्बर, 2017 तक खुले में शौचमुक्त होंगे।

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री डी एस ढेसी ने कहा कि राज्य में बदलते परिपेक्ष्य के मद्देनजर विशेष तौर पर राजनैतिक नेतृत्व और अधिकारियों की उत्कृष्ट टीम के सहयोग से खुले में शौचमुक्त चुनौती को स्वीकार करते हैं और निर्धारित अवधि के भीतर वे इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।

इस मौके पर विकास एवं पंचायत विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती नवराज संधू ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव श्री बख्शीश सिंह विर्क, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, केन्द्रीय जल एवं स्वच्छता मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री अरुण बरोका, सीएलटीएस फाउंडेशन से डा० कमलकार और विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक श्री अशोक कुमार मीणा भी उपस्थित थे।

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